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मां की याद में मंदिर बना रहा यह शख्स, नाम है श्रवण कुमार; बोले- कभी नहीं चुका सकता उनका कर्ज

बेटे ने बिहार के मूर्तिकारों को मंदिर निर्माण का काम सौंपा है। उन्होंने बताया, 'मैं अपनी मां से बहुत प्रेम करता था लेकिन कुछ सालों पहले उन्हें खो दिया। मैं उनकी याद में मंदिर बनाना चाहता हूं।'

Niteesh Kumar लाइव हिन्दुस्तान, हैदराबादFri, 11 Nov 2022 08:39 AM
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मां की याद में मंदिर बना रहा यह शख्स, नाम है श्रवण कुमार; बोले- कभी नहीं चुका सकता उनका कर्ज

आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में एक व्यक्ति अपनी मां की याद में मंदिर बना रहा है। इस शख्स का नाम श्रवण कुमार है और लोग इसे आज का 'श्रवण कुमार' कह रहे हैं। कुछ सालों पहले इस शख्स की मां का निधन हो गया था। मंदिर का निर्माण कार्य 2019 में शुरू हुआ। बेटे ने मंदिर के अंदर एक ही पत्थर से गढ़ी गई अपनी दिवंगत मां की मूर्ति स्थापित करने का संकल्प लिया है।

बेटे ने बिहार के कामगारों और मूर्तिकारों को मंदिर निर्माण का काम सौंपा है। श्रवण कुमार ने बताया, 'मैं अपनी मां से बहुत प्रेम करता था लेकिन कुछ सालों पहले उन्हें खो दिया। उनका कर्ज कभी चुका नहीं सकता हूं। मैं उनकी याद में मंदिर बनाना चाहता हूं और इसके लिए बिहार से वर्कर्स हायर किए हैं। मंदिर बनाने का काम 2019  में शुरू हुआ। मेरी मां की मूर्ति 6 फीट की होगी जो कि एक ही पत्थर से बनी होगी।'

मंदिर के पूरा होने में लगेगा 2 साल
मंदिर निर्माण कार्य में लगे एक शख्स ने बताया कि इसे पूरा होने में अभी 2 साल का समय लगेगा। उन्होंने कहा, 'मैं यहां चार महीनों से काम कर रहा हूं। मूर्ति बनाने का काम मेरे पास है। मुझे 2 साल में इसे पूरा कर लेने के लिए कहा गया है। हमारी टीम इस पर पूरी लगन से काम कर रही है। ऐसा हो सकता है कि इसे पूरा करने में 2 साल से ज्यादा समय लग जाए। हालांकि हमारी कोशिश इसे डेडलाइन के भीतर पूरा करने की है।'

श्रवण कुमार ने कायम किया सेवा का उदाहरण
गौरतलब है कि श्रवण कुमार की कहानी बहुत ही मशहूर है। बताते हैं कि श्रवण कुमार अपने माता-पिता की बहुत सेवा करते थे। वह उन्हें कांवर में बिठाकर तीर्थाटन के लिए निकले थे। श्रवण कुमार ने माता-पिता की अपनी सेवा से उदाहरण कायम किया। यही वजह है कि आज भी एक योग्य बेटे की तुलना श्रवण कुमार से की जाती है। माता-पिता की यह इच्छा होती है कि उनका बेटा भी उनकी उसी प्रकार सेवा और इज्जत करे जैसे श्रवण कुमार करते थे।