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साल भर में निपट जाएगा केस? बेचैन तहव्वुर राणा ने वकील से पूछा सवाल, क्या मिला जवाब

  • एनआईए के अधिकांश सवालों के जवाब में राणा अगर मगर कर रहा है, वहीं, एजेंसी के सवालों से घबराया राणा अब मुकदमे की पूरी प्रक्रिया और इसमें लगने वाले वक्त को लेकर वकील से ही सवाल पूछने लगा।

Himanshu Tiwari लाइव हिन्दुस्तानSat, 12 April 2025 06:24 PM
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साल भर में निपट जाएगा केस? बेचैन तहव्वुर राणा ने वकील से पूछा सवाल, क्या मिला जवाब

मुंबई 26/11 हमलों का अहम आरोपी तहव्वुर राणा 18 दिनों की रिमांड पर एनआईए की हिरासत में हैं। उससे आतंकी हमलों के बार में जांज एजेंसी पूछताछ कर रही है। एनआईए के अधिकांश सवालों के जवाब में राणा अगर मगर कर रहा है, वहीं, एजेंसी के सवालों से घबराया राणा अब मुकदमे की पूरी प्रक्रिया और इसमें लगने वाले वक्त को लेकर वकील से ही सवाल पूछने लगा।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, जब राणा ने अपने सरकारी वकीलों से पूछा कि क्या मामला एक साल में निपट जाएगा, तो उन्हें जवाब मिला, "नहीं, सिर्फ चार्जशीट दाखिल करने में ही एक साल लग सकता है और पूरी सुनवाई में पांच से दस साल तक लग सकते हैं।" यह सुनकर राणा के चेहरे पर हल्की बेचैनी आ गई।

राणा ने वकील को दिया अमेरिकी कानून का हवाला

राणा ने अमेरिका की कानूनी व्यवस्था का हवाला देते हुए पूछा, "क्या मैं 'फिफ्थ' ले सकता हूं?" यानी क्या मैं ऐसे सवालों के जवाब देने से बच सकता हूं जो मुझे फंसा सकते हैं? इस पर उसके वकीलों ने बताया कि भारत में भी किसी को खुद के खिलाफ गवाही देने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।

राणा का अमेरिका से भारत प्रत्यर्पण हुआ तो उसकी ड्रेस भूरी थी, उसकी सफेद दाढ़ी, चश्मा और थका हुआ चेहरा था। उसके साथ दो सरकारी वकील पियूष सचदेवा और लक्ष्य धीर मौजूद थे। एनआईए के अफसरों ने उसे फल भी दिए, लेकिन उसने खाने से मना कर दिया। हालांकि, एजेंसी के लोगों से वह आराम से बातचीत करता रहा। एनआईए राणा को लेकर कोई खतरा नहीं उठाना चाहती। एजेंसी चाहती है कि यह मुकदमा एक मिसाल बने, इसलिए राणा की सेहत, सुरक्षा और अधिकारों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। कोर्ट ने भी कहा है कि हर 48 घंटे में राणा का मेडिकल चेकअप किया जाए।

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अभी कई सबूतों का सामना करना बाकी

राणा की सबसे बड़ी चिंता ये है कि वह पहले ही अमेरिका में लंबी सजा काट चुका है और 2011 में वहां की अदालत ने उसे मुंबई हमलों से बरी कर दिया था। ऐसे में भारत में दोबारा मुकदमा चलाना कितना सही है, इस पर अदालत में आगे बहस होगी। एनआईए का कहना है कि राणा से अभी कई सबूतों का सामना कराना बाकी है और उसकी गवाही से नई जानकारियां मिल सकती हैं। कोर्ट ने एनआईए को राणा की 18 दिन की हिरासत दी है, जबकि एजेंसी ने 20 दिन मांगे थे। साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा कि राणा अपने वकीलों से हर दूसरे दिन मिल सकता है, लेकिन यह मुलाकात एनआईए की निगरानी में होगी।