Delhi Environment Minister says Delhi to table cloud-seeding proposal, launch pollution action plan next week दिल्ली में प्रदूषण से निपटने यह बड़ा प्रयोग करने वाली है सरकार, अगले हफ्ते कैबिनेट में रखा जाएगा प्रपोजल, Ncr Hindi News - Hindustan
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दिल्ली में प्रदूषण से निपटने यह बड़ा प्रयोग करने वाली है सरकार, अगले हफ्ते कैबिनेट में रखा जाएगा प्रपोजल

मंत्री ने कहा, ‘प्रस्ताव को कैबिनेट के सामने रखा जाएगा और एकबार मंजूरी मिलने के बाद हम अन्य सभी जरूरी NOC के लिए तुरंत आवेदन करेंगे। हमारी योजना भीषण गर्मी के मौसम में दिल्ली के बाहरी इलाकों में इसका परीक्षण करने की है।'

Sourabh Jain पीटीआई, नई दिल्लीWed, 23 April 2025 08:02 PM
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दिल्ली में प्रदूषण से निपटने यह बड़ा प्रयोग करने वाली है सरकार, अगले हफ्ते कैबिनेट में रखा जाएगा प्रपोजल

दिल्ली में प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार बेहद गम्भीरता के साथ कृत्रिम बारिश (क्लाउड-सीडिंग ट्रायल) परीक्षण के बारे में सोच रही है, और इस दिशा में एक कदम और आगे बढ़ते हुए विभाग द्वारा इसका प्रस्ताव अगले सप्ताह होने वाली कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। इस बात की जानकारी दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बुधवार को दी। उन्होंने बताया कि विभाग अगले सप्ताह में प्रदूषण कार्य योजना शुरू करेगा, जिसके तहत प्रदूषण पैदा करने वाले स्रोतों से निपटने के लिए व्यापक उपायों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए सिरसा ने कहा कि दिल्ली सरकार उन्नत तकनीकी का इस्तेमाल करके प्रदूषण पर अंकुश लगाने की अपनी कोशिशों को तेज कर रही है। इसमें अधिकतम डिजिटलीकरण, AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी कृत्रिम बुद्धिमत्ता) आधारित निगरानी और निर्माण एवं यातायात प्रभावित क्षेत्रों की चौबीसों घंटे निगरानी शामिल है।

मंत्री ने कहा, ‘प्रस्ताव को कैबिनेट के सामने रखा जाएगा और एकबार मंजूरी मिलने के बाद हम अन्य सभी जरूरी NOC के लिए तुरंत आवेदन करेंगे। हमारी योजना भीषण गर्मी के मौसम में दिल्ली के बाहरी इलाकों में इसका परीक्षण करने की है।' आगे उन्होंने कहा, 'अगर सब कुछ सुचारू रूप से और बिना किसी बाधा के चलता है, तो हम अपनी जनता की बेहतरी के लिए और गंभीर प्रदूषण से निपटने के लिए इस पर एक आपातकालीन विकल्प के रूप में विचार करेंगे।'

कृत्रिम बारिश की पहल की प्रगति के बारे में नई जानकारी देते हुए सिरसा ने ‘पीटीआई’ से कहा कि ‘क्लाउड-सीडिंग’ का प्रस्ताव जो अभी अपने अंतिम चरण में है, उसे अगली कैबिनेट बैठक में पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर इसे मंजूरी मिल जाती है तो इस प्रस्ताव को आगे अन्य जरूरी अनापत्ति प्रमाण-पत्र (NOC) और विस्तृत मूल्यांकन के लिए सभी विभागों में भेजा जाएगा।

आगे उन्होंने कहा कि जनता की असुविधा को कम करने और पारदर्शिता बढ़ाने की कोशिशों को प्राथमिकता दी जाएगी और इसके लिए अधिकतर कार्य डिजिटलीकरण के माध्यम से किए जाएंगे। सिरसा ने आगे कहा, ‘हमारी सरकार लोगों की भलाई के लिए काम करने को पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और दिल्ली में प्रदूषण एक गंभीर समस्या है और हम इसके सभी स्रोतों को बंद करने के लिए हर स्तर पर काम कर रहे हैं।’

बता दें कि कृत्रिम वर्षा (क्लाउड-सीडिंग) परीक्षण की दिशा में आगे बढ़ने के लिए सरकार को कुल 12 एजेंसियों से एनओसी लेनी होगी। जिसमें नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA), रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, विशेष सुरक्षा समूह (SPG), पर्यावरण मंत्रालय, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (भारत सरकार) और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण शामिल हैं।

पर्यावरण मंत्री ने विभाग द्वारा वर्तमान में विकसित की जा रही प्रदूषण कार्य योजना की प्रमुख विशेषताओं को भी साझा किया। उन्होंने कहा कि प्रदूषण के स्तर की निगरानी, ​​निर्माण गतिविधि को ट्रैक करने और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) के मानदंडों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए एक वास्तविक समय डैशबोर्ड स्थापित किया जाएगा।

उन्होंने कहा, 'मिनट बाय मिनट स्तर के डेटा को कैप्चर करने और उचित रिकॉर्ड बनाए रखने के लिए, हम डिजिटलीकरण और कृत्रिम बुद्धिमत्ता-आधारित निगरानी का उपयोग करेंगे।' कार्य योजना के हिस्से के रूप में, जनता की असुविधा को कम करने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए एंड-टू-एंड डिजिटलीकरण को प्राथमिकता दी जाएगी।

उन्होंने बताया कि शहर की सीमाओं पर प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने से लेकर नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों को ईंधन देने से मना करने तक, कई सख्त उपाय लागू किए जाएंगे। शहर के 13 प्रमुख प्रदूषण हॉटस्पॉट पर यातायात को प्रबंधित करने के लिए कैमरे और डैशबोर्ड लगाए जाएंगे। दुरुपयोग को रोकने और लाभ को अधिकतम करने के लिए, विभिन्न विभाग चौबीसों घंटे कार्यान्वयन की निगरानी करेंगे।