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फरीदाबाद:पांच हजार करोड़ के घोटाले का आरोपी बताकर किया डिजिटल अरेस्ट,16 लाख ठगे

साइबर ठगों ने एक व्यक्ति को डिजिटल अरेस्ट कर 16 लाख 44 हजार रुपये ठग लिए। आरोपियों ने मुंबई क्राइम ब्रांच अधिकारी बनकर पीड़ित को पांच हजार करोड़ रुपये के घोटाले का आरोपी बताया था।

Utkarsh Gaharwar हिन्दुस्तान, फरीदाबादWed, 14 May 2025 06:55 AM
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फरीदाबाद:पांच हजार करोड़ के घोटाले का आरोपी बताकर किया डिजिटल अरेस्ट,16 लाख ठगे

साइबर ठगों ने एक व्यक्ति को डिजिटल अरेस्ट कर 16 लाख 44 हजार रुपये ठग लिए। आरोपियों ने मुंबई क्राइम ब्रांच अधिकारी बनकर पीड़ित को पांच हजार करोड़ रुपये के घोटाले का आरोपी बताया था। साइबर थाना सेंट्रल की पुलिस जांच में जुटी है। पुलिस के अनुसार पीड़ित सेक्टर-86 स्थित ग्रेटर फरीदाबाद के ओमेक्स हाईट्स सोसाइटी में रहते हैं। वह कंपनी में काम करते हैं।

उन्होंने पुलिस को बताया कि 28 अप्रैल को एक व्हाट्सऐप कॉल आया। कॉलर ने खुद को मुंबई पुलिस का क्राइम ब्रांच अधिकारी बताया और कहा कि मुंबई पुलिस ने पांच हजार करोड़ के घोटाले का खुलासा किया है। इसमें नरेश गोयल को गिरफ्तार है, जो पूछताछ में उनका नाम बताया है। घोटाले में उनके पैन कार्ड और आधार कार्ड का इस्तेमाल हुआ है।

घोटाले की राशि में से साढ़े छह करोड़ उनके बैंक खाते में गए हैं। पीड़ित ने इससे इनकार किया। इस पर आरोपी ने गिरफ्तारी की बात कही और वीडियो कॉल पर आने को कहा। वह वीडियो कॉल से जुड़े। कॉल में क्राइम ब्रांच कार्यालय का दृश्य दिखा। कुछ लोग पुलिस और वकील के पोशाक में थे, जिससे वह डर गए। आरोपियों ने उन्हें 28 से 30 अप्रैल तक डिजिटल अरेस्ट रखा और बैंक खाता, उसमें जमा रुपये, फिक्स डिपॉजिट आदि की जानकारी ली। एक बैंक खाता संख्या भेजकर सारे रुपये उसमें जमा करने को कहा।

आरोपियों ने कहा कि जांच पूरी होने के बाद सारे रुपयं लौटा देंगे। पीड़ित ने कहा,वह इतने डरे थे कि अपने बैंक खाता आदि में जमा 16 लाख 44 हजार रुपये आरोपियों के बैंक खाते में जमा कर दिए। आरोपियों ने वीडियो कॉल करते ही बताया कि जांच पूरी होने तक वह एक पल के लिए भी मोबाइल स्क्रीन से नहीं हट सकते हैं। आरोपियों ने फोन की बैटरी को पूरा चार्ज रखने को कहा। फोन में नेटवर्क की दिक्कत नहीं आने को कहा। कैमरा बंद करने की मनाही थी। आरोपियों ने कहा कि इनमें से एक भी दिक्कत आने पर उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इसके बाद वह परिवार से अलग होकर एक कमरे में बंद हो गए और तीन दिन तक कमरे से बाहर नहीं निकले।