शहीद दिनेश का बलिदान, याद रखेगा हिंद्स्तान
पलवल के मोहम्मदपुर गांव के लांस नायक दिनेश शर्मा की शहादत के बाद गांव में शोक का माहौल है। उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया। उनकी पत्नी सीमा गर्व से कहती हैं कि उनका पति भारत माता की...

पलवल, कार्यालय संवाददाता। जम्मू-कश्मीर के पुंछ में बम फटने से शहीद हुए मोहम्मदपुर के लाल लांस नायक दिनेश शर्मा गुरुवार शाम करीब 04:30 बजे पंचतत्व में विलीन हो गए। उनके पार्थिव शरीर का राजकीय सम्मान के साथ गांव स्थित सरकारी ट्यूबवेल के पास सरकारी जमीन पर अंतिम संस्कार किया गया। उनकी अंतिम यात्रा में जनसैलाब उमड़ पड़ा। गांव में चारों ओर भारत माता की जय, हिन्दुस्तान जिंदाबाद का जय-घोष होता रहा। लांस नायक दिनेश शर्मा की शहादत की जानकारी पाकर बुधवार शाम से ही पलवल में गम का माहौल था। गांव मोहम्मदपुर और आसपास के गांव के लोग शहीद के अंतिम दर्शन के लिए गुरुवार सुबह ही उनके घर पहुंच गए।
उनके घर पर लोगों का हूजूम जमा था। सभी पीड़ित परिवार को सांत्वना दे रहे थे। दोपहर 12 बजे तक गांव में अंतिम दर्शन करने वालों की भीड़ जुट गई थी। दोपहर बाद उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंचा। शहीद का पार्थिव शरीर सेना के जिस वैन में था, उसे फूलों से सजाया गया था। उनके पार्थिव शरीर को पहले पूरे गांव में घुमाया गया। इस दौरान गांव की महिलाएं उन पर फूल बरसा रही थीं। लोग भारत माता की जय के नारे लगा रहे थे। ----------- पिता के पार्थिव शरीर से लिपटे बेटी-बेटा शहीद की सात वर्षीय बेटी काव्या और पांच वर्षीय बेटा दर्शन कुमार पिता के पार्थिव शरीर को देखकर उनसे लिपट गया। दोनों उन्हें उठने को कह रहे थे। यह देखकर आसपास खड़े लोगों के आंखों से अनायास आंसू बहने लगे। बेटा-बेटी दोनों ने पिता को जय हिंद कहकर सलामी दी। इसके बाद दोनों को दादा ने गोद में उठा लिया। ----- पत्नी ने कहा, उन्हें पति पर गर्व है शहीद की पत्नी सीमा का रो-रोकर बुरा हाल था। पार्थिव शरीर के पास पहुंचकर वह बदहवास हो गई। इस दौरान आसपास खड़ी महिलाओं ने उन्हें संभाला। पत्नी सीमा ने बताया कि उन्हें अपने पति की शहादत पर गर्व है। गर्व है कि वह भारत माता की रक्षा करते हुए शहादत प्राप्त की है। उनकी वीरता को हमेशा याद रखा जाएगा। स्थानीय लोगों ने बताया कि सीमा चार माह की गर्भवती है। ----- पिता ने कहा, फौजी कभी मरता नहीं है.. शहीद दिनेश शर्मा के पिता दयाराम ने कहा कि फौजी कभी मरता नहीं है.. वह अमर हो जाता है। उसके बेटा ने देश सेवा में अपनी जान दी है। उन्होंने भारत माता के लिए अपना जान न्योछाबर की है। उनकी शहादत पर पूरा गांव, जिला पलवल ही नहीं हरियाणा और पूरे देश को गर्व है। उन्होंने बताया दो बेटा भी अग्निवीर योजना के तहत सेना में सेवा दे रहे हैं। शहीद की मां ने कहा कि उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा कि उनका बेटा अब इस दुनिया में नहीं है। ----- सुबह चार बजे पत्नी नहीं उठा पाई थी दिनेश की कॉल पत्नी सीमा ने बताया कि मंगलवार शाम उनकी दिनेश से मोबाइल फोन पर बात हुई थी। उस दौरान उन्होंने रात करीब 12 बजे कॉल करने की बात बताई थी। रात 12 बजे के काफी देर तक वह उनके कॉल आने का इंतजार करती रही। लेकिन कॉल नहीं आने पर वह सो गई। सुबह करीब चार बजे उनके मोबाइल फोन पर दिनेश का कॉल आया। लेकिन गहरी नींद में होने के चलते वह उनके कॉल को नहीं उठा पाई। इसके बाद दिनेश ने अपने एक दोस्त को कॉल किया। दोस्त ने कॉल उठाया तो दो बार-हैलो..हैलो की आवाज आने के बाद दिनेश आगे कुछ नहीं बोले। ----- पांच बजे कॉल किया तो पता चला वह घायल हैं पत्नी और परिवार के सदस्यों ने बताया कि सुबह करीब पांच बजे नींद टूटने के बाद दिनेश के मोबाइल फोन पर कॉल किया गया। किसी ने उनका कॉल रिसीव किया और कहा कि दिनेश घायल हैं। उन्हें सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनके गले में चोट आई और गले का ऑपरेशन किया जा रहा है। यह सुनकर परिवारवालों के होश उड़ गए। सभी उनके स्वस्थ होने की कामना करने लगे। शाम के समय सैन्य अधिकारियों द्वारा बताया कि उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके बाद पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया और गांव में गम का माहौल हो गया। ----- साढ़े चार बजे तक दिया गया राजकीय सम्मान शहीद दिनेश शर्मा को शाम करीब साढ़े चार बजे तक राजकीय सम्मान दिया गया। केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर, कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल, मंत्री राजेश नागर, मंत्री गौरव गौतम, कांग्रेस नेता उदयभान, करण दलाल आदि ने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजली दी। जिला उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, सेना के पूर्व अधिकारियों द्वारा पूष्प अर्पित कर पुष्पांजली दी गई। ------ 2014 में सेना में हुए थे भर्ती शहीद दिनेश कुमार शर्मा का जन्म 30 जनवरी 1993 को जिला पलवल के गांव नगला मोहम्मदपुर में पिता दयाचंद और माता मीरा के घर हुआ था। दिनेश कुमार शर्मा ने 15 सितंबर 2014 को आर्मी की 5 एफडी रेजीमेंट में ड्यूटी ज्वाइन की थी। उनका विवाह सीमा के साथ हुआ था। शहीद दिनेश कुमार शर्मा अपने पीछे एक पुत्र दर्शन कुमार और एक पुत्री काव्या को छोड़ गए हैं। उनके चार छोटे भाई विष्णु कुमार, कपिल, पुष्पेंद्र, हरदत्त तथा एक बहन ममता देवी भी हैं। हाल ही में उनकी लांस नायक के पद पर पदोन्नति हुई थी। शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर, हरियाणा सरकार में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री विपुल गोयल, खाद्य एवं आपूर्ति राज्य मंत्री राजेश नागर, खेल राज्य मंत्री गौरव गौतम, विधायक,पूर्व विधायक और प्रशासनिक अमला मौजूद रहा। ----- सेनाध्यक्ष ने लांस नायक की शहादत को सलामी दी नई दिल्ली। नियंत्रण रेखा पर शहीद हुए भारतीय सेना के जवान लांस नायक दिनेश कुमार को थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी समेत भारतीय सेना के सभी रैंक के अफसरों ने गुरुवार को सलामी दी। भारतीय सेना का कहना है कि वह उन निर्दोष नागरिकों के साथ भी एकजुटता में खड़ी है, जो पुंछ सेक्टर में दुश्मन के अंधाधुंध तोपखाने की गोलीबारी के शिकार हुए हैं। सेना ने कहा कि दुश्मनों के नापाक मंसूबों को दृढ़ और दंडात्मक कार्रवाई से नाकाम किया गया और किया जाता रहेगा।
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