बाल विवाह एक गंभीर सामाजिक बुराई: विश्राम कुमार मीणा
फरीदाबाद में बाल विवाह रोकने के लिए लघु सचिवालय में बैठक आयोजित की गई। उपायुक्त मीणा ने इसे गंभीर सामाजिक बुराई बताते हुए कहा कि समाज, सरकार और पंचायतों को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने बाल विवाह...

फरीदाबाद, वरिष्ठ संवाददाता। बाल विवाह जैसी कुप्रथा को रोकने के लिए लघु सचिवालय में बैठक का आयोजन किया गया। उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा बाल विवाह को एक गंभीर सामाजिक बुराई बताते हुए इसे बच्चों के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास में बाधक बताया।शुक्रवार को आयोजित बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारी और पंच, सरपंचों को जागरुक करते हुए उपायुक्त मीणा ने बताया कि बाल विवाह पर प्रभावी कदम उठाना जरुरी है। उन्होंने कहा कि इसे रोकने के लिए समाज, सरकार और पंचायतों को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने विशेष रूप से पंचायतों की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि यदि किसी गांव में बाल विवाह की सूचना मिलती है तो सरपंच का नैतिक दायित्व है कि वह इसे तुरंत रुकवाएं और प्रशासन को सूचित करें।
उन्होंने बताया कि बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के अनुसार 18 वर्ष से कम आयु की लड़कियों और 21 वर्ष से कम आयु के लड़कों का विवाह अवैध है और इसके उल्लंघन पर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में बाल विवाह रोकथाम के लिए सख्त कदम उठाएं। साथ ही उन्होंने यह सुनिश्चित करने को कहा कि किसी भी प्रिंटिंग प्रेस पर बिना आयु प्रमाण पत्र के शादी के निमंत्रण पत्र न छपें।
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