जमीन को कब्जे से बचाने के लिए खोरी में जंगल विकसित होगा
फरीदाबाद, वरिष्ठ संवाददाता। नगर निगम प्रशासन खोरी गांव की जमीन को कब्जे से बचाने

फरीदाबाद, वरिष्ठ संवाददाता। नगर निगम प्रशासन खोरी गांव की जमीन को कब्जे से बचाने के लिए पौधे लगाकर जंगल बनाने की तैयारी में जुटा है। निगम 100 एकड़ जमीन में पौधारोपण करेगा। पौधारोपण के लिए एक करोड़ 90 लाख रुपये का बजट मंजूर किया है।
दिल्ली प्रहलादपुर बॉर्डर की सीमा पर खोरी गांव बसा हुआ है। यहां पर वन विभाग की करीब 100 एकड़ जमीन पर लोगों ने पक्के घर बनाए हुए थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वर्ष 2021 में नगर निगम प्रशासन ने भारी विरोध के बाद इस जमीन पर अवैध कब्जों जमींदोज कर दिया था। इसके बाद कुछ लोगों ने फिर से इस जमीन पर अवैध कब्जे कर लिए थे। नगर निगम के दस्ते ने यहां पर फिर से बुलडोजर चलाकर इस जमीन पर बने कब्जों को हटा दिया। अवैध कब्जे हटने के बाद से अब फिर से इस जमीन पर लोगों ने अवैध कब्जे कर लिए हैं। इससे एक बार से इस जमीन पर कब्जे होने की आशंका पैदा हो गई है। इसे देखते हुए नगर निगम प्रशासन ने एक बार फिर इस जमीन को कब्जा मुक्त करने के लिए तोड़फोड़ करने की योजना बनाई है। जल्द ही निगम का दस्ता यहां तोड़फोड़ करेगा, ताकि इस जमीन पर फिर से कब्जा मुक्त किया जा सके। दिल्ली की सीमा से लगे के होने के कारण दिल्ली में काम करने वाले लोगों के निशाने पर यह जमीन है। बार-बार कब्जे होने से निगम के लिए इस जमीन को कब्जा करने वालों से बचाना सिरदर्द बना हुआ है।
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इमारती लकड़ियों वाले पौधे लगेंगे:
नगर निगम प्रशासन इस जमीन को कब्जों से मुक्त रखने के लिए जंगल बनाएगा। यहां पर भवन निर्माण में काम आने वाली लकड़ियों के पौधे लगाकर जंगल बनाया जाएगा। पौधे लगने से यहां पर घना जंगल बन सकेगा। पौधारोपण के साथ-साथ यहां पर झाड़ियां भी लगाई जाएंगी। इससे यहां पर कब्जे रुक सकेंगे। जंगल बनाने के लिए निगम प्रशासन निजी एजेंसी से अनुबंध करेगा। इस कार्ययोजना पर करीब एक करोड़ 90 लाख रुपये का बजट खर्च होगा। एजेंसी ने निगम एक साल के लिए अनुबंध करेगा। यह एजेंसी पौधारोपण के साथ-साथ पौधों की देखभाल भी करेगी। निगम ने इस कार्ययोजना के लिए एजेंसी से करार करने के लिए टेंडर लगा दिया है।
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प्रदूषण से भी मिलेगी राहत:
खोरी एरिया की जमीन पर जंगल बनाए जाने की योजना से कब्जा होने से ही नहीं बचेगी, बल्कि जंगल बनाए जाने से प्रदूषण से भी राहत मिलेगी। आने वाले समय में यह जंगल ऑक्सीजन सेंटर का काम करेगा। सूरजकुंड एरिया के साथ-साथ इसके सीमावर्ती दिल्ली इलाके में रहने वाले लोगों को भी प्रदूषण से राहत मिलेगी।
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