पृथला लाइन का काम पूरा न होने से ग्रेफ में बिजली संकट होगा
फरीदाबाद,वरिष्ठ संवाददाता। पृथला से सेक्टर-78 बिजलीघर तक खींची जा रही बिजली लाइन का काम

फरीदाबाद,वरिष्ठ संवाददाता। पृथला से सेक्टर-78 बिजलीघर तक खींची जा रही बिजली लाइन का काम पूरा नहीं हो सका है। जबकि यह काम 31 मार्च तक पूरा हो जाना चाहिए था। इससे ग्रेटर फरीदाबाद में बिजली संकट पैदा होने की आशंका है।
अभी इस लाइन का काम पूरा होने में दो वर्ष से ज्यादा का समय लग सकता है। वर्ष 2016 में पृथला स्थित 400केवी के बिजलीघर से सेक्टर-78 स्थित 22केवी के बिजलीघर को जोड़ने के लिए करीब 31 किलोमीटर लंबी बिजली लाइन को खींचने की योजना तैयार की गई थी। इसके लिए 50 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया गया था। वर्ष 2021 तक इस बिजलीलाइन का काम पूरा किया जाना था। लेकिन, बार-बार इस लाइन का काम पूरा करने समयावधि बदलती रही। इस वर्ष 31 मार्च तक इस लाइन का काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन, अभी भी इस लाइन का काम बचा हुआ है। सबसे ज्यादा समस्या दयालपुर गांव में आ रही है। यहां पर विभाग का जमीन मालिक के साथ मुआवजे को लेकर विवाद चल रहा है। इसके अलावा भी कई किसान हैं, जो ज्यादा मुआवजे की मांग कर रहे हैं। इस कारण लाइन का काम रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है। जब तक मुआवजा विवाद का निपटारा नहीं होगा, तब तक विभाग यहां पर टावर खड़ा नहीं कर सकेगा। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक, इस बिजली लाइन के 169 टावर में से सिर्फ 168 टावर के फाउंडेशन खड़े हो चुके हैं। जबकि एक टावर के फाउंडेशन का काम अधूरा है। वहीं 144 टावर खड़े हो चुके हैं। यही नहीं तीन किलोमीटर एरिया में तार भी खींची जा चुकी है।
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सेक्टर-78 बिजलीघर पूरी क्षमता से नहीं चल सकेगा: सेक्टर-78 में बनाए गए 220केवी के बिजलीघर के लिए इस लाइन से बिजली की सप्लाई होना बेहद जरूरी है। जब तक इस लाइन का काम पूरा नहीं होगा, तब तक यह बिजलीघर पूरी क्षमता से काम नहीं कर सकेगा। इस वजह से ग्रेटर फरीदाबाद में बिजली की मांग बढ़ने पर बिजली संकट पैदा हो सकता है। यदि गरमी सामान्य से ज्यादा रहती है तो ज्यादा समस्या पैदा हो सकती है।
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बाजार भाव की नीति बनने के बाद भी जमीन नहीं मिल पा रही: प्रदेश सरकार बाजार भाव पर भी जमीन लेने की नीति बना चुकी है। फिर भी यह विवाद सुलझ नहीं सका है। दयालपुर गांव निवासी प्लॉट की मालकिन नीता ने बताया कि विभाग ने जिस तरीके से उनके प्लॉट की जमीन को टावर खड़ा करने के लिए लिया है। उससे पूरा प्लॉट खराब हो गया है। विभाग प्लॉट के बीचों-बीच टावर खड़ा कर रहा है। इससे प्लॉट का बाकी हिस्सा उपयोग के लिए नहीं बचेगा। विभाग को पूरा प्लॉट लेना चाहिए। विभाग को पूरे प्लॉट का मुआवजा भी बाजार भाव पर देना चाहिए। उधर, विभागीय अधिकारियों का कहना है कि राजस्व विभाग जल्द ही अपनी रिपोर्ट देगा। उसके आधार पर जमीन मालिकों को मुआवजा दिया जाएगा। इस वजह से इस लाइन का काम पूरा होने में अभी दो माह से और ज्यादा का समय लगने की आशंका है।
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