रेल रोको आंदोलन में ट्रेन रोकने पर हुई थी FIR, 7 आरोपी 28 साल बाद गिरफ्तार; क्या है मामला
गाजियाबाद जिले में राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने 1997 में ‘रेल रोको आंदोलन’ के दौरान ट्रेन के आवागमन में बाधा डालने के आरोप में 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए इन आरोपियों में दो महिलाएं भी शामिल हैं।

कहते हैं कि कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं और हर अपराधी कभी न कभी अपने अपराध का दंड भुगतना ही पड़ता है। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से सामने आए ऐसे ही एक मामले में करीब 28 साल पहले किए गए अपराध में फरार चल रहे 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। अदालत ने सभी आरोपियों को जेल भेज दिया है।
गाजियाबाद जिले में राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने 1997 में ‘रेल रोको आंदोलन’ के दौरान ट्रेन के आवागमन में बाधा डालने के आरोप में 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए इन आरोपियों में दो महिलाएं भी शामिल हैं। आरोपियों की पहचान- चंद्रभान, राकेश सिंह, विनोद कुमार, महेंद्र सिंह, देवेंद्र सिंह, ब्रह्मवती और किशनवती के रूप में की गई है। सभी आरोपी पिलखुवा थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं।
जीआरपी ने रविवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि करीब 28 वर्ष पूर्व हुई इस घटना के समय पिलखुवा रेलवे स्टेशन के स्टेशन मास्टर द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के बाद कानूनी प्रक्रिया के तहत ये गिरफ्तारियां की गई हैं। आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 341 (गलत तरीके से रोकना) और 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
जमानत मिलने के बाद से फरार चल रहे थे आरोपी
जीआरपी के सर्किल ऑफिसर (सीओ) सुदेश कुमार गुप्ता ने बताया कि मामले के शुरुआती चरणों में जमानत हासिल करने के बाद आरोपी अदालत में पेश नहीं हुए थे। इस कारण उनकी गिरफ्तारी के लिए गैर-जमानती वारंट जारी किए गए थे।
सीओ ने बताया कि लंबे समय से जारी वारंट पर कार्रवाई करते हुए हमने शनिवार को आरोपियों के घरों पर छापेमारी की। इस कार्रवाई के दौरान सभी सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों को बाद में अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।