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यमुना प्रदूषण को रोकने के लिए तीन सीईटीपी निर्माण की तैयारी

- दो सीईटीपी का निर्माण एचएसआईआईडीसी की तरफ से किया जाएगा तो एक सीईटीपी का निर्माण जीएमडीए करेगा

Newswrap हिन्दुस्तान, गुड़गांवFri, 11 April 2025 10:56 PM
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यमुना प्रदूषण को रोकने के लिए तीन सीईटीपी निर्माण की तैयारी

गुरुग्राम, कार्यालय संवाददाता। यमुना प्रदूषण को कम करने के लिए तीन सेक्टरों में तीन सीईटीपी (सामान्य अपशिष्ट उपचार संयंत्र) तैयार किए जाएंगे। इस संयंत्र के माध्यम से औद्योगिक क्षेत्र से निकल रहे केमिकलयुक्त पानी को शोधित किया जा सकेगा।

जीएमडीए और एचएसआईआईडीसी ने सेक्टर-18, 34 और 37 में सीईटीपी तैयार करने की योजना बनाई है। इनमें एक सीईटीपी सेक्टर-34 में जीएमडीए की तरफ से तैयार किया जाएगा। इसकी क्षमता करीब 20 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रतिदिन) की होगी। सेक्टर-34 और बहरामपुर में कई फैक्ट्रियों में कपड़ों की रंगाई का काम होता है। इसमें केमिकल का इस्तेमाल होता है। इससे निकलने वाले पानी को सीवर शोधन संयंत्र शोधित करने में नाकाफी होता है। ऐसे में इसे शोधित करने के लिए सीईटीपी का निर्माण करने की योजना बनाई है। जीएमडीए की तरफ से इस योजना के तहत डीपीआर तैयार की जा रही है।

इसके अलावा सेक्टर-18 और 37 में सीईटीपी का निर्माण एचएसआईआईडीसी की तरफ से किया जाएगा। हरियाणा के मुख्य सचिव ने इस सिलसिले में एचएसआईआईडीसी के प्रबंध निदेशक को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सेक्टर-18 में डेढ़ एमएलडी तो सेक्टर-37 में नौ एमएलडी क्षमता का सीईटीपी बनाया जाएगा। सेक्टर-37 में मौजूदा समय में करीब एक हजार उद्योग हैं। इसमें अधिकांश एक्सपोर्ट हाउस हैं। इसके अलावा इस क्षेत्र के साथ लगते गांव खांडसा में भी अवैध रूप से कई एक्सपोर्ट हाउस चल रहे हैं।

यमुना प्रदूषण रोकना मुख्य उद्देश्य

राष्ट्रीय हरित अभिकरण (एनजीटी) ने आदेश जारी किए हैं कि यमुना में गंदा पानी नहीं छोड़ा जाए। इसको लेकर एनजीटी ने आदेश जारी किए हैं कि पर्याप्त मात्रा में सीवर शोधन संयंत्र और सीईटीपी का निर्माण किया जाए। सूत्रों के मुताबिक मौजूदा समय में करीब 100 एमएलडी सीवर का गंदा पानी बिना शोधित किए यमुना में डाला जा रहा है।

तीनों बरसाती नाले के नमूने फेल मिले

पिछले दिनों हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने शहर के तीनों मुख्य नालों से पानी के नमूने लिए थे। ये नमूने जांच में फेल पाए गए। ये सभी नमूने नजफगढ़ ड्रेन के समीप लिए गए थे। नजफगढ़ ड्रेन के माध्यम से इन बरसाती नालों का पानी यमुना में चला जाता है। प्रदूषण विभाग ने इस मामले में जीएमडीए अधिकारियों को अवगत करवाते हुए बरसाती नालों में गंदा पानी नहीं छोड़ने की चेतावनी दी है।

जीएमडीए ने बरसाती नाले से कनेक्शन काटे

जीएमडीए ने सेक्टर-37 में 25 उद्योगों के बरसाती नाले से कनेक्शन काटे हैं। इन उद्योगों का पानी बरसाती नाले में जा रहा था, जिसके माध्यम से यह पानी बादशाहपुर नाले (बरसाती नाला नंबर तीन) में जा रहा था। जीएमडीए ने इन कनेक्शन को काटने के साथ-साथ उद्योगपतियों को चेतावनी दी है कि यदि दोबारा कनेक्शन किया जाता है तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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