बंधवाड़ी में कूड़ा निस्तारण करने वाली एजेंसी अरावली में फेंक रही कूड़ा
गुरुग्राम में बंधवाड़ी लैंडफिल साइट पर निजी एजेंसियों द्वारा कूड़े का निस्तारण किया जा रहा है, जो अरावली के जंगलों में कूड़ा फेंकने का कारण बन रहा है। पर्यावरणविदों ने एनजीटी में याचिका दायर की है।...

गुरुग्राम, कार्यालय संवाददाता। बंधवाड़ी लैंडफिल साइट में कूड़े का निस्तारण करके निजी एजेंसियां कूड़े को अरावली के जंगलों में फेंक रही है। इस कारण अरावली के जंगलों पर हर तरफ अब कूड़ा ही कूड़ा नजर आने लगा है। पर्यावरणविदों ने इसको लेकर एनजीटी में याचिका भी लगाई है और इसकी शिकायत हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी दी है। बता दें कि नगर निगम द्वारा दो निजी एजेंसियों से बंधवाड़ी लैंडफिल साइट पर पुराने कूड़े का निस्तारण किया जा रहा है। एजेंसियों को बंधवाड़ी के कूड़े को निस्तारित करके उसमें से ज्वलनशील कूड़े (आरडीएफ) को अलग किया जाता है और मिट्टी व पत्थर(इनर्ट) को अलग किया जाता है।
ज्वलनशील कूड़े को सीमेंट की फैक्ट्रियों में निजी एजेसियों को ही भेजना होता है, जबकि मिट्टी व पत्थर को अपने स्तर पर ही निवारण करना होता है, लेकिन आरोप है कि दोनों निजी एजेंसियां कूड़े को निस्तारण करने की बजाय रात के अंधेरे में भारी वाहनों से अरावली के जंगलों में इस कूड़े को फेंका जा रहा है। पर्यावरणविदों का आरोप है कि निगम की इन एजेंसियों ने बीते तीन साल में 40 एकड़ भूमि से ज्यादा पर कूड़ा फैला दिया है। इस कारण अरावली के जंगलों में पर्यावरण को नुकसान तो ही रहा है साथ में वन्यजीवों के जीवन पर भी इसका फर्क पड़ रहा है। -------------- - इन जगहों पर डाला जा रहा है कूड़ा पर्यावरणविद वैशाली राणा ने बताया कि नगर निगम गुरुग्राम द्वारा जिन एजेंसियों से कूड़ा निस्तारण का काम करवाया जा रहा है, वह एजेंसियां कूड़ा निस्तारण का काम कम कर रही है। जबकि बंधवाड़ी में मौजूद कूड़े को सीमेंट फैक्ट्रियों में भेजने की बजाय उसे अरावली के जंगलों में फेंका जा रहा है। इसमें मिश्रित कूड़ा भी शामिल है। उन्होंने बताया कि गुरुग्राम से फरीदाबाद जाते हुए बंधवाड़ी टोल पार करते ही त्रिमूर्ति मंदिर के पास एक कच्चा रास्ता अरावली के अंदर जाता है। इसी रास्ते से बंधवाड़ी से निकलने वाले ट्रक रात के अंधेरे में इस कूड़े को अरावली में गिरा रहे हैं। इस कारण यहां अरावली के काफी क्षेत्र में कूड़ा ही कूड़ा भरा पड़ा हुआ है। इससे आगे हनुमान की बड़ी मूर्ति मंदिर के सड़क के दूसरी तरफ से अंदर अरावली के जंगल में बड़े-बड़े कूड़े के ढेर लगा दिए हैं। इसके अलावा बंधवाड़ी गांव के अंदर एक कच्चा रास्ता अरावली के अंदर तक जाता है। यहां अरावली में गांव का एक बांध बना हुआ है। इसकी दिवार भी बनी हुई है। यहां बंधवाड़ी से निकलने वाले मिट्टी से बांध को पूरा भर दिया है। इस कारण गांव के लोगों को भी इस कूड़े की मिट्टी बदबूदार हवाओं में सांस लेने को मजबूर होना पड़ रहा है। --------------- - पांच साल से लगातार अरावली में डाला जा रहा है कूड़ा बंधवाड़ी में बीते पांच साल से कूड़ा निस्तारण का काम चल रहा है। यहां निगम ने अलग-अलग एजेसियों से कूड़ा निस्तारण का काम करवाया गया है। सभी एजेंसियों ने अरावली के जंगलों का नाजायज फायदा उठाते हुए बंधवाड़ी का अधित्तर कूड़ा अरावली में गिराया गया है। एक सर्वे रिपेार्ट के अनुसार अरावली में 40 एकड़ जमीन पर कूड़ा भरा हुआ है। इसको लेकर निगम की तरफ से आज तक इस लापरवाही को लेकर एजेंसियों पर कोई कार्रवाई नहीं की है। एजेंसियां अपने खर्चे को बचाने के लिए इस कूड़े को कांटे पर वजन करके सीमेंट फैक्ट्रियों में भेजना होता है। इसके लिए एजेंसियों को काफी खर्च आता है। इस कारण एजेंसियां सीमेंट की कंपनियों में भेजने की बजाया इसे अरावली में ही फेंक देते हैं। जिससे कंपनियों का खर्च बच जाता है और निगम से इसका पूरा भुगतान करवा लिया जाता है। ---------------- - दोनों एजेसियों द्वारा लक्ष्य के अनुसार नहीं किया जा रहा निस्तारण बंधवाड़ी में बने कूड़े के पहाड़ के सामने प्राइवेट एजेंसियों की मशीनरी फेल साबित हो रही है। दोनों एजेंसियां यहां पर चार हजार टन प्रतिदिन से ज्यादा कूड़े का निस्तारण नहीं कर पा रही हैं, जबकि 15 अप्रैल को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूल (एनजीटी) ने निगम अधिकारियों का दो महीने में बंधवाड़ी लैंडफिल पर पड़े 12 लाख टन कूड़े का निस्तारण करने के आदेश दिए हैं। निगम ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एजेंसियों ग्रीनटेक और आदर्श भारत को 15 हजार टन प्रतिदिन कूड़ा निस्तारण करने के आदेश तो दिए हैं, लेकिन अधिकारियों का भी मानना है कि एजेंसियों की मशीनरी की इतनी क्षमता नहीं है। दोनों एजेंसियों के पास मशीनें तथा अन्य संसाधन पूरे नहीं होने के कारण कूड़ा निस्तारण कार्य धीमा चल रहा है। ----------- : कोट अरावली के जंगलों में अगर एजेंसियों द्वारा कूड़ा फेंका जा रहा है तो इसकी जांच करवाई जाएगी। लापरवाही मिलने पर एजेंसियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। - अखिलेश यादव, संयुक्त आयुक्त, नगर निगम, गुरुग्राम।
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