मकानों को सील करने के विरोध में प्रदर्शन
गुरुग्राम में डीएलएफ फेज-एक से पांच तक के मकानों को सील करने और तोड़ने की योजना के खिलाफ लोगों ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के समक्ष प्रदर्शन किया। लोगों ने मांग की कि हरियाणा सरकार उन्हें वैधता...

गुरुग्राम, कार्यालय संवाददाता। डीएलएफ फेज-एक से लेकर पांच तक मकानों को सील करने और तोड़ने की नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग की योजना का लोगों ने विरोध जताया। लोगों ने बुधवार को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के काफिले के समक्ष शांतिपूर्वक प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री ने लोगों की शिकायत को सुनकर समाधान निकालने का आश्वासन दिया। लोक परिवाद समिति की बैठक लेने के बाद मुख्यमंत्री ने डीएलएफ निवासियों से पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में मुलाकात की। इस मौके पर डीएलएफ फेज-एक से बलजीत, डीएलएफ फेज टू से विपिन यादव, डीएलएफ फेज-तीन से मनीष यादव, ईश्वर सिंह, सतपाल सिंह, राजेश कुमार, डीएलएफ फेज-चार से मनोज गुप्ता, डीएलएफ फेज-पांच से रेनू दहिया, प्रवीन कुमार मौजूद थे।
इन लोगों ने मुख्यमंत्री को बताया कि लोगों ने जमापूंजी एकत्रित करके ईडब्ल्यूएस श्रेणी के प्लॉट खरीदे हैं। छोटा साइज होने के कारण लोगों ने नियमों का उल्लंघन किया है। ऐसे में दिल्ली की तर्ज पर हरियाणा सरकार को पॉलिसी बनाकर इन मकानों को नियमित किया जाना चाहिए। कुछ मकानों में मंजिल अतिरिक्त बनाई हैं। हरियाणा सरकार यदि चाहे तो नियमों में बदलाव करके इन्हें वैध कर सकती है। एक सीमा से अधिक बने निर्माण को लोग खुद तोड़ने को तैयार हैं। लोग इसके लिए निर्धारित फीस भरने को तैयार हैं। मुख्यमंत्री ने लोगों की बात सुनकर समाधान का आश्वासन दिया।
बता दें कि गत 13 फरवरी को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने डीएलएफ के मकानों में अवैध निर्माण और अवैध रूप से चल रही व्यावसायिक गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश जारी किए हैं। इसको लेकर डीटीपीई ने करीब चार हजार मकानों को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। इस मामले में स्थानीय लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। चार अप्रैल को सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने डीटीपीई कार्यालय की कार्रवाई पर स्टे दे दिया है। मामले की सुनवाई अब छह मई को होनी है।
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