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ताक पर सुरक्षा,गुरुग्राम के 70 फीसदी निजी स्कूलों में आग से बचने का कोई इंतजाम नहीं

  • बढ़ती गर्मी से जिले में आगजनी की घटनाएं होने के बाद भी निजी स्कूलों से लेकर कोचिंग सेंटरों में आग से बचाव के इंतजाम नहीं है। 70 प्रतिशत ऐसे स्कूल हैं,जिनमें फायर से जुड़े उपकरण नहीं लगे हैं। 30 प्रतिशत स्कूलों की ओर से फायर एनओसी है।

Utkarsh Gaharwar हिन्दुस्तान, गुरुग्रामWed, 23 April 2025 10:39 AM
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ताक पर सुरक्षा,गुरुग्राम के 70 फीसदी निजी स्कूलों में आग से बचने का कोई इंतजाम नहीं

बढ़ती गर्मी से जिले में आगजनी की घटनाएं होने के बाद भी निजी स्कूलों से लेकर कोचिंग सेंटरों में आग से बचाव के इंतजाम नहीं है। 70 प्रतिशत ऐसे स्कूल हैं,जिनमें फायर से जुड़े उपकरण नहीं लगे हैं। 30 प्रतिशत स्कूलों की ओर से फायर एनओसी है। वहीं, निजी स्कूलों में सुरक्षा नीति नहीं लागू होने से सुरक्षा को लेकर खतरा बढ़ गया है। इसको लेकर अभिभावको को चिंता है। फायर विभाग के अनुसार गुरुग्राम में 527 निजी स्कूल संचालित होते हैं।

इसमें अधिकांश स्कूलों के पास बिल्डिंग प्लान मंजूर कराए बिना इमारत बनाई है। इसमें स्कूल संचालित करते है। स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के मानक पूरे नहीं हैं, इनके अंदर भी कोई आग से हादसा होता है तो गंभीर परिणाम सामने आएंगे। क्योंकि ये बहुमंजिला इलाकों में काफी संकरी और तंग जगहों में चल रहे हैं, जहां न तो आपात काल में निकासी का कोई रास्ता है,न आग से बचाव के कोई प्रबंध किए गए है।

छात्रों की सुरक्षा के लिए नीति का पालन नहीं

आठ साल पहले शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों में आगजनी की घटना को लेकर छात्रों की सुरक्षा के लिए नीति बनाई थी। इसमें छात्रों की सुरक्षा के लिए स्कूल की नीति में स्कूल परिसर को सुरक्षित रखना, छात्रों को विभिन्न खतरों के बारे में शिक्षित करना और आपातकालीन स्थिति में उचित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना शामिल है।

कोचिंग सेंटरों ने भी बरती लापरवाही

शहर के रेलवे रोड, सेक्टर-14 समेत कई स्थानों पर चल रहे कोचिंग सेंटरों में भी कोई इंतजाम नहीं हैं। कोचिंग सेंटर में बच्चों की सुरक्षा के लिए नियम लागू नहीं किए जा रहें हैं। यहां न तो आपातकाल में के समय बाहर निकलने का कोई रास्ता है और न आग से बचाव के कोई इंतजाम किए गए। अभिभावक अम्बरीश रंजन ने कहा कि बच्चे के स्कूल में न कभी फायर सेफ्टी के बारे में सुना और न कभी स्कूल ने मॉक ड्रिल की कोई जानकारी दी गई। सचिन गुप्ता ने कहा कि गुरुग्राम के स्कूलों में फायर उपकरण कभी नहीं देखा गया। अग्नि निकास, दिव्यांगों के लिए मार्ग (व्हील चेयर) आदि शामिल हैं। अग्निशमन विभाग के अनुसार बच्चों का जमावड़ा बेसमेंट में नहीं हो सकता। लोकेश यादव ने कहा कि निजी स्कूलों में आग सुरक्षा के मानकों को बेहतर बनाने के लिए सरकार, स्कूलों और फायर विभाग को सख्त निर्णय लेने चाहिए। बच्चे के स्कूल में भी आग सुरक्षा के इंतजाम अपर्याप्त हैं। बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्राथमिकता हो।

स्कूल फीस वसूलकर सुरक्षा जिम्मेदार नहीं निभाते हैं

ऑल इंडिया पैरेंट्स संस्थापक प्रदीप रावत ने कहा कि हर स्कूल में फायर सेफ्टी उपकरण होना और चालू हालत में होना अति आवश्यक है। आखिर बच्चों की सुरक्षा का सवाल है। दिल्ली एनसीआर में कई स्कूल फायर मॉक ड्रिल करते भी हैं, लेकिन सब स्कूल नहीं करते हैं। प्रशाशन सुनिश्चित करें कि ये जिम्मेदारी स्कूल ठीक से निभाएं।