नोएडा के भंगेल, सलारपुर और हाजीपुर में भी शाहबेरी की तरह धड़ल्ले से बन रहीं अवैध इमारतें
नोएडा के भंगेल, सलारपुर और हाजीपुर में भी शाहबेरी की तरह ही अवैध रूप से इमारतें खड़ी हो रही हैं। प्राधिकरण के चेतावनी बोर्ड के पीछे ही भूमाफिया यहां अवैध निर्माण कर रहे। ऐसे में यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

नोएडा के भंगेल, सलारपुर और हाजीपुर में भी शाहबेरी की तरह ही अवैध रूप से इमारतें खड़ी हो रही हैं। प्राधिकरण के चेतावनी बोर्ड के पीछे ही भूमाफिया यहां अवैध निर्माण कर रहे। ऐसे में यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। शाहबेरी में अवैध रूप से बनीं दो इमारतें 17 जुलाई 2018 को ढह गईं थीं। हादसे में नौ लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद जिला प्रशासन, शासन और प्राधिकरण के अधिकारियों ने दावा किया था कि इन अवैध निर्माणों के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी। कहीं पर भी अवैध निर्माण नहीं होने दिया जाएगा, लेकिन अब तक न तो अवैध निर्माणों के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई हुई और न ही अवैध निर्माण को रोका जा सका।
गौतमबुद्ध नगर जिले में इन दिनों हाजीपुर, सलारपुर और भंगेल में अवैध इमारतों का निर्माण हो रहा है। यहां पर भी शाहबेरी की तरह अवैध इमारतें खड़ी हो गई हैं। इनका न तो नक्शा स्वीकृत है और न ही ये सुरक्षा मानकों को पूरा कर रही हैं। प्राधिकरण ने अवैध निर्माणों के सामने चेतावनी बोर्ड लगवाए हैं कि यह प्राधिकरण की अधिसूचित भूमि है और यहां पर होने वाले निर्माण अवैध है। लेकिन बोर्ड के पीछे ही निर्माण कार्य जारी है। दूसरी ओर नोएडा प्राधिकरण ने सलारपुर में हुए अवैध निर्माण को लेकर नक्शे समेत विज्ञापन भी छपवाए हैं।
एक साल पहले दौरा किया, लेकिन कार्रवाई नहीं
नोएडा प्राधिकरण के वरिष्ठ ओएसडी के नेतृत्व में 28 अप्रैल 2024 को तीन ओएसडी, सभी वर्क सर्किल के वरिष्ठ प्रबंधक समेत करीब 250 अधिकारी-कर्मचारी सलारपुर, हाजीपुर और बरौला में अवैध अतिक्रमण की स्थिति देखने गए थे, लेकिन आज तक एक इमारत नहीं टूटी। हाजीपुर की खसरा नंबर-412 में बनी एक ऊंची इमारत में काम रोकने पर प्राधिकरण के एक जेई को जलाने का प्रयास किया गया था। इस इमारत पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
एक लेखपाल के निलंबन की सिफारिश
प्राधिकरण के अनुसार लेखपाल विनय चौहान ने हाजीपुर और सलारपुर में अवैध निर्माण के खिलाफ न तो ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की और न ही सीलिंग की। प्राधिकरण ने अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर लेखपाल को निलंबित करने के लिए राजस्व परिषद को पत्र लिखा है।
डूब क्षेत्र में निर्माण करने वालों को चेतावनी
वहीं, नोएडा के सिंचाई विभाग ने हिंडन के डूब क्षेत्र को लेकर चेतावनी जारी की है। चेतावनी में कहा गया है कि बाढ़ आने पर यदि यहां हुए अवैध निर्माण को कोई नुकसान होता है तो कोई मुआवजा नहीं मिलेगा।
चेतावनी में डूब क्षेत्र स्थित छिजारसी, चोटपुर, चकशाहबेरी, यूसुफपुर, बहलोलपुर गढ़ी चीखंडी, हैबतपुर, पर्थला, खंजरपुर, सोरखा जहीदाबाद, ककराला, अलीवर्दीपुर, जलपुरा, हल्द्वानी, कुलेसरा एवं हिंडन यमुना दोआब बंध के निकट स्थित इलाहाबास, सूथियाना, शहदरा, लखनावली, बेगमपुर, मुबारकपुर, गुर्जरपुर, झट्टा बादोली बांगर, सफीपुर, चुहडपुर एवं मोमनाथल को हिंडन के डूब क्षेत्र में बताया गया है।
इसी बंध पर यमुना के किनारे स्थित मोतीपुर, तिलवाडा, गढ़ी समस्तीपुर, बादौली खादर, कोंडली खादर, कामबक्शपुर, गुलावली, दोस्तपुर मंगरौली, छपरौली, असदुल्लापुर तथा औरंगाबाद, दलेलपुर, याकूतपुर की भूमि डूब क्षेत्र में है।
मनीष वर्मा, जिलाधिकारी, ''अवैध निर्माण को लेकर एक दिन पूर्व ही जिला प्रशासन और प्राधिकरण की संयुक्त बैठक हुई। इसमें अवैध निर्माण पर कार्रवाई के लिए कार्ययोजना बनाई गई। जिला प्रशासन और प्राधिकरण की संयुक्त टीमें अवैध निर्माण पर कार्रवाई करेंगी। अवैध निर्माण करने वालों को भूमाफिया घोषित कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।''