हर बैंक का अपना राष्ट्रीय कालिंग फोन नंबर होगा
बैंकों ने ग्राहकों को धोखाधड़ी वाली कॉल से बचाने के लिए '1600xx' सीरीज के तहत एक अलग राष्ट्रीय कॉलिंग नंबर देने का प्रस्ताव रखा है। इससे ग्राहकों को असली और फर्जी कॉल्स में अंतर पहचानने में मदद...

नई दिल्ली, एजेंसी। बैंकों ने अपने ग्राहकों को धोखाधड़ी वाली फोन कॉल से बचाने के लिए एक नई पहल की है। इसके तहत हर बैंक को '1600xx' सीरीज के तहत एक अलग राष्ट्रीय कॉलिंग नंबर दिए जाने का प्रस्ताव रखा गया है, जिसमें इनकमिंग कॉल्स की सुविधा भी होगी। इससे ग्राहकों को अपने बैंक से आने वाले कॉल और मैसेज की पहचान करने में आसानी होगी और धोखाधड़ी को रोकने में मदद मिलेगी। फिलहाल, बैंकों के पास '1600xx' सीरीज के कई नंबर होते हैं, जिनसे वे ग्राहकों को कॉल करते हैं लेकिन इनमें इनकमिंग कॉल्स की सुविधा नहीं होती। इस प्रणाली के कारण कई बार ग्राहक असली और फर्जी कॉल्स के बीच अंतर नहीं कर पाते।
अब बैंक चाहते हैं कि प्रत्येक बैंक को एक ही निश्चित नंबर मिले, जिससे ग्राहकों के लिए बैंक की पहचान करना आसान हो जाए। बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि बैंकों ने इसके लिए सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक से बात की है और जल्द ही इसकी मंजूरी मिलने की उम्मीद है। एक बैंक अधिकारी ने बताया, हर बैंक का एक राष्ट्रीय नंबर होने और उस पर इनकमिंग कॉल की सुविधा होने से ग्राहकों की सुरक्षा और अनुभव बेहतर होगा। आरबीआई ने पहले ही दिए हैं निर्देश इसी साल जनवरी में आरबीआई ने बैंकों को निर्देश दिया था कि वे ग्राहकों को लेनदेन से जुड़ी फोन कॉल '1600xx' सीरीज के नंबरों से ही करें और प्रमोशनल कॉल '140xx' सीरीज से भेजें। अब बैंकों ने अनुरोध किया है कि इन नंबरों पर इनकमिंग कॉल्स की भी अनुमति दी जाए, जिससे ग्राहकों को बैंकों से संपर्क करने में आसानी हो। ऋण वसूली कॉल्स के लिए छूट की मांग बैंक यह भी चाहते हैं कि यदि किसी ग्राहक ने कॉल प्राप्त करने की अनुमति दी हो, तो ऐसे मामलों में '1600xx' सीरीज से अलग नंबरों का प्रयोग करने की छूट दी जाए। साथ ही, वे ऋण वसूली कॉल को इस अनिवार्यता से छूट देने की मांग भी कर रहे हैं। एक अन्य बैंक अधिकारी ने कहा, कई बार बैंक अपने वसूली कार्यों को थर्ड पार्टी एजेंसियों को सौंपते हैं। अब ऐसे में क्या उन एजेंसियों को भी '1600xx' सीरीज से ही कॉल करनी होगी, इस पर आरबीआई और ट्राई दोनों की स्पष्टता की जरूरत है। इसलिए जरूरी है यह कदम 1. धोखाधड़ी रोकने में मदद : अलग-अलग नंबरों की वजह से कई बार ग्राहक समझ नहीं पाते कि कॉल असली है या नकली। एक राष्ट्रीय नंबर होने से धोखाधड़ी के मामले कम होंगे। 2. ग्राहक अनुभव बेहतर होगा: ग्राहक आसानी से अपने बैंक से संपर्क कर सकेंगे क्योंकि नंबर पर इनकमिंग कॉल की सुविधा होगी। ऑनलाइन ठगी के लगातार बढ़ रहे मामले भारत में बैंकिंग और साइबर धोखाधड़ी के मामलों में हाल के वर्षों में चिंताजनक वृद्धि देखी गई है। विशेष रूप से फर्जी बैंक कॉल्स के माध्यम से लोगों को ठगने की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में बैंकिंग धोखाधड़ी के मामलों की संख्या 27% बढ़कर 18,461 हो गई, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह संख्या 14,480 थी। इस अवधि में धोखाधड़ी से संबंधित कुल राशि ₹2,623 करोड़ से बढ़कर ₹21,367 करोड़ हो गई, जो आठ गुना की वृद्धि है। जालजासों ने अपनाए यह तरीके 1. सरकारी अधिकारियों का बहाना: ठग खुद को आरबीआई, सीबीआई या अन्य सरकारी एजेंसियों का अधिकारी बताकर कॉल करते हैं और खाते ब्लॉक होने की धमकी देते हैं। 2. कस्टमर केयर नंबर का दुरुपयोग: फर्जी ग्राहक सेवा नंबर ऑनलाइन साझा करके लोगों को कॉल करने के लिए प्रेरित किया जाता है, जिससे वे संवेदनशील जानकारी साझा कर बैठते हैं। 3. डिजिटल अरेस्ट स्कैम: ठग व्हाट्सऐप या वीडियो कॉल के माध्यम से खुद को पुलिस अधिकारी बताकर लोगों को डराते हैं और डिजिटल गिरफ्तारी की बात कहकर रकम ट्रांसफर करने के लिए मजबूर करते हैं।
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