साकेत अदालत ने पाटकर के खिलाफ जारी किया गैर-जमानती वारंट
नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर को साकेत जिला अदालत से झटका लगा है। अदालत ने उन्हें मानहानि मामले में वारंट जारी किया है। पाटकर ने जुर्माना और परिवीक्षा बान्ड जमा नहीं किया, जिसके कारण यह...

नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर को साकेत जिला अदालत से झटका लगा है। अदालती आदेश का उल्लंघन करने के मामले में अदालत ने बुधवार को पाटकर के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है। अदालत ने मेधा को दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा दायर मानहानि मामले में परिवीक्षा (प्रोबेशन) बान्ड जमा करने और एक लाख रुपये का जुर्माना भरने के लिए कहा था। लेकिन ऐसा नहीं करने पर अदालत ने यह वारंट जारी किया है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विशाल सिंह की अदालत ने पाटकर को मानहानि के मामले में दोषी करार दिया था। आठ अप्रैल को उन्हें अच्छे आचरण की परिवीक्षा पर रिहा कर दिया था और उन्हें एक लाख रुपये का जुर्माना भरने का भी आदेश दिया था। यह मामला अदालत में बुधवार को पाटकर की उपस्थिति, परिवीक्षा बान्ड भरने और जुर्माना राशि जमा करने के लिए सूचीबद्ध किया गया था।
सक्सेना के अधिवक्ता ने कहा कि पाटकर न तो उपस्थित हुईं और न ही उन्होंने अदालत के निर्देशों का पालन किया। आज के मामले में दिल्ली पुलिस आयुक्त के माध्यम से पाटकर के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है। यदि दोषी सुनवाई की अगली तारीख यानि तीन मई तक आदेश का पालन नहीं करतीं हैं, तो अदालत आठ अप्रैल को सुनाई गई सजा में बदलाव पर विचार करेगी। दरअसल यह मामला 23 वर्ष पुराना है, जब दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना गुजरात में एक एनजीओ के प्रमुख रहते हुए मानहानि का मामला दर्ज कराया था।
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