CREDAI Demands Revision of Affordable Housing Definition in India किफायती आवास की मूल्य सीमा बढ़ाई जाए, Delhi Hindi News - Hindustan
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किफायती आवास की मूल्य सीमा बढ़ाई जाए

गांधीनगर में क्रेडाई ने किफायती आवास की परिभाषा को बदलने की मांग की है। उन्होंने मूल्य सीमा 45 लाख रुपये से बढ़ाकर 65-70 लाख करने की आवश्यकता जताई। 2017 से घरों की कीमतों में वृद्धि के चलते मध्यम वर्ग...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 18 April 2025 06:26 PM
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किफायती आवास की मूल्य सीमा बढ़ाई जाए

गांधीनगर, विशेष संवाददाता। कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन्स ऑफ इंडिया (क्रेडाई) ने मांग उठाई है कि सरकार किफायती आवास (अफोर्डेबल हाउस) की परिभाषा को बदलनी चाहिए। खास तौर पर 45 लाख रुपये की मूल्य सीमा को बढ़ाकर 65 से 70 लाख किया जाना चाहिए। वर्ष 2017 में सरकार ने यह सीमा निर्धारित की थी। उसके बाद से लगातार फ्लैट और घरों की कीमत बढ़ रही है। गांधीनगर में क्रेडाई अध्यक्ष शेखर जी पटेल ने कहा कि हमने अगले पांच वर्षों के लिए पांच सूत्रीय एजेंडा निर्धारित किया है। इस एजेंडे में किफायती आवास का मुद्दा भी शामिल है। वर्ष 2017 में सरकार ने किफायती आवास को लेकर अधिसूचना जारी की, जिसमें बड़े महानगरों में 60 मीटर और बाकी शहरों में 90 मीटर को अफोर्डेबल हाउस की श्रेणी में रख कर 45 लाख रुपये की सीमा निर्धारित की। इस श्रेणी में आने वाले फ्लैट व मकान की खरीद पर एक प्रतिशत जीएसटी लेती है लेकिन आठ साल में कीमतें काफी बढ़ गई हैं। कई बड़े शहरों में एक करोड़ से नीचे 60 मीटर का फ्लैट नहीं आता है। इसलिए हमारी केंद्र और राज्य सरकारों से मांग है कि महंगाई और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी हाउसिंग प्राइस इंडेक्स के हिसाब से किफायती आवास के मूल्य सीमा निर्धारित की जाए। इससे मध्यम वर्ग के काफी लोगों को भी लाभ होगा क्योंकि किफायती आवास खरीदने पर एक प्रतिशत और अन्य श्रेणी के आवास खरीद पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगती है। ऐसे में काफी लोग सीमा बढ़ने पर कम जीएसटी देकर घर खरीद पाएंगे। भविष्य में भी किफायती आवास की कीमतों को महंगाई दर से जोड़ देना चाहिए। कार्यक्रम में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल व अन्य मंत्री शामिल हुए।

2047 विकसित भारत के लिए कौशल विकास पर ध्यान

क्रेडाई चेयरमैन बोमन ईरानी ने बताया कि देश के सतत विकास और वर्ष 2047 तक भारत को विकासित राष्ट्र बनाने के लिए रियल एस्टेट क्षेत्र में कौशल विकास पर रहेगा। अगले पांच वर्षों में हम मिस्त्री से लेकर बेलदार, इलेक्ट्रिशियन व अन्य सभी कर्मचारियों को कौशल विकास का प्रशिक्षण देंगे। इसके साथ व्यापार सुगमता के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करेंगे। आज किसी भी प्रोजेक्ट को शुरू करने और पूरा करने में सात वर्ष से अधिक समय लगता है, जिसे अब तीन साल में पूरा करने में पूरा किया जाएगा। इसके साथ डेटा सेंटर बनाया जाएगा। दिल्ली में य़ह केंद्र बनाया जाएगा जो रेरा और हाउसिंग प्राधिकरण के साथ मिलकर सटीक जानकारी जुटाएगा। इससे नीति बनाने और हर शहर में हाउसिंग से जुड़ी सटीक जानकारी मिल पाएगी।

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