एक राष्ट्र, एक चुनाव के लिए संविधान संशोधन की जरूरत: शिवराज
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि देशभर में एक साथ चुनाव कराने के लिए संविधान संशोधन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बार-बार चुनावों से शासन में बाधा और सार्वजनिक व्यय बढ़ता है।...

नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को कहा कि देशभर में एक साथ चुनाव कराने के लिए एक बार संविधान संशोधन की जरूरत है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) में छात्रों और बुद्धिजीवियों के साथ एक राष्ट्र, एक चुनाव विषय पर संवाद के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बार-बार चुनाव से शासन में बाधा आ रही है और सार्वजनिक व्यय बढ़ रहा है। उन्होंने तर्क दिया कि बार-बार चुनाव कराने से राजनीतिक नेतृत्व और प्रशासनिक मशीनरी दोनों का कामकाज बाधित होता है। हर व्यक्ति चुनाव मोड में रहता केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जिन राज्यों में चुनाव होते हैं, वहां वरिष्ठ आईएएस अफसरों को पर्यवेक्षक के रूप में भेजा जाता है।
हर व्यक्ति लगातार चुनाव मोड में रहता है। कई बार मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद संभाल चुके शिवराज ने वहां का उदाहरण देते हुए कहा कि सितंबर 2023 से जून 2024 के बीच कोई महत्वपूर्ण प्रशासनिक कार्य नहीं हो सका। वजह यह थी कि पहले विधानसभा चुनाव और फिर संसदीय चुनावों के लिए आदर्श आचार संहिता लागू हो गई थी। चुनावों की बढ़ती लागत पर चिंता जताई शिवराज ने चुनावों की बढ़ती लागत पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि 1952 में आम चुनावों में 9,000 करोड़ रुपये खर्च हुए। 2024 में यह राशि एक लाख करोड़ रुपये को पार कर गई है। राज्यों में होने वाले चुनावों को मिलाकर कुल खर्च चार लाख करोड़ से सात लाख करोड़ रुपये के बीच हो सकता है।
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