मंगलुरु मामले की जांच एनआईए से कराने की जरूरत नहीं : परमेश्वर
--हिंदूवादी कार्यकर्ता सुहास की गुरुवार को हुई थी हत्या --मामले में आठ आरोपियों को पुलिस

बेंगलुरु, एजेंसी। कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने मंगलुरु में हिंदूवादी कार्यकर्ता सुहास शेट्टी की हत्या मामले की जांच एनआईए से कराने संबंधी भाजपा की मांग रविवार को खारिज कर दी। शेट्टी की गुरुवार देर शाम मंगलुरु शहर के बाजपे थाना क्षेत्र में अज्ञात लोगों के एक समूह ने हत्या कर दी थी। इस मामले में आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। परमेश्वर ने कहा कि एनआईए की जांच भाजपा की राय है। हमारा मानना है कि हमारी पुलिस अपना काम बहुत अच्छे से कर रही है। इस समय मामले को एनआईए को सौंपने की कोई जरूरत नहीं है।
जब उनसे पूछा गया कि सरकार की ओर से कोई भी व्यक्ति शोक संतप्त परिवार से मिलने क्यों नहीं गया तो परमेश्वर ने कहा कि शेट्टी के खिलाफ पांच आपराधिक मामले दर्ज हैं। यही कारण है कि सरकार से कोई भी मिलने के लिए नहीं गया। फाजिल की हत्या का आरोपित था सुहास मुआवजे के पैसे से सुहास शेट्टी की हत्या के सवाल पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जानकारी होने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि इस बारे में वे प्रदेश के गृह मंत्री परमेश्वर से जानकारी प्राप्त करेंगे। ज्ञात हो कि मोहम्मद फाजिल नामक शख्स की हत्या वर्ष 2022 में हुई थी। इस मामले में सुहास शेट्टी मुख्य आरोपी था। कहा जा रहा है कि फाजिल के परिजनों को मुआवजे में मिले रुपये कॉन्ट्रैक्ट किलर को देकर सुहास की हत्या कराई गई। भड़काऊ पोस्ट मामले में एक गिरफ्तार सुहास शेट्टी की हत्या के संबंध में सोशल मीडिया पर भड़काऊ सामग्री पोस्ट करने के आरोप में एक व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। मंगलुरु शहर के पुलिस आयुक्त के मुताबिक, दो इंस्टाग्राम प्रोफाइल, वीएचपी बजरंग दल अशोकनगर और शंखनाद ने भड़काऊ पोस्ट साझा किए, जो कथित तौर पर शेट्टी की हत्या के बाद समुदायों के बीच नफरत भड़काने वाले थे। आरोपी की पहचान उडुपी निवासी अखिलेश के रूप में हुई है।
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