वक्फ संशोधन विधेयक पर संसद की मुहर
राज्यसभा ने वक्फ (संशोधन) विधेयक को देर रात ढाई बजे के बाद मंजूरी दी। विधेयक के पक्ष में 128 और विपक्ष में 95 वोट पड़े। विपक्ष के अधिकांश संशोधनों को खारिज किया गया। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने...

- राज्यसभा ने दी रात ढाई बजे के बाद विधेयक को मंजूरी - पक्ष में 128 वोट पड़े, विपक्ष में 95 वोट पड़े
- विपक्ष के ज्यादातर संशोधन ध्वनिमत से खारिज
- तिरुचि शिवा के संशोधन प्रस्ताव के पक्ष में 92 और विपक्ष में 125 वोट
- मतविभाजन में भी सत्ता पक्ष की जीत, पीछे रह गया विपक्ष
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आगे क्या :
विधेयक पारित होने के साथ ही वक्फ बोर्ड संशोधनों का रास्ता साफ हो गया है। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह विधेयक कानून की शक्ल ले लेगा।
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पंकज कुमार पाण्डेय
नई दिल्ली। वक्फ (संशोधन) विधेयक पर गुरुवार देर रात ढाई बजे के बाद राज्यसभा की मंजूरी मिल गई। इसके साथ ही संसद के दोनों सदनों की विधेयक पर मुहर लग गई। विधेयक के पक्ष में 128 वोट पड़े जबकि विपक्ष में कुल 95 सदस्यों ने मतदान किया। विधेयक बहुमत के साथ पारित हो गया। मतदान की प्रक्रिया ढाई बजे रात के बाद तक चली।
इसके पहले विधेयक पर दिन में एक बजे शुरू हुई चर्चा 12 घंटे से ज्यादा समय तक चली और रात एक बजे के बाद केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू के जवाब के बाद इसे पारित करने की प्रक्रिया सवा एक बजे के करीब शुरू हुई। विधेयक के अलग-अलग क्लॉज पर विपक्ष के संशोधनों पर अलग-अलग विचार किया गया और इनमें से ज्यादातर ध्वनिमत से खारिज कर दिए गए। लेकिन संशोधन विधेयक में गैर मुस्लिम दो सदस्य होने के मुद्दे पर तिरुचि शिवा ने मतदान की मांग की। मतदान के बाद तिरुचि शिवा के संशोधन के पक्ष में 92 और विपक्ष में 125 वोट पड़े यानी सरकार के पक्ष में बहुमत रहा। विपक्ष का संशोधन मत विभाजन में भी खारिज हो गया।
दिनभर चली चर्चा के बाद केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने जवाब देते हुए कहा, विपक्ष मुसलमानों को डराकर उन्हें मुख्यधारा से अलग करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा, विपक्ष ने दिन में कई बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा और आरोप भी लगाया लेकिन अब देरी की वजह से वे चाहते हैं मेरा जवाब लंबा न हो। मैं ज्यादा समय नहीं लूंगा लेकिन उन्हें बाहर नहीं फैलाना चाहिए कि मैंने सबकी बात नहीं सुनी और सरकार सुनती नहीं है।
मंत्री ने कहा, बिल जब ड्राफ्ट हुआ और फाइनल ड्राफ्ट में बदलाव से साफ है कि जेपीसी के कई सुझाव इसमें शामिल किए गए हैं। उन्होंने कहा, अगर सुझाव नहीं मानते तो बिल का स्वरूप ही अलग होता। मंत्री ने कहा, हो सकता है पूरी बात शामिल नहीं हुई हो लेकिन वहां की बहुत सी बातें शामिल हो गई। उन्होंने कहा, लोकतंत्र बहुमत से चलता है।
रिजिजू ने कहा, वक्फ प्रॉपर्टी बाय यूजर और वर्तमान प्रॉपर्टी में छेड़छाड़ नहीं करने के मुद्दे पर जेपीसी का सुझाव स्वीकार किया गया। जिला कलेक्टर के ऊपर से अधिकारी को जांच में शामिल करने का सुझाव भी शामिल किया। ऑन रजिस्टर वक्फ का छह महीने का समय बढ़ाने की मांग पर भी सुझाव को माना है।
केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने कहा, सेंट्रल वक्फ काउंसिल में एक्स ऑफिशियो चेयरमैन को मिलाकर चार से ज्यादा गैर मुस्लिम हो ही नहीं सकता। स्टेट बोर्ड में भी तीन से ज्यादा गैर मुस्लिम नहीं हो सकता। यह कई बार स्पष्ट किया गया फिर भी विपक्ष के सांसद आरोप लगा रहे थे। उन्होंने कहा, इसपर जवाब दे सकता हूं लेकिन दिनभर की चर्चा के बाद शायद इतनी सुनने की क्षमता नहीं होगी इसलिए जयादा टॉर्चर नहीं करूंगा। उन्होंने कहा, पूछा जा रहा है कि मुस्लिम की कैसे पहचान होगी? अभी कैसे तय करते हैं वैसे ही होगा इतना तनाव लेकर सोचने का विषय नहीं होगा।
मंत्री ने कहा, गलत बयानबाजी न करें। मुसलमानों को हम नहीं डरा रहे बल्कि आप मुसलमानों को डराकर उन्हें मुख्यधारा से बाहर कर रहे हैं। आपने सीएए पर गुमराह किया लेकिन अब आगे गुमराह मत कीजिए। इस कानून से करोड़ों मुसलमानों का फायदा होने वाला है।
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