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व्यक्ति जब खेलता है तो खिलता है :डॉ. मनसुख मंडाविया

नई दिल्ली में डीयू के वार्षिक खेल पुरस्कार समारोह में केंद्रीय खेल मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा कि खेल एक जीवन शैली है। उन्होंने युवाओं को साइकिल चलाने और डिजिटल स्क्रीन के नुकसान के प्रति जागरूक...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 8 May 2025 03:39 PM
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व्यक्ति जब खेलता है तो खिलता है :डॉ. मनसुख मंडाविया

-2047 तक विकसित भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभाएंगे खेल: प्रो. योगेश सिंह -डीयू के खेल पुरस्कार समारोह में केंद्रीय खेल मंत्री एवं डीयू कुलपति ने किया प्रतिभावान खिलाड़ियों को सम्मानित नई दिल्ली। प्रमुख संवाददाता खेल एक संस्कार है, एक स्वभाव है, एक जीवन शैली है और एक डिसिप्लिन है। यह हमें सिखाते हैं कि हम खेलते रहें और खिलते रहें। कोई भी व्यक्ति जब खेलता है तो वह खिलता है। उक्त बातें भारत के युवा कार्य एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया दिल्ली विश्वविद्यालय खेल परिषद (डीयूएससी) द्वारा आयोजित वार्षिक खेल पुरस्कार समारोह 2025 में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।

इस समारोह का आयोजन बुधवार को देर शाम डीयू के वाइस रीगल लॉज स्थित कन्वेंशन हॉल में किया गया था। समारोह के दौरान डीयू से जुड़ी अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय खेल प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया। डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा कि नए भारत का निर्माण हो रहा है। आपको खेलना है, खिलना है और विकसित भारत के साथ जुड़ना है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार की खेलो इंडिया नीति के तहत अनेकों तरह के स्पोर्ट्स तैयार हो रहे हैं। खेल मंत्री ने युवाओं को साइकिल के इस्तेमाल का आह्वान करते हुए कहा कि साइकिल प्रदूषण का समाधान है। साइकिल फिटनेस का मंत्र है। आप साइकिल पर चलेंगे तो स्वस्थ रहेंगे और प्रदूषण का समाधान भी करेंगे। इसके साथ ही डिजिटल स्क्रीन के नुकसानों के प्रति आगाह करते हुए उन्होंने कहा कि डिजिटल टेक्नोलॉजी ने लाइफस्टाइल को बदल दिया है। डिजिटल स्क्रीन के सामने अधिक देर तक रहने से स्वास्थ्य बिगड़ रहा है। देश को समृद्ध बनाना है तो देश के नागरिकों का स्वस्थ रहना भी जरूरी है। समारोह की अध्यक्षता करते हुए डीयू कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि डीयू के विद्यार्थी खेलों में काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। ओलंपिक खेलों से लेकर अनेकों अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में डीयू से जुड़े खिलाड़ियों ने बहुत से पदक जीत कर देश का नाम रोशन किया है। कुलपति ने इसके लिए सभी प्रतिभाओं को बधाई दी। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि डीयू के दाखिलों में स्पोर्ट्स के लिए सुपरन्यूमरेरी कोटा का प्रावधान किया गया है। कुलपति ने कहा कि खेल को हर व्यक्ति के जीवन में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि टाउन प्लानर और एजुकेशन प्लानरों को भी खेल को ध्यान में रखना चाहिए। जब भी कोई टाउनशिप डिजाइन की जाती है तो उसमें खेल सुविधाएं भी होनी चाहिए। अर्जुन पुरस्कार प्राप्त डीयू के पूर्व विद्यार्थी भी किए गए सम्मानित डीयू के वार्षिक खेल पुरस्कार समारोह के दौरान अर्जुन पुरस्कार प्राप्त डीयू के पूर्व विद्यार्थी एवं पैरालंपिक गेम्स 2024 में गोल्ड मेडल तथा पैरालंपिक गेम्स 2020 में सिल्वर मेडल विजेता प्रवीन कुमार को सम्मानित किया गया। इसके अलावा पैरालंपिक गेम्स 2024 में सिल्वर मेडल तथा पैरालंपिक गेम्स 2020 में ब्रोंज मेडल विजेता शरद कुमार को भी सम्मानित किया गया। इसके साथ ही पैरालंपिक गेम्स 2024 में भाग लेने वाले डीयू के विद्यार्थी रुद्रांश खंडेलवाल को भी सम्मानित किया गया। इसके अलावा ओलिंपिक गेम्स 2024 में शूटिंग में भाग लेने वाली डीयू की विद्यार्थी रिदम सांगवान एवं रमिता जिंदल को भी समारोह के दौरान पुरस्कृत किया गया। इनके साथ साथ अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय यूनिवर्सिटी खेलों में पदक प्राप्त करने वाले अनेकों खिलाड़ियों को भी पुरस्कृत किया गया।

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