इंफो : राजनीति को व्यापार से जोड़ना बांग्लादेश को पड़ रहा भारी
-भारतीय कंपनियों को मिल सकता है व्यापार में तनाव का फायदा नई दिल्ली,

भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ता जा रहा है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की ओर से भारतीय निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंधों के जवाब में भारत ने भी कड़े कदम उठाए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि राजनीति को व्यापार से जोड़कर बांग्लादेश ने खुद को ही नुकसान पहुंचाया है। विशेषज्ञों के अनुसार, भारत जैसा बड़ा बाजार पास में होना बांग्लादेश के लिए फायदे की स्थिति थी। 2024-25 में बांग्लादेश ने भारत को 61.8 करोड़ डॉलर के गारमेंट्स निर्यात किए थे और इस मांग में भविष्य में और वृद्धि की संभावना थी। बांग्लादेश को यह लाभ था कि वह चीन से शुल्क मुक्त कपड़ा आयात कर सकता था और उसे परिधान में बदलकर भारत को प्रतिस्पर्धात्मक दामों पर बेच सकता था।
अब भारत के नए प्रतिबंधों से बांग्लादेश के निर्यात प्रभावित होंगे और भारतीय घरेलू कंपनियों को इसका फायदा मिल सकता है। बांग्लादेश का 42 फीसदी निर्यात प्रभावित भारत ने शनिवार को बांग्लादेश से आयात होने वाले माल पर नए प्रतिबंध लगाए। ये प्रतिबंध करीब 77 करोड़ डॉलर यानी बांग्लादेश के कुल निर्यात के 42% हिस्से को प्रभावित करते हैं। रेडीमेड गारमेंट्स अब केवल कोलकाता और न्हावा शेवा बंदरगाहों के जरिए ही भारत भेजे जा सकते हैं, जबकि पहले 93% गारमेंट्स का निर्यात उत्तर-पूर्व की 11 भूमि सीमा चौकियों से होता था, जिन्हें अब बंद कर दिया गया है। इसके अलावा, कोल्ड ड्रिंक, प्रोसेस्ड फूड, लकड़ी के फर्नीचर, पीवीसी सामान और कॉटन वेस्ट जैसे अन्य उत्पादों के लिए भी जमीनी सीमा बंद कर दी गई है। बांग्लादेश ने की शुरुआत बांग्लादेश ने 2024 के अंत से भारतीय निर्यातों पर प्रतिबंध लगाना शुरू किया था। अप्रैल 2025 में उसने पांच प्रमुख सीमा चौकियों के जरिए भारतीय कॉटन यार्न के आयात पर रोक लगा दी। इसके अलावा, चावल के आयात पर सख्ती की गई और कागज, तंबाकू, मछली और दूध पाउडर जैसी कई भारतीय वस्तुओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया। बांग्लादेश ने भारतीय माल के पारगमन पर 1.8 टका प्रति टन प्रति किलोमीटर का शुल्क भी लगाया। भारतीय सामानों पर बंदरगाहों पर अतिरिक्त जांच और देरी की वजह से व्यापार प्रभावित हो रहा है। इस तरह प्रभावित हुआ व्यापार -18.2 अरब डॉलर 2021-22 में कुल व्यापार 2024-25 में बुरी तरह प्रभावित -12.2 अरब डॉलर कुल व्यापार -10.4 अरब डॉलर भारतीय निर्यात -1.8 अरब डॉलर बांग्लादेश से आयात -06 अरब डॉलर की कमी निर्यात : कॉटन, यार्न, तेल, मसाले, इंजीनियरिंग और रसायन उत्पाद आयात : रेडीमेड गारमेंट्स, होम टेक्सटाइल्स और जूट उत्पाद रिश्तों में खटास की वजह 2024 में प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद हालात बिगड़े। हसीना सरकार का भारत से मधुर संबंध था और बांग्लादेश को भारत में शराब और तंबाकू को छोड़कर बाकी सभी वस्तुओं पर शून्य शुल्क की सुविधा मिली हुई थी। हसीना के भारत में शरण लेने के बाद अंतरिम सरकार ने उनके प्रत्यर्पण की मांग की और भारत की जगह चीन के करीब जाने की कोशिश की।
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