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एसकेएमसीएच में हाथ से लिखी जा रही अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट

मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट हाथ से लिखी जा रही है क्योंकि रेडियोलॉजी विभाग में प्रिंटिंग मशीन नहीं है। इससे कई बार स्पेलिंग की गड़बड़ी होती है, जिससे रिपोर्ट का अर्थ बदल जाता है।...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरWed, 21 May 2025 06:21 PM
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एसकेएमसीएच में हाथ से लिखी जा रही अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। एसकेएमसीएच में मरीजों की अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट हाथ से लिखी जा रही है। रेडियोलॉजी विभाग में रिपोर्ट प्रिंट करने की मशीन नहीं है। अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट हाथ से लिखने में कई बार स्पेलिंग की गड़बड़ी हो रही, जिससे मरीज की रिपोर्ट का अर्थ बदल जा रहा है। अस्पताल सूत्रों ने बताया कि पहले एक रजिस्टर पर रिपोर्ट लिखी जाती है, उसके बाद एसकेएमसीएच के पैड पर हाथ से रिपोर्ट लिखी जाती है। रजिस्टर से पैड पर उतारने में कई बार स्पेलिंग की गड़बड़ी हो रही है। हाथ से रिपोर्ट लिखने के साथ मरीजों को अल्ट्रासाउंड की फिल्म भी नहीं दी जा रही है।

एसकेएमसीएच के उपाधीक्षक डॉ सतीश कुमार सिंह का कहना है कि रेडियोलॉजी विभाग से कभी प्रिंटर मशीन की मांग नहीं आई है। रेडियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ अशोक कुमार का कहना है कि जो भी समस्या आती है, उसका समाधान किया जाता है। रिपोर्ट बनाने में गड़बड़ी की शिकायत कभी कभी ही सामने आती है। छोटे नर्सिंग होम में भी रिपोर्ट प्रिंट की सुविधा छोटे नर्सिंग होम में भी अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट मरीजों को प्रिंट कर दी जाती है। डॉक्टरों ने बताया कि प्रिंट रिपोर्ट देने से उसमें गड़बड़ी की आशंका नहीं रहती है। हाथ से रिपोर्ट लिखने में अगर एक बिंदु भी इधर- उधर हो जाए तो रिपोर्ट में अंतर हो सकता है। इससे मरीज के इलाज में परेशानी आ सकती है। मेडिकल अफसर के भरोसे अल्ट्रासाउंड एसकेएमसीएच का रेडियोलॉजी विभाग मेडिकल अफसरों के भरोसे चल रहा है। मेडिकल अफसर डिप्लोमा डिग्री वाले होते हैं। रेडियोलॉजी विभाग में सिर्फ तीन सीनियर रेजिडेंट हैं। विभागाध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि एक सीनियर रेजिडेंट सितंबर-अक्टूबर में जाने वाले हैं। उनकी कार्य अवधि इस महीने पूरी हो जाएगी। इसके बाद दो ही सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर बचेंगे। एसकेएमसीएच के रेडियोलॉजी विभाग में पीजी की पढाई नहीं होती, जबकि बहुत बाद में खुले बेतिया मेडिकल कॉलेज में रेडियोलॉजी में पीजी की पढ़ाई होती है। हर दिन 200 से 250 मरीजों की होती जांच एसकेएमएसीएच में हर दिन 200 से 250 मरीजों की अल्ट्रासाउंड की जाती है। इनमें ज्यादातर गर्भवती रहती हैं। विभागाध्यक्ष डॉ अशोक कुमार का कहना है कि अल्ट्रासाउंड और एक्सरे की जांच में एसकेएमसीएच का रेडियोलॉजी विभाग पूरे बिहार में अव्वल है। एसकेएमसीएच में अल्ट्रासाउंड के लिए अभी दो ही मशीनें काम कर रही हैं।

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