हैलो सर! क्रेडिट कार्ड बनवाना है;और नोएडा में पूर्व अधिकारी से हो गया 22 लाख का फ्रॉड
थाने में दी शिकायत में अशोक कुमार भान ने बताया कि वह पहले देना बैंक में सहायक महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत थे,जो अब बैंक ऑफ बड़ौदा में मर्ज हो चुका है। बीते दिनों शिकायतकर्ता ने फेसबुक पर निजी बैंक से जुड़ा एक विज्ञापन देखा, जिसमें क्रेडिट समेत अन्य कार्ड की सुविधाएं दिखाई गई थीं।

निजी बैंक से सेवानिवृत सहायक महाप्रबंधक से साइबर जालसाज ने क्रेडिट कार्ड बनवान का झांसा देकर 22 लाख रुपये ठग लिए। पीड़ित ने बुधवार को मामले की शिकायत साइबर क्राइम थाने की पुलिस से की है। पुलिस ने अज्ञात जालसाजों के खिलाफ आईटी ऐक्ट और धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। थाने में दी शिकायत में सेक्टर-34 के नीलगिरि अपार्टमेंट में रहने वाले अशोक कुमार भान ने बताया कि वह पहले देना बैंक में सहायक महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत थे,जो अब बैंक ऑफ बड़ौदा में मर्ज हो चुका है। बीते दिनों शिकायतकर्ता ने फेसबुक पर निजी बैंक से जुड़ा एक विज्ञापन देखा, जिसमें क्रेडिट समेत अन्य कार्ड की सुविधाएं दिखाई गई थीं। शिकायतकर्ता ने विज्ञापन को देखकर एक लिंक पर क्लिक किया।
कुछ ही देर बाद अशोक कुमार के पास अनजान नंबर से कॉल आई। कॉलर ने खुद को बैंक का कर्मचारी बताया और क्रेडिट कार्ड पर मुनाफा मिलने का लालच देकर बैंक और खाते संबंधी जानकारी ले ली। कथित बैंक कर्मचारी ने एक नया कार्ड जल्द ही भेजने का वादा किया और इसके बाद शिकायतकर्ता के बैंक खातों के साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी। 17.20 लाख अशोक के बचत खाते से और ₹4.80 लाख रुपये ओवरड्राफ्ट खाते से निकाल लिए गए।
जालसाज ने अशोक के फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) को समय से पहले बिना जानकारी के तुड़वा दिया और रकम पीड़ित के बचत खाते में डालकर दूसरी जगह ट्रांसफर कर दी गई। एफडी शिकायतकर्ता और उनकी पत्नी के नाम पर थी। एफडी टूटी तो उस समय शिकायतकर्ता और उसकी पत्नी मौजूद नहीं थी। शिकायतकर्ता का कहना है कि उनके ओवरड्राफ्ट सुविधा का भी गलत इस्तेमाल हुआ, जिसमें ₹4.80 लाख रुपये निकाल लिए गए।
बैंक के नियमों के अनुसार बिना खाताधारक की उपस्थिति के एफडी तुड़वाना या रकम ट्रांसफर करना गलत है। उन्होंने यह एफडी सेवानिवृत्ति होने के बाद बुढ़ापे की सुरक्षा के लिए जमा की थी, लेकिन बैंक ने बिना शिकायतकर्ता की सहमति के यह सब कर दिया। शिकायतकर्ता का कहना है कि पूरे मामले में बैंक कर्मचारियों की भी भूमिका संदिग्ध है। उनसे भी पूछताछ की जानी चाहिए। ठगी में उन्होंने जो रकम गंवाई है। वह उनकी पूरी जिंदगीभर की जमा पूंजी थी।