YEIDA ने गौतमबुद्ध नगर समेत इन 6 जिलों में अधिग्रहित जमीन की एनओसी पर लगाई रोक
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) ने गौतमबुद्ध नगर सहित छह जिलों में अधिग्रहित जमीन को लेकर किसी भी तरह की एनओसी जारी किए जाने पर रोक लगा दी है।

यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) ने गौतमबुद्ध नगर सहित छह जिलों में अधिग्रहित जमीन को लेकर किसी भी तरह की एनओसी जारी किए जाने पर रोक लगा दी है। वहीं, पूर्व में जारी एनओसी के प्रकरणों का संबंधित जिलों में ही निस्तारण किया जाएगा। इस संबंध में यीडा के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने सभी छह जिलों को पत्र भेजा है।
अलीगढ़ के टप्पल क्षेत्र में यीडा अधिग्रहित जमीन पर कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट आने हैं। यहां लॉजिस्टिक पार्क व अन्य प्रोजेक्ट बनेंगे। इसको लेकर यीडा द्वारा कार्यवाही भी शुरू कर दी गई है। अलीगढ़ के अलावा गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, हाथरस, मथुरा, अलीगढ़, आगरा में भी यीडा द्वारा प्रोजेक्ट लाए जाने हैं। इन जिलों में यीडा द्वारा अधिग्रहित जमीन का लैंडयूज स्थानीय स्तर पर परिवर्तन करने के मामले सामने आए। इसको लेकर अब यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी कपिल सिंह की ओर से निर्देश दिए गए हैं।
अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी के अनुसार यीडा अधिसूचित क्षेत्रान्तर्गत औद्योगिक क्षेत्र विकास अधिनियम 1978 के अंतर्गत हुआ है। शासन द्वारा विभिन्न अधिसूचनाओं के माध्यम से जनपद गौतमबुद्धनगर बुलंदशहर, हाथरस, अलीगढ़, मथुरा व आगरा के ग्रामों को यमुना एक्सप्रेसवे औकि प्राधिकरण में अधिसूचित किया गया है। प्राधिकरण का मूल उद्देश्य अपने अधिसूचित क्षेत्र में सुनियोजित विकास कराया जाना है। इसके लिए प्राधिकरण द्वारा अधिसूचित क्षेत्र में भूमि का विभिन्न तरीको से अधिग्रहण और क्रय कर, अधिसूचित क्षेत्र की महायोजना तैयार कर विभिन्न भू-उपयोगों एवं क्रियाओं के लिए भूखण्डों का आवेदन किया जाता है साथ ही प्राधिकरण क्षेत्र में आवंटित भूखण्डों पर शासन द्वारा अधिसूचित भवन विनियमावली के अनुसार निर्माण के लिए अनुमति प्रदान करने की कार्यवाही प्राधिकरण द्वारा की जाती है।
निर्माण करने के लिए एनओसी जारी हो गईं
अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी कपिल सिंह के अनुसार प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में आवंटित भूमि महायोजना और भवन विनियमावली के प्रावधानों की अनदेखी कर विभिन्न निर्माणों के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किए जाने की बात सामने आई है। भूमि को अकृषक घोषित करने से संबंधी पत्र प्राधिकरण में एसडीएम के स्तर से प्राप्त होते हैं और ये जारी कर दिए गए। जबकि ऐसा केवल उस भूमि के लिए हो सकता है जो भूमि किसी महायोजना में प्रस्तावित न हो।
संबंधित प्रकरण स्थानीय स्तर से निरस्त होंगे
पत्र में निर्देश दिए गए हैं कि यमुना प्राधिकरण से भी एनओसी जारी किए जाने का कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे में एनओसी को संबंधित कार्यालय / न्यायालय के स्तर से निरस्त किया जाएगा। इस भूमि पर किसी तरह की एनओसी जारी नहीं होंगी।