ब्रह्माकुमारी राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी का 101 वर्ष की उम्र में निधन, अहमदाबाद में ली अंतिम सांस
- मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा, 'ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की प्रमुख राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी के देहावसान का समाचार सुनकर मन अत्यंत दुखी है। उनका देवलोकगमन आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति है।

राजस्थान के सिरोही जिले के आबूरोड स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की प्रमुख तथा ब्रह्माकुमारीज संस्था की मुख्य प्रशासक राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी का निधन हो गया है। उन्होंने 101 वर्ष की आयु में मंगलवार को गुजरात के अहमदाबाद में अंतिम सांस ली। संस्थान के एक अधिकारी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि, ‘ब्रह्माकुमारीज की प्रमुख 101 वर्षीय राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी नहीं रहीं। उन्होंने अहमदाबाद के एक अस्पताल में सोमवार देर रात अंतिम सांस ली।’
प्रवक्ता ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार 10 अप्रैल को सुबह किया जाएगा। चार वर्ष पूर्व दादी हृदय मोहिनी के देहावसान के बाद दादी रतनमोहिनी इस संस्था मुख्य प्रशासिका बनीं थीं।
वहीं इस बारे में संस्था ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर जानकारी देते हुए लिखा, 'शांति, प्रेम और शक्ति की प्रतिमूर्ति आदरणीय राजयोगिनी दादी रतन मोहिनी जी ने अपनी पूर्णता की अवस्था प्राप्त कर 8 अप्रैल 2025 को 101 वर्ष की आयु में अपने नश्वर शरीर का परित्याग कर दिया। दादी जी वर्ष 2021 से ब्रह्माकुमारीज की प्रशासनिक प्रमुख थीं।'
राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी के निधन पर शोक जताया है। मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा, 'ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की प्रमुख राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी के देहावसान का समाचार सुनकर मन अत्यंत दुखी है। उनका देवलोकगमन आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति है। करुणामयी व्यक्तित्व से परिपूर्ण दादी जी ने पूरा जीवन त्याग, तपस्या और मानवता की सेवा के लिए समर्पित किया। उनका देवलोकगमन आध्यात्मिक जगत के लिए अपूरणीय क्षति है।'
उधर तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने भी राजयोगिनी दादी रतन मोहिनी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। अपने शोक संदेश में मुख्यमंत्री ने दादी जी के जीवन को अनुकरणीय बताते हुए कहा कि वह आध्यात्मिक शक्ति, पवित्रता और सार्वभौमिक भाईचारे की प्रतीक थीं। उन्होंने 140 से अधिक देशों में भारतीय आध्यात्मिक परंपराओं को फैलाने और दुनिया भर में शांति और मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देने में उनके अथक प्रयासों की सराहना की।
रेड्डी ने कहा कि उनका निधन राज्य और राष्ट्र दोनों के लिए एक बड़ी क्षति है। उन्होंने उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और कहा कि उनका जीवन और शिक्षाएं सभी के लिए मार्गदर्शक प्रकाश के रूप में काम करती रहेंगी।