ब्रह्माकुमारीज की प्रमुख दादी रतन मोहिनी का निधन; 101 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस
- उन्होंने गुजरात के अहमदाबाद के जाइडिस अस्पताल में 101 साल की उम्र में अपनी अंतिम सांसें लीं। उनके पार्थिव शरीर को आज राजस्थान के आबू रोड स्थित ब्रह्मकुमारीज के मुख्यालय शांतिवन में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा।

ब्रह्माकुमारीज संस्थान की मुख्य प्रशासक दादी रतन मोहिनी का निधन सोमवार देर रात 1 बजकर 20 मिनट पर हो गया। उन्होंने गुजरात के अहमदाबाद के जाइडिस अस्पताल में 101 साल की उम्र में अंतिम सांसें लीं। उनके पार्थिव शरीर को आज राजस्थान के आबू रोड स्थित ब्रह्मकुमारीज के मुख्यालय शांतिवन में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है।
साल 1925 में जन्मी दादी 12 वर्ष की उम्र में ही ब्रह्मकुमारी संस्थान से जुड़ गई थीं। दादी की रुचि बचपन से ही अध्यात्म में थी। इस कारण संस्थान की लंबे समय तक सेवा की। अपनी सक्रियता के चलते उन्होंने संस्थान की स्थापना में खासी भूमिका निभाई। वे संस्थान में काफी सक्रीय थीं। उन्होंने कई लंबी यात्राएं कीं। बताया जाता है कि साल 1985 और 2006 में कुल 70 हजार किलोमीटर से अधिक दूरी पैदल चलकर यात्रा की और भारतीय संस्कृति और मूल्यों का प्रचार किया।
साल 1937 में ब्रह्मकुमारीज की स्थापना से लेकर अब तक उन्होंने करीब 87 वर्ष का लंबा समय संस्थान को दिया। करीब 40 वर्ष तक संगठन के युवा प्रभाग की अध्यक्षता रहीं। दादी ने साल 1937 से 1969 तक ब्रह्मा बाबा के अव्यक्त होने तक करीब 31 वर्ष साए की तरह उनके साथ रहीं।
दादी के नेतृत्व में साल 1985 में भारत एकता युवा यात्रा निकाली गई थी। इसमें करीब 12550 किलोमीटर की दूरी तय की थी। यात्रा में तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह भी शामिल हुए थे। दादी के निधन पर राजनेता, पत्रकार और बड़ी-बड़ी हस्तियों ने दुख प्रकट किया है।
राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी के निधन पर शोक जताया है। मुख्यमंत्री शर्मा ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर लिखा, ‘‘ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की प्रमुख राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी के देहावसान का समाचार सुनकर मन अत्यंत दुखी है। उनका देवलोकगमन आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति है।’’
टोंक से कांग्रेस विधायक सचिन पायलट ने एक्स पर लिखा कि प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की मुख्य प्रशासक दादी रतन मोहिनी जी के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है। उनका जीवन अध्यात्म और मानवता की सेवा के प्रति समर्पित रहा। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और ब्रह्माकुमारी परिवार सहित सभी अनुयायियों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति।