फर्जी पहचान बनाकर रह रहे थे 153 बांग्लादेशी, राजस्थान से डिपोर्ट किए गए
Bhuराजस्थान में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ चल रहे विशेष अभियान के तहत शुक्रवार को दूसरी बड़ी कार्रवाई हुई

राजस्थान में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ चल रहे विशेष अभियान के तहत शुक्रवार को दूसरी बड़ी कार्रवाई हुई। इस दौरान राज्य के विभिन्न जिलों से पकड़े गए 153 बांग्लादेशी घुसपैठियों को जोधपुर एयरफोर्स स्टेशन से एयर इंडिया के विशेष विमान द्वारा पश्चिम बंगाल भेजा गया। वहां से इन्हें सीमा सुरक्षा बल (BSF) की निगरानी में बांग्लादेश भेजा जाएगा।
इस कार्रवाई को हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार के निर्देशों के तहत अंजाम दिया गया। राज्य सरकार ने इस दिशा में तीव्र कदम उठाते हुए सभी जिलों को अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं की पहचान कर डिपोर्टेशन की कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए थे। इस विशेष अभियान में अब तक 1000 से अधिक बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया जा चुका है।
इससे पहले 14 मई को पहले चरण की कार्रवाई में 148 घुसपैठियों को जयपुर से जोधपुर लाकर पश्चिम बंगाल भेजा गया था। दोनों चरणों में कुल 301 बांग्लादेशियों को डिपोर्ट किया जा चुका है। इस पूरे अभियान में राजस्थान पुलिस, जिला प्रशासन और बीएसएफ के बीच तालमेल महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। बांग्लादेश सरकार को भी इनके बारे में सूचित किया गया है, जिससे पहचान और स्वदेश वापसी की प्रक्रिया को सुगम बनाया जा सके।
अवैध घुसपैठियों के लिए राजस्थान में कुल 6 डिटेंशन सेंटर बनाए गए हैं। इनमें अलवर, उदयपुर के झाड़ोल, नागौर के मेड़ता, बहरोड़ और जयपुर के दो सेंटर शामिल हैं। अलवर का सेंटर स्थायी है, जबकि बाकी सभी अस्थायी रूप से अभियान के लिए तैयार किए गए हैं। इन सेंटरों में फिलहाल करीब 1008 घुसपैठिए डिटेन किए गए हैं।
राज्य के अलग-अलग जिलों में की गई छापेमारी में सबसे ज्यादा घुसपैठिए सीकर से पकड़े गए हैं, जहां से 394 लोग हिरासत में लिए गए। इनमें अकेले खंडेला क्षेत्र से 50 से अधिक लोग पकड़े गए हैं। जयपुर से 218, अलवर से 117 और अजमेर से 31 घुसपैठिए पकड़े गए। ये सभी बांग्लादेशी नागरिक लंबे समय से बिना वैध दस्तावेजों के रह रहे थे और अपनी पहचान छिपाकर मजदूरी, घरेलू काम, कबाड़ी का काम, कचरा बीनना और ईंट-भट्टों पर काम कर रहे थे।
जांच के दौरान इनमें से कई के पास फर्जी दस्तावेज मिले हैं, जो भारत के मूल निवासी होने का दावा करते हैं। इन दस्तावेजों के स्रोत और उन्हें जारी करने वाले व्यक्तियों की पहचान करने के लिए एक अलग जांच शुरू की गई है। कुछ घुसपैठियों का आपराधिक रिकॉर्ड भी सामने आया है।
राजस्थान सरकार की यह कार्रवाई अवैध घुसपैठ और राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरे को लेकर गंभीरता को दर्शाती है। अधिकारियों का कहना है कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा और किसी भी अवैध नागरिक को बख्शा नहीं जाएगा। सरकार का यह कदम राज्य में कानून व्यवस्था को बनाए रखने और देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है।
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