डूबने की सूचना मिलते ही गांव में दौड़ी शोक की लहर
मध्य विद्यालय बलहपुर के प्रागण में खेल मैदान की ढलाई का कार्य कह सभी युवक घर से निकले थे। की लाश मिलने के बाद देखने जुटी लोगों की भीड़। मटिहानी, एक संवाददाता। घर से खाना खा कर मजदूरी करने की बात कह...

मटिहानी, एक संवाददाता। घर से खाना खा कर मजदूरी करने की बात कह चार युवक निकले थे। परिजन आस लगाए हुए बैठे थे कि पुत्र काम कर वापस सकुशल वापस आयेगा। लेकिन होनी का कुछ और मंजूर था। परिजन को क्या पता था कि घर से एक साथ निकले चार युवक में एक ही घर वापस लौटेगा। सफापुर पंचायत के पूर्व मुखिया विनोद तांती ने बताया की मध्य विद्यालय बलहपुर के प्रागण में खेल मैदान के ढलाई का कार्य कह सभी युवक घर से निकले थे। लेकिन काम बंद रहने के कारण चारों युवक नयागांव गंगा नदी पहुंच गये। वहां एक के बाद एक डूबने लगे।
दो युवक को तो स्थानीय लोगों के द्वारा पानी से सकुशल बाहर कर लिया गया। लेकिन कुंदन कुमार व सन्नी कुमार डूब गया। कुंदन व सन्नी का शव स्थानीय गोताखोर के माध्यम से पानी से बाहर निकाल लिया गया। चारों युवक की डूबने की सूचना गांव में आग की तरह फ़ैल गयी। सभी अपने अपने परिवार के लोगों को खोजते व मोबाइल से सम्पर्क करतें देखे गए। नयागांव स्थित हरदत बाबा स्थान के समीप गंगा नदी में डूबे दोनों युवक का शव मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। इधर पूर्व मुखिया विनोद तांती, वार्ड सदस्य राज किशोर कुमार आदि ने शोक व्यक्त किया हैं। मटिहानी का अधिकांश गंगा घाट है खतरनाक प्रखंड क्षेत्र में आधे दर्जन से अधिक गांव में गंगा घाट है। यह खतरनाक बना हुआ है। गंगा कटाव के साथ-साथ बालू माफियाओं के कारण नदी में कहीं कहीं 20 फीट से अधिक गहरे पानी हैं। गंगा स्नान करने पहुंचने वाले लोगों को स्थल की जानकारी नहीं होने के कारण अभी तक कई श्रद्धालुओं की जान जा चुकी है। लेकिन खनन माफियाओ पर अंकुश लगाने में पुलिस प्रशासन विफल साबित हो रही है। अगर आप मटिहानी से नयागांव की तरफ गुजरते हैं तो बालू माफिया का आतंक बालू लदे ट्रैक्टर चालक के रूप देखने को मिल सकता है। वे बिना रोकटोक बालू का अवैध कारोबार कर रहे हैं। हालांकि कभी-कभी खनन विभाग के द्वारा कार्रवाई भी की गई है। कार्रवाई के बाद कुछ दिन सड़क शांत रहती है। उसके बाद में फिर वही स्थिति सड़क पर देखने को मिलती है। स्थानीय गोताखोर के माध्यम से मिला शब वर्तमान समय में एसडीआरएफ की टीम हाथी का दांत बना हुई है। गंगा नदी में डूबने के बाद उसी दिन एक भी शव को एसडीआरएफ की टीम पानी से बाहर निकाल नहीं पायी। कांग्रेस नेता अशोक राय, राजद नेता कैलाश यादव, त्रिभुवन कुमार पिन्टू आदि ने बताया की सरकारी स्तर पर एसडीआरएफ की टीम हाथी का दांत है। बताया की आज भी स्थानीय गोताखोर के द्वारा ही दोनों शवों को पानी से बाहर निकाला गया हैं। एसडीआरएफ की टीम की जगह सरकारी स्तर पर स्थानीय गोताखोर की सेवा लेने पर जोर दिया।
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