आर्थिक विकास दर को लेकर आश्वस्त सरकार
- अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों को भी भारत की अर्थव्यवस्था में दिख रहे सुधारात्मक संकेत

तमाम वैश्विक चुनौतियों के बीच सरकार आर्थिक विकास दर को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त है। सरकार का मानना है कि टैरिफ संबंधी चुनौतियां सिर्फ छोटे समय के लिए हैं। इससे देश की अर्थव्यवस्था को कोई खासा प्रभाव नहीं पड़ेगा। कुछ चुनिदां क्षेत्रों को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश क्षेत्रों में खपत बढ़ रही है। चुनिंदा क्षेत्रों में भी रुकावट सिर्फ अल्पकालीन समय के लिए है। सरकार की तरफ से कहा गया है कि देश में मांग तेजी से बढ़ रही है, जिससे उत्पादन क्षमता में भी सुधार देखने को मिल रहा है। इसलिए आने वाले दिनों में कई क्षेत्रों में अच्छा विकास देखने को मिलेगा।
अब अंतरराष्ट्रीय स्तर की तमाम रेटिंग एजेंसी भी मान कर चल रहा है कि भारत की आर्थिक विकास दर तेजी से बढ़ रही है, जिसमें आने वाले समय में सुधार दिखाई देगा। अगर टैरिफ के चलते वैश्विक स्तर पर मांग प्रभावित होती है तो वह सिर्फ छोटे समय के लिए होगी, जिससे अर्थव्यवस्था को कई नुकसान नहीं होगा। उधर, क्रिप्टो करेंसी को लेकर सरकार का कहना है कि उसकी वैधता को लेकर कोई भी नियम बनाने से पहले जी-20 देशों के साथ भी विचार-विमर्श करना होगा। इसलिए सभी पक्षों से उचित सुझाव लेकर कोई फैसला लिया जाएगा। ध्यान रहे कि कुछ दिन पहले सर्वोच्च यायालय ने कहा था कि बिटकॉइन जैसी अन्य क्रिप्टोकरंसी के जरिए समानांतर अर्थव्यवस्था चल रही है। यह देश की स्थिरता को प्रभावित कर सकती है। बिटकॉइन हवाला जैसा अवैध कारोबार है, जिसमें बिना किसी नियम के धन का लेनदेन हो रहा है। अगर सरकार इस पर स्पष्ट नियम बनाती है तो अवैध व्यापारों पर नजर रखी जा सकती है। ----------- सेना की जरूरत के लिए पर्याप्त बजट केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान रक्षा मंत्रालय की तरफ से कोई अतिरिक्त धनराशि नहीं मांगी गई। आवंटित बजट ही, उसके लिए पर्याप्त था। अगर रक्षा मंत्रालय की तरफ से कोई अतिरिक्त मांग आती है तो उसे भी पूरा किया जाएगा।
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