Pahalgam attack made us furious female BSF soldier recalls sentiment after Apr 22 carnage यह हमारे सिंदूर पर सीधा प्रहार था...; पहलगाम हमले के बाद खौल उठा था BSF की महिला जवानों का खून, Rajasthan Hindi News - Hindustan
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यह हमारे सिंदूर पर सीधा प्रहार था...; पहलगाम हमले के बाद खौल उठा था BSF की महिला जवानों का खून

पहलगाम में हुए आतंकी हमले को गुजरे एक महीने से ज्यादा समय हो गया है। लेकिन, उस घटना को याद कर बीएसएफ की महिला जवानों का खून खौल उठता है। महिला जवानों ने कहा कि पहलगाम में हुए हमले में कई महिलाओं के पतियों को निशाना बनाया गया। यह हमारे सिंदूर पर सीधा प्रहार था।

Subodh Kumar Mishra पीटीआई, जैसलमेरSat, 24 May 2025 03:16 PM
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यह हमारे सिंदूर पर सीधा प्रहार था...; पहलगाम हमले के बाद खौल उठा था BSF की महिला जवानों का खून

पहलगाम में हुए आतंकी हमले को गुजरे एक महीने से ज्यादा समय हो गया है। लेकिन, उस घटना को याद कर बीएसएफ की महिला जवानों का खून खौल उठता है। महिला जवानों ने कहा कि पहलगाम में हुए हमले में कई महिलाओं के पतियों को निशाना बनाया गया। यह हमारे सिंदूर पर सीधा प्रहार था।

कश्मीर के पहलगाम में पुरुषों की लक्ष्य बनाकर की गई हत्या की घटना बीएसएफ की महिला सैनिकों पर भी हावी रही। महिला जवानों ने भारत और पाकिस्तान के बीच सशस्त्र संघर्ष छिड़ने पर अपनी चौकियों की कमान पूरी निष्ठा से संभाली। राजस्थान के चार जिले - गंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर और बाड़मेर पाकिस्तान के साथ 1,070 किलोमीटर लंबी सीमा शेयर करते हैं।

सीमा सुरक्षा बल की जवान जसबीर ने कहा कि जब पहलगाम पर हमला हुआ तो हमारा खून खौल उठा। हम भी शादीशुदा हैं। हमने उन महिलाओं का दर्द महसूस किया जिन्होंने अपने पतियों को खो दिया। ऑपरेशन सिंदूर में दुश्मन को जवाब मिल गया और अगर उसने दोबारा दुस्साहस किया तो वे फिर से हमारा सामना करेंगे।

जसबीर ने ऑपरेशन सिंदूर की ब्रीफिंग करने वाली विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी की भी प्रशंसा की। कहा कि महिला अधिकारियों को देखना गर्व का क्षण था। हमें उन्हें देखकर बहुत गर्व महसूस हुआ। पाकिस्तान को अब यह समझ लेना चाहिए कि भारत के साथ खिलवाड़ करना आसान नहीं है।

एक अन्य सैनिक सरिता ने बताया कि पहलगाम हमले के तुरंत बाद उन्हें भी जवानों के साथ तैनात किया गया था। उन्होंने कहा कि ड्रोन उड़े, संदिग्ध हरकतें देखी गईं, लेकिन हमारे जवानों ने हर कोशिश को नाकाम कर दिया। दिन हो या रात, चाहे कोई भी स्थिति हो, हम ड्यूटी पर मौजूद रहते हैं।

सोनल ने हमले के बाद की भावनात्मक स्थिति को याद करते हुए कहा कि पहलगाम में हुए हमले में कई महिलाओं के पतियों को निशाना बनाया गया। यह हमारे सिंदूर पर सीधा प्रहार था। पाकिस्तान का इस तरह के कृत्यों का इतिहास रहा है, लेकिन अब हम हमेशा तैयार और सतर्क रहते हैं।

22 अप्रैल को पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने 7 मई की रात को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया और पाकिस्तान में आतंकी ढांचों पर हमला किया। इसके जवाब में पाकिस्तान ने जैसलमेर, बाड़मेर और अन्य सीमावर्ती इलाकों में नागरिक और सैन्य ढांचों को निशाना बनाकर ड्रोन हमले किए। 10 मई को युद्ध विराम के बावजूद सीमा पार से ड्रोन उड़ते रहे।

वैसे भी, गर्मी के मौसम में जवानों को रेगिस्तान की गर्मी से बचाने के लिए सीमा सुरक्षा बल ने दोगुनी ताकत लगा दी है। बीएसएफ के एक अधिकारी ने बताया कि जवानों को हाइड्रेट रखने के लिए ड्यूटी पॉइंट पर वाटर कूलर, नींबू पानी, छाछ की व्यवस्था की गई है।

अधिकारी ने बताया कि रेगिस्तान में पारा 50 डिग्री से ऊपर चला जाता है और बाहर निकलना बहुत मुश्किल होता है। लेकिन, बीएसएफ के जवान और अधिकारी पूरी तरह सतर्क हैं और अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं।