Bribe of Rs one lakh demanded for mutation data operator from Sasaram caught by surveillance दाखिल-खारिज के लिए मांगी 1.10 लाख की घूस, सासाराम से डाटा ऑपरेटर को निगरानी ने रंगे हाथों दबोचा, Bihar Hindi News - Hindustan
Hindi NewsBihar NewsBribe of Rs one lakh demanded for mutation data operator from Sasaram caught by surveillance

दाखिल-खारिज के लिए मांगी 1.10 लाख की घूस, सासाराम से डाटा ऑपरेटर को निगरानी ने रंगे हाथों दबोचा

सासाराम अंचल से दाखिल खारिज रद्द करने के एवज में 1.10 लाख रुपए घूस लेने के आरोप में निगरानी ने कंप्यूटर ऑपरेटर को गिरफ्तार किया है। आरोपी का नाम आकाश कुमार दास है, जिसे रंगे हाथों पकड़ा गया है।

sandeep लाइव हिन्दुस्तान, पटनाSat, 24 May 2025 03:44 PM
share Share
Follow Us on
दाखिल-खारिज के लिए मांगी 1.10 लाख की घूस, सासाराम से डाटा ऑपरेटर को निगरानी ने रंगे हाथों दबोचा

बिहार में सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार किस कदर हावी हो गया है। सासाराम में इसकी बानगी देखने को मिली। जहां दाखिल खारिज रद्द करने के एवज में 1.10 लाख रुपए घूस मांगी गई। जिसके बाद निगरानी ने आरोपी कंप्यूटर ऑपरेटर आकाश कुमार दास को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया। पीड़ित ने बताया कि कोर्ट के आदेश के बावजूद म्यूटेशन रद्द करने के लिए रिश्वत मांग गई थी। सासाराम अंचल के सीओ ने डाटा ऑपरेटर से मिलने को कहा था। जिसके बाद इसकी सूचना निगरानी को दी गई। जिसके बाद आरोपी आकाश दास को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया।

वहीं मधुबनी के जयनगर के राजस्व कर्मचारी सह अंचल निरीक्षक अजय कुमार मंडल को 3 लाख रुपये की रिश्वत लेते उनके किराए के मकान से पकड़ा गया है। यह घूस की रकम दाखिल खारिज करने के एवज में ली जा रही थी। जानकारी के अनुसार, सर्किल इंस्पेक्टर अजय मंडल ने एक जमीन के दाखिल खारिज के लिए भूमि मालिक से 20 लाख रुपये घूस की मांग की थी।

ये भी पढ़ें:बिहार में निगरानी की बड़ी कार्रवाई, तीन लाख लेते सीआई गिरफ्तार
ये भी पढ़ें:बिहार में एक और घूसखोर गिरफ्तार, प्रिंसिपल 32000 रुपये लेते पकड़ा गया
ये भी पढ़ें:बिहार के घूसखोरों पर शिकंजा, अररिया में BDO तो पटना में रिश्वतखोर ASI गिरफ्तार
ये भी पढ़ें:निगरानी ने घूसखोर राजस्व कर्मचारी को दबोचा, कहता था- सिस्टम में आइए तो…

पटना निगरानी डीएसपी सुजीत सागर ने बताया दो कट्ठा जमीन के दाखिल खारिज के लिए 20 लाख रुपये रिश्वत की मांग की गई थी और 3 लाख रुपये तत्काल दिया जा रहा था। इस मामले में अकेले सीआई नहीं है, राजस्व कर्मचारी और अधिकारी भी शामिल है जिसकी जांच की जा रही है।सासाराम और मधुबनी जिले में कई और भ्रष्ट अधिकारी और कर्मी विजिलेंस के निशाने पर हैं।

आपको बता दें निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई तेज की है। ब्यूरो के मुताबिक 2023 और 2024 के मुकाबले 2025 के पहले साढ़े चार महीने में ही औसत से अधिक कांड दर्ज किए गये हैं। जारी विज्ञप्ति के मुताबिक निगरानी ने भ्रष्टाचार के विरुद्ध 2023 में 36 केस और 2024 में मात्र 15 केस दर्ज किये गये थे। इस प्रकार पिछले दो वर्षों में औसतन पूरे वर्ष में 25.5 कांड दर्ज हुए।