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गोली लगी है... बस इतनी बात और कट गया था फोन, आज जयपुर पहुंचा नीरज का पार्थिव देह

जयपुर के नीरज उधवानी अपनी पत्नी आयुषी के साथ घूमने कश्मीर गए थे, लेकिन उन्हें क्या पता था कि यह सफर उनकी जिंदगी का आखिरी सफर बन जाएगा। उनका पार्थिव देह जयपुर पहुंचा है।

Krishna Bihari Singh लाइव हिन्दुस्तान, जयपुरWed, 23 April 2025 11:03 PM
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गोली लगी है... बस इतनी बात और कट गया था फोन, आज जयपुर पहुंचा नीरज का पार्थिव देह

जयपुर के मालवीय नगर के मॉडल टाउन में मातम पसरा है। यहां रहने वाले 33 वर्षीय नीरज उधवानी अपनी पत्नी आयुषी के साथ घूमने-फिरने की चाह में कश्मीर गए थे, लेकिन उन्हें क्या पता था कि यह सफर उनकी जिंदगी का आखिरी सफर बन जाएगा। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में नीरज की गोली लगने से मौत हो गई।

आंखे हुईं नम

बुधवार रात को 8:15 बजे जब इंडिगो की फ्लाइट से नीरज की पार्थिव देह जयपुर एयरपोर्ट पर पहुंची, तो वहां मौजूद हर आंख नम थी। उनके साथ उनकी पत्नी आयुषी, बड़े भाई किशोर और भाभी शुभी थीं। जैसे ही पार्थिव शरीर एयरपोर्ट से घर लाया गया, पूरा इलाका शोक में डूब गया। उनका अंतिम संस्कार गुरुवार सुबह 9 बजे किया जाएगा।

राजनेताओं ने दी श्रद्धांजलि

एयरपोर्ट पर उद्योग मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, सांसद मंजू शर्मा, कांग्रेस विधायक रफीक खान, उप नेता प्रतिपक्ष रामकेश मीणा ने पार्थिव देह को श्रद्धांजलि दी।

दुबई में CA थे नीरज

नीरज दुबई में बतौर चार्टर्ड अकाउंटेंट कार्यरत थे। हाल ही में किसी करीबी की शादी में शामिल होने के लिए शिमला गए थे और वहीं से कुछ दिन निकालकर पत्नी संग कश्मीर घूमने निकल गए थे। फरवरी 2023 में नीरज की शादी आयुषी से हुई थी। दोनों की शादी को अभी महज एक साल ही हुआ था।

गोली लगी है... और कट गया था फोन

नीरज के बड़े भाई किशोर उधवानी को मंगलवार रात को फोन आया, जिसने पूरे परिवार की दुनिया हिला दी। कॉल आयुषी की थी। आवाज कांप रही थी, शब्द टूट रहे थे- "नीरज को गोली लग गई है..." बस इतना कह सकी। इसके बाद फोन कट गया और घर में कोहराम मच गया।

तीन महीने पहले जयपुर आया था नीरज

रातों-रात पूरा परिवार दिल्ली रवाना हुआ और फिर सुबह की फ्लाइट से कश्मीर पहुंचा। नीरज के चाचा दिनेश उधवानी बताते हैं कि मकर संक्रांति पर तीन महीने पहले ही नीरज जयपुर आया था। कौन जानता था कि वह आखिरी बार होगा जब परिवार ने उसे हंसते हुए देखा।

फंसे थे जैसलमेर के 32 लोग

जैसलमेर के 32 लोग भी इस हमले के दौरान पास ही के होटल में फंसे हुए थे। उन्हें बाद में सुरक्षाकर्मियों ने सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है। कश्मीर की वादियों में इस बार फूलों की खुशबू नहीं, गोलियों की गूंज थी। उसी गूंज में एक मुस्कुराता चेहरा नीरज हमेशा के लिए खो गया।