जानिए क्या है राजस्थान के उस शीशमहल की कहानी? चमकते आमेर फोर्ट ने मोहा अमेरिका के उपराष्ट्रपति वेंस का मन
जयपुर के आमेर महल का शीशमहल न सिर्फ राजस्थान की शाही विरासत का प्रतीक है, बल्कि भारत की अद्वितीय स्थापत्य कला का भी चमकता उदाहरण है। आज उसी शीशमहल की जगमगाती दीवारों और कांच की कारीगरी ने अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस को मंत्रमुग्ध कर दिया।

जयपुर के आमेर महल का शीशमहल न सिर्फ राजस्थान की शाही विरासत का प्रतीक है, बल्कि भारत की अद्वितीय स्थापत्य कला का भी चमकता उदाहरण है। आज उसी शीशमहल की जगमगाती दीवारों और कांच की कारीगरी ने अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस को मंत्रमुग्ध कर दिया। अपनी फैमिली के साथ आमेर फोर्ट की सैर पर निकले वेंस का स्वागत जिस शाही अंदाज में हुआ, वह आमेर की सदियों पुरानी परंपरा की गवाही दे रहा था।
शीशमहल, जिसे 'Mirror Palace' के नाम से भी जाना जाता है, आमेर किले का सबसे आकर्षक हिस्सा है। इसका निर्माण 16वीं शताब्दी में राजा मान सिंह ने शुरू करवाया था, जिसे बाद में राजा जय सिंह ने और भव्यता दी। इसका मुख्य आकर्षण है दीवारों और छतों पर जड़ा बेल्जियम से मंगवाया गया कांच, जिनमें जब दीया जलता है तो पूरा महल तारों सा जगमगा उठता है। यही वजह है कि प्राचीन काल में रानियों के लिए यह खास कक्ष बनाया गया था, ताकि वे बिना खुले आसमान के भी सितारों की छांव में रात बिता सकें।
उपराष्ट्रपति वेंस और उनकी बेटी जब शीशमहल की नक्काशीदार दीवारों को निहारते दिखे, तो वह दृश्य खुद एक ऐतिहासिक पल बन गया। शाही अंदाज में उनके स्वागत की शुरुआत रामबाग पैलेस से हुई, जहां से वे गोल्फ कार्ट से आमेर पहुंचे। जलेब चौक में लोक कलाकारों के रंग-बिरंगे नृत्य और हाथियों पुष्पा व चंदा की मौजूदगी ने पूरे माहौल को एक राजसी उत्सव में बदल दिया।

शीशमहल के बाद वेंस परिवार ने दीवान-ए-खास, बारादरी और केसर क्यारी जैसे हिस्सों का भी भ्रमण किया, जहां उन्होंने राजस्थान की स्थापत्य कला और पानी के प्राचीन संरचनात्मक ज्ञान की सराहना की। मावठा सरोवर के पास उन्होंने तस्वीरें भी खिंचवाईं, जो भारतीय मेहमाननवाजी की एक खूबसूरत याद बन गई।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी की मौजूदगी में यह दौरा न सिर्फ औपचारिक रहा, बल्कि एक सांस्कृतिक संगम की मिसाल भी बना। दीया कुमारी स्वयं राजपरिवार से जुड़ी होने के नाते इतिहास की इस विरासत को और भी खास बना गईं। राजस्थान के शीशमहल की यह चमक सिर्फ दीवारों पर नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, परंपरा और अद्भुत वास्तुकला में भी रची-बसी है और यही चमक विदेशी मेहमानों के दिलों में उतरती है, हर बार।