अचानक तबीयत बिगड़ने पर पहले गांव में इलाज कराया गया लेकिन सुधार नहीं होने पर बीते छह अप्रैल को डीएमसीएच में भर्ती कराया गया था। पत्नी ने बताया कि पति ने छह अप्रैल को शराब पी थी।
यूपी में एक के साथ एक शराब की बोतल फ्री का बैनर लगते ही पियक्कड़ों की भीड़ उमड़ रही है। यहां भी इस तरह का ऑफर चल रहा है लोग वहां से बोतल लेकर स्टॉक बना रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में हर जिले में फलों से तैयार वाइन की एक दुकान खोली जाएगी। लाइसेंस फीस मंडल मुख्यालय में 50 हजार रुपये और अन्य जिलों में 30 हजार रुपये होगी। नई आबकारी नीति से ₹60,000 करोड़ की सालाना...
बर्थ डे पार्टी शहर के एक वार्ड पार्षद के रिश्तेदार का था। पार्टी में रात रंगीन करने के लिए सुरा और शबाब दोनों की व्यवस्था की गई थी। देर रात तक होटल में बज रहे डीजे से आस पास के लोग परेशान होकर सूचना पुलिस को दी सूचना पर पहुंची पुलिस जब मौके पर पहुंची तो वहां का नजारा देख चौंक गई।
उत्पाद इंस्पेक्टर शिवेंद्र कुमार ने बताया कि दिल्ली नंबर के कंटेनर पर हरियाणा से शराब की खेप लोड की गई थी। मुजफ्फरपुर में इसकी डिलीवरी की जानी थी। शराब तस्करों ने तस्करी के लिए डाक पार्सल लिखे कंटेनर का उपयोग किया था, ताकि शक न हो।
मंत्री रत्नेश सदा ने मद्य निषेध विभाग के कई अधिकारियों के काम काज पर नाराजगी जताते हुए कहा कि जरूरत पड़ी से सरकार इनके खिलाफ ऐक्शन लेने से भी नहीं हिचकेगी। उन्होंने कार्य में लापरवाही और कम गिरफ्तारी करने पर बेतिया, सुपौल और बांका के मद्यनिषेध अधीक्षकों की कार्य प्रणाली पर असंतोष जताया।
वायरल वीडियो के आधार पर पांचों कर्मियो को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार सीटी स्कैन संजीवनी संस्था के कर्मी हैं। एक साथी के जन्मदिन पर सबने शराब का सेवन किया और वीडियो भी बनाया जो लीक हो गया।
यूपी में कटेहरी (आंबेडकरनगर), करहल (मैनपुरी), मीरापुर (मुजफ्फरनगर), मझवां (मिर्जापुर), सीसामऊ (कानपुर शहर), खैर (अलीगढ़), फूलपुर (प्रयागराज), कुंदरकी (मुरादाबाद) और गाजियाबाद पर सीटों पर 20 को मतदान है। आज शाम से पांच बजे से 20 नवम्बर को मतदान समाप्त होने तक हो बंद रहेगी।
पकड़े गए चालक की पहचान असम राज्य के गुवाहाटी के कामरूप मेट्रो सतगांव के बिट्टू सोनार के रूप में की गई। इस दौरान ट्रक से 30420 बोतल बरामद किए गए। सुरक्षा बलों को शराब की बोतल गिनती करने के लिए कई घंटे का समय लगा।
लाइसेंसी हथियार धारकों की मृत्यु के बाद उनके हथियार और लाइसेंस के दुरुपयोग की आशंका है। उनके लाइसेंस पर गोलियां खरीदकर अपराधियों को बेचे जाने की बात सामने आ रही है। इसके मद्देनजर पुलिस ने मृत हथियार धारकों के हथियार और लाइसेंस का सुराग ढूंढना शुरू कर दिया है।