भेष बदलकर 4 साल से पीलीभीत में आश्रम चला रहा था हरियाणा का अपराधी, हुआ फरार
- आश्रम का संचालक महीने में कुछ दिन ही पीलीभीत में रहता है। उत्तराखंड के चंपावत में भी उसका एक आश्रम है। उसके बारे में इनपुट मिलने पर हरियाणा के पंचकुला की पुलिस पीलीभीत पहुंची। स्थानीय पुलिस से संपर्क करने के बाद आश्रम पर दबिश दी। वहीं, इससे पहले ही आश्रम संचालक वहां से फरार हो गया।

हरियाणा में ठगी के मुकदमे में वांछित 50 हजार का इनामी भेष बदलकर पीलीभीत में आश्रम संचालित कर रहा था। सूचना पर हरियाणा पुलिस ने दबिश दी लेकिन उससे पहले ही वह फरार हो गया। पंचकुला कोर्ट ने उसे स्थायी भगोड़ा घोषित कर रखा है। थाना गजरौला क्षेत्र के असम हाईवे पर नहर पुल के पास पिछले चार साल से एक आश्रम संचालित है। बताया जाता है कि आश्रम का संचालक महीने में कुछ दिन ही पीलीभीत में रहता है। इसके अलावा उत्तराखंड के चंपावत में भी उसका एक आश्रम है। उसके बारे में इनपुट मिलने पर हरियाणा के पंचकुला की पुलिस पीलीभीत पहुंची और स्थानीय पुलिस से संपर्क करने के बाद आश्रम पर दबिश दी। वहीं, इससे पहले ही आश्रम संचालक वहां से फरार हो गया।
करोड़ों का बताया जा रहा विवाद
पंचकुला पुलिस के मुताबिक आरोपी का असली नाम विभोर बत्रा है। वह हरियाणा के पंचकुला का निवासी है। उसके खिलाफ वर्ष 2014 में सेक्टर पांच में करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी को लेकर मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसके बाद से ही वह फरार चल रहा है। उसके खिलाफ 21 जनवरी 2015 को हरियाणा के डीजीपी की ओर से 50 हजार का इनाम घोषित किया गया था।
29 फरवरी 2016 को कोर्ट ने उसे स्थायी भगोड़ा घोषित कर दिया है। आरोपी के एक साथी विशाल गर्ग का नाम भी प्रकाश में आया था। विभोर के फरार होने के बाद से ही हरियाणा पुलिस की टीमें उसकी टोह लेने में जुटी हुई थी।
बड़े लोगों से करीबी
लोगों ने बताया कि आश्रम संचालक काफी रसूखदार है। हरियाणा के साथ ही यूपी और उत्तराखंड में उसकी काफी पहुंच है। उत्तराखंड व यूपी के कई नेताओं और अधिकारियों का उसके पास लगातार आना-जाना रहा है।
क्या बोली पुलिस
पीलीभीत के एसपी अविनाश पांडेय ने कहा कि हरियाणा से वांछित अपराधी के गजरौला में आश्रम संचालित करने की जानकारी मिली है। वहां की पुलिस उसकी तलाश में भी आई थी। पूरे मामले की गहनता से जांच की जा रही है। फिलहाल आरोपी फरार है।