काशी विश्वनाथ कॉरिडोर पर मिसाइल हमले की सूचना के बाद अंदर घुसी NDRF, मॉक ड्रिल से परखी सुरक्षा
पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले के बाद किसी भी संभावित खतरे से निबटने के लिए बुधवार को वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर पर भी मॉक ड्रिल करके सुरक्षा और सतर्कता आंकी गई।

पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले के बाद अपने देश में भी महत्वपूर्ण स्थलों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। संभावित युद्ध एवं हवाई हमले की दौरान आम नागरिकों को अपनी जान की सुरक्षा और बचाव के तरीके बताए जा रहे हैं। इसके साथ ही जगह-जगह मॉक ड्रिल के माध्यम से सतर्कता को परखा जा रहा है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में स्थित द्वादश ज्योर्तिलिंग काशी विश्वनाथ मंदिर पर भी बुधवार को मॉ़क ड्रिल का आयोजन किया गया। 600 जवानों की उपस्थिति में पूरे अभ्यास को अंजाम दिया गया। पहले काशी विश्वनाथ कॉरिडोर पर मिसाइल हमले की सूचना प्रसारित हुई। इसके बाद पूरी फोर्स एक्टिव हो गई।
एनडीआरएफ की टीमों ने मोर्चा संभाला और विश्वनाथ कॉरिडोर के अंदर घुस गई। वहां घायल पड़े लोगों को सबसे पहले बाहर लाया गया और सभी इलाज शुरू किया गया। कुछ लोगों को सीपीआर भी दी गई। कुछ लोगों को एंबुलेंस के माध्यम से अस्पतालों के लिए भी रवाना किया गया। इस दौरान एक दीवार को भी काटकर अंदर पहुंचने का अभ्यास किया गया। एनडीआरएफ के साथ डॉग स्क्वायड की टीम भी इस दौरान मौजूद रही। यह डॉग किसी मलबे के अंदर दबे लोगों की पहचान करने में माहिर हैं। सुबह छह बजे से ही यह मॉक ड्रिल शुरू हो गई जो कई घंटों तक जारी रही।
काशी विश्वनाथ मंदिर के साथ ही वाराणसी में कई अन्य स्थलों पर भी मॉक ड्रिल की गई। पुलिस लाइन में बुधवार को एनडीआरएफ और सिविल डिफेंस की टीम ने हवाई हमले और उससे बचाव का प्रदर्शन किया। सिविल डिफेंस स्वयंसेवकों ने हवाई हमले के बाद के दृश्य का प्रदर्शन किया। सायरन बजाकर लोगों को सचेत किया गया। एनडीआरएफ टीम ने घायलों को बाहर निकाला। गैस सिलेंडर में आग लगने और उसे बुझाने का प्रशिक्षण दिया। इस दौरान जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार, अपर आयुक्त कानून व्यवस्था डा.एस चन्नप्पा, एडीएम सिटी आलोक वर्मा, उप नियंत्रक नागरिक सुरक्षा जितेन्द्र देव सिंह आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।