Kashganj s Architectural Heritage Sitaramji Temple Colonel Gardner s Tomb and Jhal Bridge देश-दुनिया में कासगंज की शान बढ़ाती हैं ऐतिहासिक विरासत, Agra Hindi News - Hindustan
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देश-दुनिया में कासगंज की शान बढ़ाती हैं ऐतिहासिक विरासत

Agra News - कासगंज में सीतारामजी मंदिर, कर्नल गार्डनर का मकबरा और झाल का पुल जैसे प्राचीन विरासत स्थल हैं। सीताराम जी का मंदिर 10वीं-11वीं शताब्दी का है, जिसमें हर साल हजारों श्रद्धालु आते हैं। कर्नल गार्डनर का...

Newswrap हिन्दुस्तान, आगराFri, 18 April 2025 01:31 AM
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देश-दुनिया में कासगंज की शान बढ़ाती हैं ऐतिहासिक विरासत

कासगंज,जनपद में पुरातत्व विभाग के द्वारा संरक्षित सीतारामजी मंदिर व कासगंज के कर्नल कार्डर का मकबरा प्रचारी विरासत स्थलों को देखने लोग आते हैं। कासगंज के नदरई में स्थित झाल का पुल अंग्रेजी इंजीनियरिंग का बेजोड़ नमूना है। काली नदी के ऊपर बहती हजारा नहर अब पर्यटक स्थल के रूप में विकसित हो चुका है। सोरों स्थित सीतारामजी का मंदिर

कासगंज। सोरों में 10वीं व 11वीं शताब्दी के मध्य बना सीताराम जी का मंदिर प्राचीनतम विरासतों में से एक है। सीताराम जी मंदिर को देखने के लिए हर वर्ष हजारों लोग सोरों आते हैं। पुरातत्व विभाग के द्वारा इस मंदिर के जीर्णोद्धार किया गया है। मंदिर के आसपास पार्क व दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मूलभूत सुविधाएं भी विकसित की हैं।

छावनी में स्थित कर्नल गार्डनर का मकबरा

कासगंज। शहर से पांच मील दूर गांव छावनी में कर्नल विलियम गार्डनर ने अंग्रेजी सेना की घुड़सवार यूनिट की स्थापना की थी। कर्नल र्गाडनर परिवार के साथ यहीं रहते थे। कर्नल गार्डनर परिवार के मृत पूर्वजों की कब्र आज भी मकबरा के रूप में आज भी संरक्षित है। भारतीय पुरातत्व विभाग के द्वारा इस मकबरा को संरक्षित किया गया है। मकबरा के आसपास सफाई के साथ ही इसके संरक्षित इमारत होने को बोर्ड भी विभाग के द्वारा लगाया गया है।

कासगंज में नदरई स्थित झाल का पुल

कासगंज। शहर के पांच किलोमीटर दूरी पर झाल का पुल पर्यटक स्थल के रूप में विकसित हो रहा है। यह 1885 से 1889 तक बनाया गया है। इसकी लंबाई 346 मीटर है और इसकी निर्वहन क्षमता 7095 क्यूसेक है। इस झाल के पुल को देखने के लिए हर रोज सैकड़ों की संख्या में लोग आते हैं। हालांकि झाल के पुल पर पर्यटकों के लिए कोई मूलभूत सुविधा उपलब्ध नहीं हैं।

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