हमला सपा सांसद रामजी लाल सुमन के आवास पर, चिंता बसपा की बढ़ी, मायावती बोलीं- घिनौनी राजनीति
राणा सांगा विवाद में हमला भले ही सपा सांसद रामजी लाल सुमन के आवास पर हुआ है लेकिन इससे चिंता बहुजन समाज पार्टी की बढ़ गई है। बसपा प्रमुख मायावती ने पूरे मामले को घिनौनी राजनीति करार दिया है। सपा के दलित नेताओं को नसीहत भी दी है।

राणा सांगा पर टिप्पणी को लेकर समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन के घर पर बुधवार को करणी सेना ने हमला बोल दिया। अखिलेश यादव ने इसे पीडीए से जोड़ते हुए कह दिया कि दलित होने के कारण उनके घर पर हमला हुआ है। गुरुवार को अखिलेश के दोनों चाचा रामगोपाल यादव और शिवपाल यादव बारी-बारी से रामजी लाल सुमन के घर भी पहुंच गए। पूरे मामले को दलित बनाम क्षत्रिय बनता देख बहुजन समाज पार्टी की मुश्किलें बढ़ गईं। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने इसे समाजवादी पार्टी की घिनौनी राजनीति करार दिया। मायावती ने सपा के दलित नेताओं को इस मौके पर यह भी नसीहत दे दी कि इससे उनको नुकसान होगा।
मायावती ने सपा और करणी सेना के बीच मामला गरमाता देख घटना के एक दिन बाद सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि सपा अपने राजनैतिक लाभ के लिए अपने दलित नेताओं को आगे करके जो घिनौनी राजनीति कर रही है वह उचित नहीं है। इससे दलित नेताओं को नुकसान होगा। उन्होंने सपा सांसद रामजी लाल सुमन के आगरा स्थित घर पर हमले की घटना को चिंताजनक बताते हुए यह भी कहा कि दलितों को सपा के राजनीतिक हथकंडों से सावधान रहने की जरूरत है।
बसपा प्रमुख ने इसके साथ ही क्षत्रिय समाज के आक्रोश को देखते हुए कहा कि सपा को अपने स्वार्थ में किसी भी समुदाय का अपमान नहीं करना चाहिए। अब सपा को किसी समुदाय में दुर्गंध और किसी में सुगंध आ रही है। इससे समाज में अमन-चैन और सौहार्द बिगड़ेगा, जो ठीक नहीं है।
गौरतलब है कि सपा सांसद रामजी लाला सुमन के घर पर हमले को लेकर सपा ने बड़ा आंदोलन खड़ा करने की तैयारी कर ली है। सुमन पर हमले को सपा दलित समुदाय पर हमला बताते हुए ईद के बाद आंदोलन का ऐलान कर दिया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सुमन के आवास पर हमले के साथ ही हाथरस में दलित युवती से रेप का मामला भी उठा दिया है। बिना करणी सेना का नाम लिए अखिलेश ने कहा कि हाथरस जैसे जघन्य कांड के आरोपियों का समर्थन करनेवाले किसी भी संगठन या सेना में नहीं हो सकते हैं।
अखिलेश ने कहा कि ये असामाजिक तत्व हैं और इनका खुले में घूमना पूरे समाज के लिए गंभीर विषय है और उनके अपने समाज की छवि के लिए भी ये घातक है। ऐसे लोगों से उनका अपना समाज बदनाम होता है, इसीलिए उनके समाज की ये नैतिक ज़िम्मेदारी बनती है कि वो ऐसे आपराधिक तत्वों को पुलिस के हवाले करे और ऐसे नकारात्मक सोच के लोगों को किसी भी तरह की पनाह या प्रश्रय न दें।