जिले में मक्का और गन्ना ने बढ़ाई यूरिया की मांग
Badaun News - गेहूं की कटाई के बाद किसानों के खेत खाली हो गए हैं। अब गन्ना और मक्का की फसल में सिंचाई शुरू हो गई है, जिससे यूरिया की डिमांड बढ़ गई है। जिले में 15 हजार हेक्टेयर पर गन्ना और 45 हजार हेक्टेयर पर मक्का...

गेहूं की कटाई के बाद किसानों के खेत खाली हो गए हैं बागवानी और सब्जियों व पालेज के अलावा अब केवल किसानों के खेत में गन्ना और मक्का की फसल बची है। मक्का और गन्ना की फसल में किसान अब सिंचाई कर रहे हैं। सिंचाई का कार्य शुरू होते ही बाजार में यूरिया की डिमांड बढ़ गई है। चाहे साधन सहकारी समितियां हो या फिर सरकारी प्राइवेट दुकान और इफको केंद्र हो। सभी जगह यूरिया खाद की डिमांड ज्यादा हो गई है। जनपद में साढ़े सात लाख से अधिक किसान हैं। जिनके द्वारा अलग-अलग फसल की जाती है वर्तमान में गन्ना की फसल लगभग सिंचाई को हो। गन्ना की फसल को किसान प्रमुख फसल मानते हैं और वर्तमान में किसानों की गन्ना की फसल खेतों में लहराने लगी है। किसानों ने जुताई और खुदाई के बाद गन्ना की फसल में सिंचाई करना शुरू कर दिया है जिले में करीब 15 हजार हेक्टयर भूमि पर गन्ना की फसल है। बाकी जिले में मक्का की फसल को किसानों ने बड़े पैमाने पर की है। जिसके अनुसार जिले में मक्का की फसल 45 हजार हेक्टयर भूमि पर है। जिसकी सिंचाई होते ही जनपद की सहकारिता की 132 समितिया हैं वहीं भी यूरिया की डिमांड आने लगी है साथ ही इफको केंद्र व अन्य सरकारी, प्राइवेट दुकानों पर यूरिया की खरीददारी किसान कर रहे हैं। सिंचाई शुरू होते ही यूरिया की डिमांड देखी जा रही है।
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