Ganeshpur Municipality Struggling for Urban Facilities Despite Status Change बोले बस्ती : बिजली-पानी, नाली की समस्या से जूझ रहे लोग, Basti Hindi News - Hindustan
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बोले बस्ती : बिजली-पानी, नाली की समस्या से जूझ रहे लोग

Basti News - गनेशपुर नगर पंचायत को तीन वर्ष हो चुके हैं, लेकिन यहां की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। नागरिकों को पानी, बिजली, सड़क और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है। जाम, नालियों की समस्या और...

Newswrap हिन्दुस्तान, बस्तीSun, 2 March 2025 05:43 PM
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बोले बस्ती : बिजली-पानी, नाली की समस्या से जूझ रहे लोग

Basti News : नगर पंचायत गनेशपुर की पहचान तीन वर्ष पहले ग्राम पंचायत के रूप में थी। 56 पुरवों वाली इस ग्राम पंचायत को सिर्फ एक राजस्व गांव के रूप में जाना जाता था। जनप्रतिनिधियों ने मांग की, स्थानीय लोगों ने अवाज उठाई। विकास में पिछड़ रही ग्राम पंचायत को शहरी क्षेत्र घोषित करने के लिए आंदोलन किया। इस पर 2022 में जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत को नगर पंचायत का दर्जा मिल गया। अब चुनाव हो गया और यहां पर निर्वाचित जनप्रतिनिधि हैं। ग्रामीण क्षेत्र से शहरी के रूप में कागजों में बदलाव हो गया, लेकिन अभी भी यह इलाका अपने विकास की राह देख रहा है। बिजली, पानी, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा की दिशा में कदम तो बढ़ा है लेकिन अभी भी यहां के निवासियों को दुश्वारियों से छुटकारा नहीं मिला है। ‘हिन्दुस्तान‘ से बातचीत में लोगों ने अपना दर्द साझा किया।

गनेशपुर को नगर पंचायत का दर्जा प्राप्त हुए तीन वर्ष हो रहे हैं। 56 पुरवों वाली इस नगर पंचायत में 15 वार्ड हैं। इसकी आबादी लगभग 35 हजार है। यहां पर चार हजार आवासीय मकान हैं। 15 वार्डों के सदस्यों व अध्यक्ष का निर्वाचन करने वाले 18298 मतदाता हैं। ग्राम पंचायत से शहरीकरण हुआ तो गनेशपुर के लोग काफी खुश हुए। उन्हें लगा कि अब शहर की सुविधाएं मिलेंगी। पीने के लिए पानी की सप्लाई, जल निकासी के लिए नाली व ढक्कन, आने-जाने के लिए अच्छी सड़क के साथ पटरियों का निर्माण, रहने के लिए बढ़िया आवास और अंधेरे से मुक्ति के लिए स्ट्रीट लाइन की व्यवस्था के साथ तमाम अन्य सुविधाएं मिलेंगी, लेकिन नगर पंचायत गनेशपुर में अभी भी इन सुविधाओं का इंतजार है। गनेशपुर के मुख्य बाजार में लोग जाम की समस्या से जूझ रहे हैं। इस नगर पंचायत क्षेत्र में घनी आबादी होने के बावजूद चिकित्सा की समुचित व्यवस्था नहीं है। लोग पीएचसी की उम्मीद लगाए हैं।

नगर पंचायत गनेशपुर में पेयजल योजना के तहत पहला निर्माण कार्य उत्तर प्रदेश जल निगम ने कराया। जल निगम ने पानी की टंकी का पहले ही 2012-13 में निर्माण कराया गया था। इस पानी की टंकी से 31 पुरवों को जलापूर्ति होने की बात कही गई। लेकिन आज के समय यह हालात है कि पानी की टंकी के बगल के घरों में सप्लाई नहीं हो पा रही है। इस योजना के तहत लगी टोटियां सूखी हैं। नगर पंचायत निवासी पानी के लिए दूषित हैंडपंपों का सहारा ले रहे हैं। नगर पंचायत में संपर्क मार्ग के बीचोंबीच नाली बनी है। इन नालियों का ढक्कन वर्षों से टूटा हुआ है। नगर पंचायत की लापरवाही से आवागमन जोखिम से भरा है। नगर पंचायत प्रशासन को नागरिक सुविधाओं का पूरा ख्याल रखना रखने में विफल है। मनीष कुमार, हेमंत यादव ने कहा कि वार्ड की साफ सफाई नियमित रूप से नहीं की जाती है। सार्वजनिक शौचालय प्रयोग के लायक नहीं है। पूर्व में बने इंटरलाकिंग मार्ग का मरम्मत नहीं किया गया। ऐसा लगता है कि जिम्मेदारों को नागरिकों की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं रह गया है। अजय कुमार सोनकर ने कहा कि वार्ड के अंतर्गत पड़ने वाला लगभग एक किमी भाग काफी जर्जर है। लोक निर्माण विभाग इस पर कार्य नहीं करा रहा है। नपं प्रशासन को इस जर्जर मार्ग की सुधि लेकर कार्य कराना चाहिए, जिससे आवागमन भी सुलभ हो सके। जलजमाव की समस्या से भी मुक्ति मिल सके।

गस्ट्रीट लाइट नहीं होने से अंधेरे में डूब जाता है मोहल्ला : नगर पंचायत के लगभग सभी मोहल्लों में प्रकाश की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। जिसके चलते लोग टूटी सड़कों पर गिरकर चोटिल हो जाते हैं। मनीष कुमार, हेमंत यादव, मनोज कुमार मोदनवाल बताते हैं कि पूरे नगर पंचायत में घनी आबादी वाले मोहल्ले में प्रकाश की कोई व्यवस्था नहीं है। शाम होते ही मोहल्ले अंधेरे में तब्दील हो जाता है, जिससे आये दिन चोरी की घटनाएं होती हैं। लोग अंधेरे में गिरकर चोटिल भी हो जाते हैं।

जर्जर भवन दे रहा हादसों को दावत, वाटर कूलर भी खराब

इन्द्रानगर वार्ड नंबर 14 में स्थित प्रावि में मौजूदा समय में लगभग 130 बच्चे पढ़ते हैं। यह स्कूल सन 1962 से संचालित हो रही है। इस स्कूल में बना एक भवन जर्जर घोषित हुए दस वर्षों से ज्यादा बीत गये हैं, लेकिन इसके ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पूरी नहीं हुई। इस जर्जर भवन में बच्चे स्कूल के समय अक्सर खेलते हुए मिल जाएंगे। इससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। इस स्कूल में लगा वॉटर कूलर खराब है।

जाम की समस्या से जूझते हैं यहां के लोग

यहां के व्यापारी बताते हैं कि यह बाजार काफी पुराना है। इस बाजार में प्रतिदिन दो से तीन हजार लोगों की आमद होती है। लोग बाजार से घरों से संबंधित सामान खरीदने आते हैं। जैसे सब्जी, कपड़ा, किराने की सामान सहित अन्य खरीदते हैं। इस कारण यहां पर अक्सर जाम लग जाता है। लोगों का घंटों समय खराब हो जाता है।

पोल और तार की भी नहीं हुई कोई व्यवस्था

नपं के सभी वार्डो में दूर-दूर तक लकड़ी के पोल के सहारे बिजली की आपूर्ति हो रही है। आए दिन दुर्घटनाओं की सम्भावनाएं बनी रहती है। वार्ड नंबर पांच निवासी लल्लू बताते हैं कि शहरीकरण हुए ढाई वर्ष हो गए हैं लेकिन यहां कि स्थिति ग्रामीणों से भी खराब है। लकड़ी के पोल के सहारे बिजली की आपूर्ति हो रही है। पानी सप्लाई कई महीने से नदारद है। यहां स्थिति सुधारने वाले जिम्मेदार समस्याओं को नजरदांज कर रहे हैं।

35 वर्ष पूर्व स्थापित वन विहार हो गया दुर्दशा का शिकार

नगर पंचायत गनेशपुर क्षेत्र में दो महत्वपूर्ण सरकारी संस्थान वन विहार और मिनी औद्योगिक क्षेत्र उपेक्षा का शिकार है। यह जन उपयोगी नहीं हो पा रहे हैं। वन विहार जिला मुख्यालय से लगभग दो किमी की दूरी पर गणेशपुर नगर पंचायत के रास्ते पर कुआनों नदी के किनारे पर स्थापित किया गया है। इसकी स्थापना तत्कालीन वन राज्यमंत्री जगदम्बिका पाल के प्रयास से 25 दिसम्बर 1988 में किया गया था। वन विहार एक पिकनिक स्पॉट के रूप में बना। यहां पर आकर्षक पार्क और झील स्थापित की गई। नौकायन के साथ-साथ कुआनो नदी में नौकायन की भी व्यवस्था थी। आमतौर पर छुट्टियों के दौरान और रविवार को अन्य दिनों की तुलना में अधिक लोग परिवार संग घूमने आते हैं। आज के समय में वन विहार उपेक्षा का शिकार है। रखरखाव नहीं होने से इसकी हालत बदतर होती जा रही है। वन विहार में बना गेट जर्जर हो चुका है। इसका गेट टूट रहा है, सड़क की गिट्टियां उखड़ रही हैं। गेट गिरने पर कोई बड़ा हादसा हो सकता है। वन विहार में बनी बिल्डिंग भी जर्जर हो चुकी है। वन विहार में ईंट के खडंजे भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। यहां बरसात के दिनों में रास्ते पर काई जम जाती है, फिसलन के कारण आना-जाना मुश्किल हो जाता है। इन दिनों लोग इस रास्ते पर गिरकर चोटिल भी हो रहे हैं। पिकनिक स्पाट पर बने शौचालय की स्थिति खराब है। नौकायन के लिए लाई गई नौकाएं खराब हो गई हैं। यहां पर लगे झूले, टूटी डायनासोर की मूर्तियां, अधूरी बाउंड्रीवाल, कुआनो नदी के तट पर टूटी बेंच दुर्दशा को बयां करती हैं।

मिनी औद्योगिक क्षेत्र गनेशपुर में उद्योग के बजाय बना लिया आवास

नगर पंचायत गनेशपुर में आबादी को देखते हुए सरकार ने मिनी उद्योग लगाने के लिए भू-खण्ड का तोहफा दिया था। यह स्थान एनएच-28 से महज डेढ़ किमी दूर स्थित है। मिनी औद्योगिक क्षेत्र गनेशपुर का निर्माण हुए कई दशक बीत चुके हैं। 80 प्रतिशत उद्यमियों ने औद्योगिक क्षेत्र के अधिकारियों के आंख में धूल झोंककर पक्की छत लगाकर आवासीय निर्माण कर लिया। कई प्लाटो में उद्योग लगाने की सूचना विभाग को दिया गया है, लेकिन मौके पर प्लाटों में ताला बंद है। विभागीय जिम्मेदार भी आंख मूंदें हैं। औद्योगिक स्थान पर अक्सर अवैध कब्जा की शिकायत होती रहती है। यहां पर लोग अपने परिवार के साथ आवासीय भवन बनाकर रह रहे हैं। वाजिब उद्यमियों को उद्योग लगाने के लिए जगह नहीं मिल पा रही है। औद्योगिक क्षेत्र में जगह नहीं मिलने से अच्छे उद्यमी दूसरे शहर में उद्योग लगाने के लिए पलायन कर रहे हैं। उद्यमियों का कहना है कि इस क्षेत्र में मानक विहीन नालियों और सड़कों का निर्माण कराया जा रहा है। इसमें गुणवत्ता का सुधार किया जाना जरूरी है, नहीं तो कुछ ही दिनों में नालियां और सड़कें टूट जाएंगी।

शिकायतें

-खंभों व तार नहीं होने से बांस-बल्ली के सहारे होती है बिजली की आपूर्ति

-समय-समय पर वाटर सप्लाई नहीं मिलती है।

-मुख्य बाजार गनेशपुर में सड़कों पर अतिक्रमण है, जिससे अक्सर जाम लगता है।

-मंडी नहीं होने से सब्जी व अन्य दुकानें सड़क की पटरियों पर लगती है।

-जाम व चोक नालियों से गंदा पानी सड़क पर बहता है।

सुझाव

-खंभों और तार की व्यवस्था कर बिजली की आपूर्ति ठीक करें।

-पानी का कनेक्शन सही कर समय से जलापूर्ति करें।

-मुख्य बाजार गनेशपुर में सड़कों अतिक्रमण हटाया जाए।

-मंडी का स्थान चिह्नित करके निर्माण कराया जाए।

-जाम नालियों की सफाई हो, नाली व ढक्कन का निर्माण की उचित व्यवस्था हो।

नागरिकों की बात

घर के बगल में पानी सप्लाई के लिए वाटर टैंक बना हुआ है, हमेशा पाइप लाइन की समस्या बनी रहती है।

लल्लू

वार्ड नंबर सात में पोल व तार न लगने से असुविधा है। आए दिन बिजली फाल्ट होता है, विद्युत कर्मी को बुलाए जाने पर सुविधा शुल्क देना पड़ता है।

मनीष कुमार

मंडी की व्यवस्था न होने से सभी व्यापारी सड़कों पर दुकान लगाने को मजबूर है। भूमि की पड़ताल किया था, लेकिन योजना ठंडे बस्ते में चली गई है।

हेमंत यादव

सरकारी बजट का सही से उपयोग नहीं किया जा रहा है, जिससे सभी वार्डों में समस्या बनी हुई है। सर्वे करा सही ढंग से कार्य किया जाना चाहिए।

मनोज मोदनवाल

नालियां मिट्टी से पटी हैं, जिससे नालियों का पानी सड़कों पर बह रहा है। सफाई कर्मी तो तैनात हैं लेकिन कोई कर्मी साफ करने नहीं आता है।

देवेंद्र चौधरी

मुख्य बाजार में नालियां क्षतिग्रस्त है, जिससे लोग परेशान हैं। बाजार में कई लोगों ने टूटे नालियों पर लकड़ी रखकर आते-जाते हैं। अनिल अग्रहरी

शुद्ध पानी पीने के लिए कोई इस बाजार में व्यवस्था नहीं है। कम से कम इस क्षेत्र के लोगों को शुद्ध पानी पीने के लिए व्यवस्था होनी चाहिए।

सोनी चौरसिया

नगर पंचायत क्षेत्र में शहरी सुविधाओं का अभाव है। जैसे शुद्ध पानी, अच्छी सड़कें, घनी क्षेत्रों में प्रकाश व्यवस्था व अन्य शहरी सुविधाए नहीं हैं।

भरत लाल

शहरीकरण हुए लगभग दो वर्ष बीत गए हैं। इसके बाद भी यहां के निवासी ग्रामीण सुविधा में ही जी रहे हैं। यहां की समस्या खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है।

धमेंद्र

नगर पंचायत में जो भी निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं, वे मानक विहीन हो रहे हैं। इसमें सुधार कराने की जरूरत है।

राजनाथ श्रीवास्तव

आवास के लिए विभाग का चक्कर काट रहा हूं। कई बार जिम्मेदरों को आवास के लिए कागजात दे चुका हूं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।

राम कुमार

परिवार में सात सदस्य हैं। सभी लोग छप्पर के मकान में रहने को मजबूर हैं। अब बच्चे बड़े हो गये हैं, जिससे घर में सोने व बैठने के लिए घर नहीं है।

मल्लू

नगर पंचायत में इंडिया मार्का हैंडपंप की कमी है, जिससे नगर पंचायत के क्षेत्र में रहने वालों के लिए शुद्ध पानी पीने के लिए व्यवस्था नहीं हो पा रही है।

उदयभान

नगर पंचायत में राजकीय यूनानी चिकित्सालय यहां बना हुआ है। इस चिकित्सालय में समय से डॉक्टर नहीं बैठते हैं।

यार मोहम्मद

वार्ड नंबर 13 में नाली की समस्या है। बरसात के दिनों में नालियों का गंदा पानी सड़कों पर बहता है, जिससे बीमारी की आशंका बनी रहती है।

रमेश चन्द्र

गनेशपुर में खेल मैदान नहीं है, जिससे बच्चों का शारीरिक विकास नहीं हो पा रहा है। यहां पर खेल मैदान चिह्नित करके निर्माण कराया जाना चाहिए।

अवधेश वर्मा

बोले पदाधिकारी

गनेशपुर नगर पंचायत की सबसे बड़ी समस्या मंडी की है। यहां पर मंडी की नहीं होने की वजह से मुख्य बाजार में रोजाना जाम लगता है। इस कारण लोगों को आने-जाने में काफी असुविधा होता है। शंकरपुर बाजार अधिक संकरा है। नगर पंचायत के सभी वार्डों में और भी कई समस्या है। गर्मी का समय आ गया। बिजली के तार जर्जर और पुराने हैं। जर्जर तार से फाल्ट की समस्या बनी रहती है।

- जावेद पिंडारी,सपा नेता

बोले जिम्मेदार

गनेशपुर नगर पंचायत को स्वच्छ व सुंदर बनाने के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है। जहां-जहां पानी की सप्लाई नहीं हो पा रही है इसके लिए दो नलकूप और पानी की टंकी के निर्माण के लिए प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। रही बात मंडी, जलनिकासी और जाम की इसके लिए भी लगातार प्रयास हो रहा है। हमारे द्वारा एक ही छत के नीचे सब्जी, फल के साथ अन्य मंडी का निर्माण कराए जाने के लिए प्रस्ताव शासन स्तर पर विचाराधीन है। शासन स्तर से संस्तुति मिलते ही निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। नगर पंचायत में दो ओपेन जिम, दो छोटे-छोटे विवाहघर बनवा दिए गए हैं।

सोनमती चौधरी, अध्यक्ष, नगर पंचायत

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