मॉक ड्रिल : पहले की अपेक्षा अब लोग ज्यादा शिक्षित, आसान होगा लोगों को मॉक ड्रिल समझाना
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बुलंदशहर, खुर्जा। संवाददाता। पहले के दिनों में कम लोग शिक्षित थे, इस कारण उन्हें मॉक ड्रिल समझाना मुश्किल हुआ था। आज के दिनों में लोग शिक्षित हैं। लोग स्थितियों को समझते हैं। जिसके चलते उन्हें मॉक ड्रिल को समझाना आसान होगा। हमारा देश पहले से ज्यादा सक्षम हैं, इसलिए चुनौतियों का सामना करना आसान होगा। साथ ही दुश्मन को भी पहले की अपेक्षा करारा जवाब मिलेगा। यह बात अपके प्रिय समाचार पत्र हिन्दुस्तान की टीम से पूर्व सैनिकों और वृद्धों ने संवाद के दौरान कही। पहलगाम में आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार की ओर से देशहित में फैसले लिए जा रहे हैं।
जिनमें पाकिस्तान के लिए जाने वाला सिंधू के पानी को बंद करने वाली बात हो या मॉक ड्रिल का निर्णय हो। सभी बिन्दुओं को सोच समझकर सरकार की ओर से फैसले लिए जा रहे हैं। आज होने वाली मॉक ड्रिल के लिए सरकार की ओर से तैयारियां की गई। इसको लेकर आपके प्रिय समाचार पत्र की टीम ने पूर्व सैनिकों और वृद्धों से वर्ष 1965 और वर्ष 1971 में हुई मॉक ड्रिल की तुलना आज होने वाली मॉक ड्रिल से करते हुए संवाद किया। जिसमें उन्होंने बताया कि उन दिनों में कम लोग शिक्षित हुआ करते थे। इस कारण लोगों को समझाना मुश्किल था। आज आधुनिक दिनों में लोग समय के साथ शिक्षित हो रहे हैं। अधिक लोग शिक्षित हैं। जिसके चलते लोगों को मॉक ड्रिल के विषय में समझाना आसान होगा। पहले पुलिस थाने और चोकियां कम थीं। कारणवश लोगों को मॉक ड्रिल के जरिए सुरक्षा के विषय में जानकारी देरी से हो पाती थी। अब कई थाने और चोकियों के बढ़ने पर पुलिस नागरिकों तक आसानी से पहुंचकर मॉक ड्रिल के जरिए सुरक्षा की जानकारी आसानी से दी जा सकती है। पूर्व सैनिकों की मानें, दुश्मन को युद्ध में पहले की अपेक्षा करारा जवाब मिलेगा। हर पहलुओं से भारत की जीत सुनिश्चित है। कोट- पहले की अपेक्षा अब आधुनिक उपकरण हैं। लोगों तक संदेश को पहुंचाना आसान है। वर्ष 1965 और 1971 में हुई मॉक ड्रिल के दौरान लोगों को सन्देश भेजकर समझाना मुश्किल था। अब लोग शिक्षित भी पहले की अपेक्षा ज्यादा हैं। इसलिए लोगों को मॉक ड्रिल का उद्देश्य और सावधानियों को आसानी से समझाया जा सकता है। -रिटायर्ड कर्नल अमर सिंह, निवासी सिद्धेश्वर मंदिर रोड, खुर्जा आधुनिक समय के साथ लोगों के विचार बदल रहे हैं। मानसिकता में भी बदलाव है। वर्ष 1965 और 1971 के दौरान लोगों को मॉक समझाना मुश्किल था। अब लोगों आसानी से समझ सकते हैं। -महावीर प्रसाद शर्मा, पूर्व सैनिक पहले हमारे देश के पास आधुनिक हथियार नहीं थे। इसके बाद भी हमने सभी जंग जीती हैं। अब हमारे पास पहले की अपेक्षा अत्याधुनिक हथियार हैं। हर जंग को जीतना भारत के लिए आसान है। दुश्मन को मात देते हुए जीत सुनिश्चित करेंगे। -कैप्टन इमामुद्दीन निवासी गांव ढाकर, खुर्जा हम पहले की अपेक्षा हर तरह से सक्षम हैं। प्रतिभाशाली सैनिक हैं। हमारा देश हर चुनौतियों से लड़ने की क्षमता रखता है। -रिटायर्ड सूबेदार राजवीर सिंह पहले मौक ड्रिल के दौरान सायरन बजने पर कई लोगों को स्थिति के बारे में समझ नहीं आया था, काफी देर बाद लोगों को स्थिति के बारे में समझाया गया। अब लोग काफी जागरूक हैं। -कांति सिंह, निवासी ग्वारोली मॉक ड्रिल में सुरक्षा के बारे में बताया जाता है। पहले सभी सुरक्षा के पहलुओं को लोगों को समझाना मुश्किल हुआ था। अब लोग काफी समझदार हैं। शिक्षित होने के चलते लोग जल्दी समझ जाते हैं। मॉक ड्रिल में बताए जाने वाले सुरक्षा के बिंदुओं को वह जल्दी समझेंगे। -यादवती देवी, निवासी मुरारी नगर, खुर्जा
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