फतेहपुर ट्रिपल मर्डर: 5वां आरोपी विपुल गिरफ्तार, हत्या में इस्तेमाल हुआ तमंचा भी बरामद
- फतेहपुर ट्रिपल मर्डर का पांचवां आरोपी विपुल गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने उसके पास से हत्या में इस्तेमाल हुआ तमंचा भी बरामद किया है। हिरासत में ली गई विपुल की बहन मुकुल को पुलिस ने छोड़ दिया है।
फतेहपुर में हथगाम थाना क्षेत्र के अखरी गांव में हुई किसान नेता, उनके बेटे और भाई की हत्या के पांचवें आरोपी विपुल उर्फ ज्ञानी सिंह को पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से हत्या में इस्तेमाल हुआ तमंचा भी बरामद किया गया है। एक दिन पहले हिरासत में ली गई विपुल की बहन मुकुल को पुलिस ने छोड़ दिया है। चार आरोपियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। छठवां आरोपी अभी भी फरार है।
मंगलवार सुबह अखरी की प्रधान रामदुलारी के बेटों भाकियू जिला उपाध्यक्ष विनोद सिंह उर्फ पप्पू, अनूप सिंह और पौत्र अभय सिंह की गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। अनूप की पत्नी मनीषा सिंह की तहरीर पर गांव के ही पूर्व प्रधान सुरेश सिंह उर्फ मुन्नू सिंह, दो बेटों पीयूष, भूपेंद्र के अलावा विपुल सिंह, सज्जन सिंह व विनोद उर्फ पाठक पासी के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज हुई थी। मुन्नू और उसके बेटे भूपेंद्र को पहले दिन ही गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद सज्जन और पीयूष को पुलिस ने बुधवार तड़के मुठभेड़ में गिरफ्तार किया था। चारों को जेल भेज दिया गया था। अब पांचवें आरोपी विपुल को भी पुलिस ने पकड़कर जेल भेज दिया। सीओ प्रभात तिवारी ने बताया कि छह नामजद आरोपियों में पांच की गिरफ्तारी हो चुकी है। फरार आरोपी की तलाश में दबिश दी जा रही है।
तीनों के शरीर पर मिले 52 छर्रे मिले
हथगाम थाना क्षेत्र के अखरी गांव में प्रधानी चुनाव की रंजिश में मंगलवार सुबह हुई किसान नेता, उनके भाई और बेटे की हत्या के बाद तीनों के शवों का पोस्टमार्टम हुआ। तीनों के शरीर पर मिले 52 छर्रों से पता चलता है कि आरोपी पूर्व प्रधान सुरेश सिंह उर्फ मुन्नू सिंह का मकसद हत्या और केवल हत्या ही करना था। इसी वजह से उसने अपने बेटों और अन्य साथियों के साथ मिलकर किसान नेता विनोद कुमार सिंह उर्फ पप्पू सिंह को एक के बाद एक चार गोलियां मारीं। उनके सिर, सीने, पीठ और अंडकोष तक में करीब 30 छर्रे फंसे पाए गए। उनका लिवर भी पंक्चर हो गया था। इसी तरह उनके बेटे अभय सिंह के सीने में दो गोलियां मारी गईं। उसके शरीर से 12 छर्रे निकले। भाई अनूप सिंह को केवल एक गोली मारी गई, वह भी कनपटी पर। 10 छर्रे धंसने से उसका भेजा उड़ गया था। करीब चार घंटे तक चले पोस्टमार्टम में डॉक्टर भी छर्रे गिनते रह गए।