रिटायर होने वाले कर्मचारियों के इंक्रीमेंट को लेकर हाईकोर्ट का अहम आदेश, इस तारीख के बाद वालों को ही लाभ
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रिटायर होने वाले कर्मचारियों को इंक्रीमेंट को लेकर अहम आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि 30 जून को रिटायर कर्मचारियों को ही एक इंक्रीमेंट का लाभ मिलेगा। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि एक मई 2023 के बाद रिटायर होने वालों को ही यह लाभ मिलेगा।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को रिटारय होने वाले कर्मचारियों को इंक्रीमेंट को लेकर अहम आदेश दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि 30 जून को रिटायर सरकारी कर्मचारियों को जुलाई माह के एक इंक्रीमेंट का लाभ एक मई 2023 के बाद वालों को ही मिलेगा। उसके पहले रिटायर हो चुके कर्मचारियों को एरियर के साथ कोई लाभ नहीं मिलेगा। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र एवं न्यायमूर्ति डोनाडी रमेश की खंडपीठ ने राज्य सरकार की विशेष अपील पर सुनवाई के बाद दिया है।
कोर्ट के सामने मुद्दा यह था कि क्या 30 जून को विभिन्न बीते वर्षों में रिटायर हो चुके कर्मचारियों को एक जुलाई के एक इंक्रीमेंट का लाभ उनकी सेवानिवृत्ति वर्ष से जोड़कर बकाया के साथ दिया जाना चाहिए या इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की तिथि से भुगतान किया जाए। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जिस दिन आदेश दिया है उसके बाद रिटायर कर्मचारी ही एक इंक्रीमेंट का लाभ पाने के हकदार हैं।
सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी व अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता रामानंद पांडेय का कहना था कि एकल पीठ ने 2015 से लेकर 2024 के दौरान 30 जून को रिटायर कर्मचारियों को एक इंक्रीमेंट बकाया सहित भुगतान करने का आदेश दिया है, जो सुप्रीम कोर्ट की मंशा के विपरीत है। इसके कारण बड़ी संख्या में बीते वर्षों की याचिकाएं दाखिल हो रही हैं जबकि आदेश का लाभ केवल उन्हीं को मिलना चाहिए जो सुप्रीम कोर्ट के फैसले में उल्लिखित तिथि के बाद रिटायर हुए हैं।
मूल आदेश 11 अप्रैल 2023 का है, जिस पर सरकार ने पुनर्विलोकन अर्जी दी। अर्जी तय करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि निर्णय की तिथि के बाद के रिटायर कर्मचारियों को ही फैसले का लाभ मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने एक मई 2023 की कट ऑफ डेट तय की है इसलिए एकल पीठ के आदेश से सभी याचियों को इंक्रीमेंट पाने का अधिकार नहीं है।
उधर, होमगार्ड विभाग के रिटायर याचियों सतीश चंद्र सिंह व 10 अन्य का कहना था कि सरकारी आदेश जारी होने की तिथि से प्रभावी होते हैं लेकिन कोर्ट के आदेश भूतलक्षी प्रभाव रखते हैं इसलिए उन्हें भी कोर्ट के आदेश का लाभ पाने का अधिकार है। खंडपीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि सुप्रीम कोर्ट की कट ऑफ डेट प्रभावी ही होगी। उससे पहले के रिटायर कर्मचारियों को फैसले का लाभ नहीं मिलेगा।