बैरियर तोड़ा, पुलिसवालों को गिराया और बोला धावा, सांसद सुमन के यहां ऐसे हुआ हमला, फेल हुए इंतजाम
आगरा में मंगलवार करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने बड़ा हंगामा किया। काले रंग की स्कॉर्पियो पर लटके कार्यकर्ता और पदाधिकारी गाड़ी की छत से प्रदर्शन का फेसबुक लाइव कर रहे थे। पुलिस ने बैरियर और पीएसी तैनात की थी, लेकिन करणी सेना ने गाड़ी से बैरियर तोड़ते हुए पुलिस कर्मियों को पीछे धकेल दिया।

यूपी के आगरा में दोपहर एक बजकर दस मिनट का समय था। काले रंग की स्कार्पियो पर करणी सेना के कार्यकर्ता लटके हुए थे। पदाधिकारी गाड़ी की छत पर थे। फेसबुक पर प्रदर्शन का लाइव कर रहे थे। पुलिस ने बैरियर लगा रखे थे। पीएसी तैनात थी। करणी सेना ने गाड़ी से टक्कर मारकर बैरियर तोड़ दिए। पुलिस कर्मियों को पलट दिया। आगे बढ़े और एचआईजी फ्लैट (संजय प्लेस) कालोनी में घुस गए। उसके बाद जो हुआ वह सोशल मीडिया पर भी लाइव चला।
शेर आ गए शेर। देख ले। जय भवानी। कुछ इसी अंदाज में नारेबाजी करते हुए करणी सेना के पदाधिकारी हरीपर्वत चौराहे पर आए। गाड़ी में हूटर लगा था। तेज आवाज में बज रहा था। कहां है उसका घर। एलान के साथ कुबेरपुर (एत्मादपुर) से चले करणी सेना वालों का यह अंदाज दहशत फैलाने वाला था। पुलिस की तैयारियां धरी रह गईं। पुलिस को अंदाजा नहीं था। एकाएक इधर-उधर से बड़ी संख्या में युवकों की भीड़ आ गई। भीड़ पुलिस को धकियाते हुए सपा सांसद रामजी लाल सुमन के घर की तरफ बढ़ रही थी। भीड़ में शामिल युवा चीख रहे थे। बवाल नहीं। सिर्फ सुमन के घर धावा बोला है। पूरी कालोनी पार करके भीड़ आखिरी छोर पर स्थित सपा सांसद रामजीलाल सुमन के घर पहुंची। उसके बाद जो हुआ दिल दहला देने वाला था। दहशत फैल गई। लोग घरों में जाकर छिप गए।
भीड़ में शामिल युवाओं ने सपा का स्टीकर लगी गाड़ियों के शीशे तोड़ना शुरू कर दिया। पथराव कर सांसद के घर के शीशे चकनाचूर कर दिए। घर का गेट तोड़ने का प्रयास किया। पुलिस गेट पर खड़ी होकर उन्हें हटाने लगी। यह देख प्रदर्शनकारियों ने कुर्सियां उठाकर फेंकना शुरू कर दिया। बवाल बढ़ता जा रहा था। पुलिस सुबह से जिस प्रदर्शन की धमकी को खेल समझ रही थी वह खेला में तब्दील हो गया था। पुलिस के हाथ-पांव फूल गए थे। कई पुलिस कर्मी जख्मी हो गए थे। इंस्पेक्टर आलोक कुमार के हाथ से खून बह रहा था। दरोगा दिनेश के सिर से खून बह रहा था। किसी पुलिस कर्मी के पैर में चोट लगी थी तो किसी के सिर में डंडा। जैसे ही फोर्स आया पुलिस ने उग्र रूप धारण किया। जो सख्ती पहले दिखानी चाहिए थी बाद में दिखाई।
लाठियां फटकारते हुए प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा। पुलिस से बचने के लिए वे गेट की तरफ भागे। यह देख कालोनी वासियों के होश उड़ गए। हर किसी को यह भय सताने लगा कि उनके घर कोई पथराव नहीं कर दे। पुलिस युवाओं के पीछे भागी। पुलिस से बचने के लिए बड़ी संख्या में युवक संजय प्लेस की तरफ भागे। पुलिस ने पीछा किया। जो मिला उसे गिरा लिया। घसीटते हुए थाने तक लेकर गई।
इन कारणों से फेल हुई पुलिस
-करणी सेना को कुबेरपुर के पास नहीं रोका जा सका।
-पुलिस बीच का रास्ता खोज रही थी। सपाइयों से कहा कि वे कुछ नहीं बोलेंगे। करणी सेना वाले नारेबाजी करके चले जाएंगे। करणी सेना वालों से कहा कि सिर्फ नारेबाजी करनी है।
-एचआईजी फ्लैट के पास पुलिस के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे। फोर्स मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में लगा हुआ था।
-एक इंस्पेक्टर आलोक कुमार को छोड़कर कोई अधिकारी पहले से मौके पर तैनात नहीं था।
-कुबेरपुर से संजय प्लेस करीब 14 किलोमीटर दूर है। 14 किलोमीटर के बीच में पुलिस चाहती तो करणी सेना को रोक सकती थी।
-करणी सेना वाले दोपहिया वाहन से आते जा रहे थे। पुलिस आराम से कुर्सी पर बैठी हुई थी। पुलिस को अंदाजा नहीं था कि करणी सेना की रणनीति क्या है।
-पुलिस ने करणी सेना के बीच अपने खबरियों को सक्रिय नहीं किया। मीडिया सेल पूरी तरह फेल रही। करणी सेना के पदाधिकारी फेसबुक पर लाइव थे। भीड़ देखकर भी पुलिस ने अंदाजा नहीं लगाया कि क्या हो सकता है।
तीन दिन से लगा था फोर्स, फेल हुए इंतजाम
एचआईजी फ्लैट (संजय प्लेस) के दो गेट हैं। एक गेट प्रोफेसर कालोनी की तरफ है। वह हमेशा बंद रहता है। पैदल ही उधर से निकल सकते हैं। दूसरा गेट बाग फरजाना की तरफ है। लोग इसी से अंदर जाते हैं। सपा सांसद रामजीलाल सुमन का आवास प्रोफेसर कालोनी के बंद गेट से सटा हुआ है। पिछले तीन दिनों से दोनों गेटों पर पुलिस तैनात थी। करणी सेना ने सोशल मीडिया पर सपा सांसद के घर धावा बोलने का एलान किया था।
दोपहर करीब 12 बजे का समय था। इंस्पेक्टर आलोक कुमार, एसआई योगेश, एसआई अभिषेक आदि एमजी रोड पर कुर्सी डालकर बैठे थे। एक पीएसी का ट्रक खड़ा हुआ था। सपा सांसद के घर के बाहर बंद गेट के आस-पास पीएसी कर्मी तैनात थे। बाग फरजाना मार्ग की तरफ स्थित दूसरे गेट पर पुलिस ने बैरियर लगा रखा था। एक जीप पुलिस की खड़ी थी। तीन-चार पुलिस कर्मी इधर भी तैनात थे। पुलिस को यह जानकारी थी कि कुबेरपुर पर करणी सेना के पदाधिकारी और कार्यकर्ता जमा हैं। बुलडोजर लेकर आगे बढ़ रहे हैं। पुलिस इस मामले को बातचीत से निपटाना चाहती थी। करणी सेना के पदाधिकारियों से संपर्क किया गया। उनसे कहा गया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शहर में हैं। उनकी जनसभा चल रही है। वे कानून अपने हाथ में नहीं लेंगे। पदाधिकारियों ने पुलिस को गच्चा दिया। बोल दिया कि सिर्फ नारेबाजी करके लौट जाएंगे।
पुलिस ने कहा कि बुलडोजर आगे तक नहीं जाएगा। पदाधिकारी नहीं माने। बुलडोजर और गाड़ियों का काफिला लेकर निकल पड़े। पुलिस ने हाइवे पर कई जगह बैरियर लगा रखे थे। एक भी बैरियर करणी सेना को नहीं रोक पाया। पुलिस को गच्चा देने के लिए बड़ी संख्या में करणी सेना के कार्यकर्ता दोपहिया वाहन से संजय प्लेस आ गए। सपा सांसद के घर के आस-पास रुक गए। पदाधिकारियों की गाड़ी के आने का इंतजार करने लगे। जैसे ही काले रंग की स्कार्पियो हरीपर्वत चौराहे पर आई एकाएक सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता उनकी गाड़ी के पीछे आ गए। नारेबाजी शुरू हो गई। भीड़ देखकर पुलिस की तैयारियां धरी की धरी रह गईं। पुलिस अभी भी यही सोच रही थी कि महज नारेबाजी होगी। यहां तो माहौल ही बदल गया। भीड़ कालोनी में पहुंची तो बवाल हो गया।
एक घंटे तक घरों में कैद रहे लोग
करणी सेना के बवाल की दहशत का असर एचआईजी फ्लैट्स में देखने को मिला। बवाल के बाद करीब एक घंटे तक लोग अपने घरों में कैद रहे। पुलिस ने करणी सेना को खदेड़ दिया। उसके बाद लोग घरों से बाहर आए। ज्यादातर लोगों ने घरों से बाहर आकर पहले अपनी गाड़ियां देखीं। गनीमत यह रही कि तोड़फोड़ सपा सांसद रामजीलाल सुमन के घर के आस-पास हुई थी। करणी सेना के कार्यकर्ता गेट से प्रवेश के बाद ही गाड़ियां तोड़ना शुरू कर देते तो बड़ा नुकसान होता। कालोनी में बड़ी संख्या में लोगों के घरों के बाहर गाड़ियां खड़ी हुई थीं।