गोशाला का कार्य अधूरा, तीन सचिवों को नोटिस
Kausambi News - सिराथू ब्लॉक के तीन ग्राम पंचायतों में गो आश्रय स्थल और मवेशियों के स्टोर का निर्माण चार साल बाद भी अधूरा है। बीडीओ ने सचिवों को नोटिस जारी किया है कि अगर काम जल्द पूरा नहीं किया गया तो कार्रवाई की...

सिराथू ब्लॉक के तीन ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना से बनवाए जा रहे गो आश्रय स्थल व मवेशियों के लिए स्टोर व कैटल शेड का निर्माण अब तक पूरा नहीं हो पाया है। चार वर्ष बाद भी काम पूरा नहीं होने पर बीडीओ ने तीनों गांवों के सचिवों को नोटिस दिया है। चेताया गया है कि वह जल्द काम को पूर्ण करा लें। यदि काम पूरा नहीं कराया गया तो सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सिराथू ब्लॉक के बसोहनी में अस्थायी गो आश्रय स्थल का 11 लाख 23 हजार 37 रुपये की लागत से निर्माण कार्य वर्ष 2022-23 में कार्य शुरू हुआ था। अभी सचिव सात लाख 42 हजार 773 रुपया ही खर्च कर सके हैं। शेष रकम तीन लाख 80 हजार 264 रुपया डंप है। इसी तरह देवखरपुर में अस्थायी गो आश्रय स्थल के निर्माण के लिए दस लाख 82 हजार 561 रुपये की लागत का प्रस्ताव हुआ। अब तक पांच लाख 73 हजार 472 रुपया खर्च किया गया है। अभी भी सचिव को पांच लाख पौ हजार 89 रुपया खर्च करना शुरू है। देवखरपुर में वर्ष 2021-22 में निर्माण कार्य शुरू हुआ था, लेकिन अभी तक पूरा नहीं हुआ। यही हाल बसोहनी ग्राम पंचायत का है। यहां गो आश्रय स्थल में स्टोर रूम के लिए वर्ष 2019-20 में तीन लाख 52 हजार 263 रुपये की लागत का प्रस्ताव हुआ। अभी तक दो लाख 92 हजार 622 रुपया ही खर्च हुआ है। शेष रकम 54 हजार 641 रुपया डंप है। वहीं कैटल शेड के लिए वर्ष 2019-20 में तीन लाख 90 हजार 360 रुपया स्वीकृत हुआ। अब तक एक लाख 1374 रुपया खर्च हुआ है। दो लाख 97 हजार 986 रुपया खर्च के लिए बाकी है। सचिवों की लापरवाही की वजह से अब तक निर्माण कार्य नहीं हो सका है। समीक्षा के बाद बीडीओ भवेश शुक्ला ने बम्हरौली के सचिव नीरज कुमार, देवखरपुर के सचिव राहुल सिंह और बसोहनी के सचिव धीरेंद्र कुमार को नोटिस जारी करते हुए जल्द से जल्द कार्य पूर्ण कराने का निर्देश दिया है। चेतावनी दी गई है कि यदि कार्य पूर्ण न हुआ तो कार्रवाई कराई जाएगी।
सरकारी धन में बंदरबाट की आशंका
चार से पाच साल बीत गए, लेकिन अभी तक गो आश्रय स्थल का निर्माण व वहां की जरूरी व्यवस्थाएं नहीं हो सकी। मनरेगा से आधा अधूरा कार्य कराया गया है। कार्य पूर्ण न होने से गो संरक्षण में दिक्कत आ रही है। इसकी लगातार जानकारी अधिकारियों को दी जा रही थी, लेकिन सचिव मनमाने तरीके से काम कर रहे थे। समीक्षा की गई तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। आशंका है कि सरकारी धन में बंदरबाट हुआ है। यही कारण है कि अभी तक कार्य अधूरा है।
वरीयता पर होने वाले कार्य में क्यों लगा समय
गो आश्रय स्थल का निर्माण कार्य सेक्रेटरी को वरीयता पर कराना था। यह शासन की महत्वपूर्ण योजना में शामिल था, इसके बावजूद सचिवों ने अपनी ही मनमानी की। चार से पांच साल का समय हो गया, लेकिन अभी तक कार्य अधूरा है। यही कारण है कि अब अधिकारियों की निगाह इन सचिवों पर टेढ़ी हुई है। बीडीओ ने चेतावनी में यह भी कहा है कि यदि कार्य पूर्ण न हुआ तो माना जाएगा कि उन्होंने धन का गबन किया है।
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