Benefits of Summer Plowing for Kharif Crops in Kushinagar बीमार फसलों की फोटो भेज कर किसान कराएं समस्या का निस्तारण, Kushinagar Hindi News - Hindustan
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बीमार फसलों की फोटो भेज कर किसान कराएं समस्या का निस्तारण

Kushinagar News - कुशीनगर में जिला कृषि रक्षा अधिकारी डॉ मेनका सिंह ने किसानों को बताया कि रबी फसलों के कटाई के बाद ग्रीष्म कालीन जुताई कई लाभ प्रदान करती है। यह मृदा की संरचना में सुधार करती है, जलधारण क्षमता बढ़ाती...

Newswrap हिन्दुस्तान, कुशीनगरThu, 8 May 2025 08:48 AM
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बीमार फसलों की फोटो भेज कर किसान कराएं समस्या का निस्तारण

कुशीनगर। जिला कृषि रक्षा अधिकारी डॉ मेनका सिंह ने बताया किजनपद के किसानों बताया कि रबी फसलों के कटाई के बाद खेत की गहरी जुताई करनी आगामी खरीफ की फसलों के लिए अनेक प्रकार से लाभदायक हैं। ग्रीष्म कालीन जुताई मानसून आने से पूर्व मई-जून में की जाती है। ग्रीष्म कालीन जुताई से अनेक लाभ हैं। उन्होंने बताया कि ग्रीष्म कालीन जुताई करने से मृदा की संरचना में सुधार होता है। इससे मृदा की जलधारण की क्षमता बढ़ती है, जो फसलों की बढ़वार के लिए उपयोगी होती है।• खेत की कठोर परत को तोड़ कर मृदा को जड़ों के विकास के लिए अनुकूल बनाने के लिए ग्रीष्म कालीन जुताई अत्यधिक लाभकारी है।•

खेत में उगे हुए खरपतवार एवं फसल अवशेष मिट्टी में दबकर सड़ जाते हैं। इससे मृदा में जीवांश की मात्रा बढ़ती है।• मृदा के अन्दर छिपे हुए हानिकारक कीट उनके अण्डे, लार्या, प्यूपा एवं खरपतवारों के बीज गहरी जुताई के बाद सूर्य की तेज किरणों के संपर्क में आने से नष्ट हो जाते हैं।• गर्मी की गहरी जुताई के बाद मृदा में पाये जाने वाले हानिकारक जीवाणु, कवक, निमेटोड एवं अन्य हानिकारक सूक्ष्म जीव मर जाते हैं। इससे फसलों के बीमारी के प्रमुख कारण होते हैं। •जमीन में वायु संचार बढ़ जाती है, जो लाभकारी सूक्ष्म जीवों में वृद्धि एवं विकास में सहायक होते हैं। मृदा में वायु संचार बढ़ने से खरपतवारनाशी एवं कीटनाशी रसायनों के विषाक्त अवशेष एवं पूर्व फसल की जड़ों द्वारा छोड़े गये हानिकारक रसायनों के उपघटन में सहायक होती है। उन्होंने बताया कि किसान परम्परागत कृषि की विधि ग्रीष्म कालीन जुताई करके कम लागत में गुणवत्तापूर्ण उत्पादन प्राप्त करें एवं जल, वायु, मृदा व पर्यावरण प्रदूषण को भी कम करें। फसलों में लगने वाले कीट व रोग एवं खरपतवार की समस्या के निवारण के लिए किसान व्हाट्सएप नंबर 9452247111 अथवा 9452257111 पर प्रभावित पौधों की फोटो सहित अपनी समस्या और पूरा पता लिखकर भेज सकते हैं। उनकी समस्याओं का निराकरण 48 घंटे में किसान के मोबाइल पर कर दिया जायेगा।

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