साल में 100 दिन भी नहीं मिलता काम, मजदूरी में भी कटौती
Kushinagar News - कुशीनगर में मनरेगा योजना के तहत मजदूरों को 100 दिन का रोजगार मिलना चाहिए, लेकिन अधिकांश गांवों में यह संभव नहीं हो पा रहा है। मजदूरों का आरोप है कि उन्हें समय पर मजदूरी नहीं मिल रही और कटौती भी की जा...

कुशीनगर। महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत हर गांव में मजदूरों को 100 दिन का रोजगार देने की गारंटी दी गई है, लेकिन सभी गांवों में न तो मजदूरों को 100 दिन का रोजगार मिल पा रहा है और न ही समय से मजदूरी दी जा रही है। मजदूरी में भी कटौती करने का आरोप मजदूरों की तरफ से लगाया जा रहा है। ऐसे में मजदूर खुद को ठगा महसूस करते हैं। खड्डा संवाद के अनुसार क्षेत्र के ग्राम मदनपुर सुकरौली में लगभग 800 जॉब कार्डधारक हैं। सरकारी मजदूरी कम होने की वजह से लगभग 300 ही जॉब कार्डधारक मनरेगा मजदूरी करते हैं।
यहां के मजदूरों का आरोप है कि न तो रोजगार मिलता है और न समय से मजदूरी। जो मिलती है, उसमें भी कटौती की जाती है। सुकरौली संवाद के अनुसार सुकरौली ब्लॉक में लगभग 18,251 जॉब कार्डधारक है। इनमें 12,733 जॉब कार्डधारक सक्रिय हैं। सुकरौली ब्लॉक के पिड़रा, बैरिया, बगरादेऊर, मुण्डेरा, बलुआ, रामपुर श्रीपाल, बरसैना व बिन्दुआर, गिदहा धनहा समेत अनय गांवों में मनरेगा योजना से मिट्टी भराई का कार्य चल रहा है। मनरेगा में कार्य कर रहे सोनू, किस्मत, नोखा देवी, गुड्डी देवी व सुनीता आदि ने बताया कि उन्हें काम मिल रहा है, लेकिन पिछले चार माह से मजदूरी न मिलने से काफी दिक्कत उठानी पड़ रही है। ------- क्या बोले मजदूर- पहले 237 रुपये सरकारी मजदूरी मिलती थी, लेकिन अब 252 रुपये के हिसाब से मजदूरी मिल रही है, जो मौजूदा बाजार दर से लगभग 150 रुपये कम है। वीरु, श्रमिक मदनपुर सुकरौली ------- एक साल में 90 दिन ही काम मिलता है। इससे घर का खर्च चलाना मुश्किल होता है। काम पाने के लिए भी काफी भागदौड़ करनी पड़ती है। शम्भू, श्रमिक मदनपुर सुकरौली ------- मनरेगा मजदूरी करने के बाद भी समय से पैसा नहीं मिल पाता। ग्राम प्रधान अपने पास से सरकार द्धारा निर्धारित 252 रुपये मजदूरी देते हैं। अगर सरकार की तरफ से राशन नहीं मिलता तो इतने कम पैसे में खाने के लाले पड़ जाते। जगदीश, श्रमिक मदनपुर सुकरौली ------- एक साल में 90 दिन भी काम बड़ी मुश्किल से मिलता है। गांव में मनरेगा के तहत कोई कार्य नहीं होने के चलते 100 दिन काम नहीं मिल पाता। मजदूरी समय से मिल जाती है, लेकिन कभी कभार मजदूरी मिलने में भी देरी हो जाती है। इससे बढ़िया बाहर काम करना है। वहां इसके दोगुना मजदूरी मिलती है। हीरालाल, श्रमिक मदनपुर सुकरौली
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