रसोइयों ने मांगों को लेकर किया प्रदर्शन, कहा अब और उत्पीड़न नहीं सहेंगे
Maharajganj News - महराजगंज में रसोइयों ने धरना-प्रदर्शन कर प्रशासन को सात सूत्रीय मांग पत्र सौंपा। उन्होंने आरोप लगाया कि जनसंख्या के आधार पर उन्हें कार्य से हटाया जा रहा है, जिससे उनकी आजीविका संकट में है। रसोइयों ने...
महराजगंज, हिन्दुस्तान टीम। जिले में राष्ट्रीय मध्याह्न भोजन योजना में कार्यरत रसोइयों ने धरना-प्रदर्शन कर प्रशासन को सात सूत्रीय मांग पत्र सौंपा। अध्यक्षता जिलाध्यक्ष संध्या ने की। रसोइयों ने आरोप लगाया कि उन्हें जनसंख्या के आधार पर कार्य से हटाया जा रहा है। इससे उनकी आजीविका पर संकट खड़ा हो गया है। रसोइयों ने कहा कि वे वर्षों से स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों में बिना नियमित वेतन के काम कर रही हैं, फिर भी उनसे सफाई, चुनाव और अन्य सरकारी कामों में भी जबरन ड्यूटी कराई जाती है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मांगें जल्द पूरी नहीं हुईं तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
रसोइयों का कहना है कि जनसंख्या के आधार पर उन्हें कार्य से हटाया जा रहा है, जबकि वे भोजन के साथ-साथ आंगनबाड़ी, चुनाव, पोलिंग बूथ व अन्य सरकारी कामों में भी योगदान देती रही हैं। इसके बावजूद उन्हें समय पर मानदेय नहीं मिलता है। इससे वे भुखमरी की कगार पर पहुंच चुकी हैं। इसके अलावा आंगनबाड़ी के बच्चों के लिए भोजन पर 50 पैसे प्रति हेड मजदूरी को बढ़ाकर 2 रुपये किया जाए तथा बकाया भुगतान हो। साथ ही सभी रसोइयों को नियुक्ति प्रमाण पत्र दिए जाएं। रसोइयों ने प्रशासन से मांगों के शीघ्र निस्तारण की अपील की है।
संरक्षक राजेंद्र प्रसाद ने कहा की अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग व गरीब वर्ग की महिलाएं और विधवाएं व पुरुष वर्षों से स्कूलों में भोजन बनाकर बच्चों को पोषण देने का काम कर रहे हैं। लेकिन अब उनकी रोजी-रोटी पर संकट मंडरा रहा है। उन्होंने कहा की रसोइयों से केवल भोजन का कार्य कराया जाए, लेकिन जबरन सफाई व अन्य कार्य कराना नियमविरुद्ध है। प्रधानाध्यापकों द्वारा बच्चों की संख्या बढ़ाने का दबाव व रसोइया को देर तक रोका जाता है। इस दौरान पाना, सुनीता, शांति, कुसुम, सावित्री, महेश, रामलाल, रामसेवक, श्रीराम आदि लोग मौजूद रहे।
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