अक्षय तृतीया पर हुआ पंचकल्याणक विधान का आयोजन
Mainpuri News - मैनपुरी। अक्षय तृतीया का पर्व जैन समाज द्वारा हर्षोल्लास से मनाया गया। भगवान आदिनाथ के पंचकल्याण विधान का आयोजन किया गया।

अक्षय तृतीया का पर्व जैन समाज द्वारा हर्षोल्लास से मनाया गया। भगवान आदिनाथ के पंचकल्याण विधान का आयोजन किया गया। श्रीजी के अभिषेक, शांतिधारा व परिमार्जन करने का सौभाग्यअ विशाल जैन, जौली, अक्षय मोदी, सुनील जैन, अमित जैन, सार्थक जैन को मिला। पंडित अभिनव जैन के सानिध्य में श्रीजी का भक्तिभाव से संगीतमय पूजन हुआ। बुधवार को कलश स्थापना के साथ विधान का शुभारंभ हुआ। पंडित जी ने श्लोकों का अर्थ समझाते हुए कहा कि संसार के परिभ्रमण, जन्म-मरण की प्रवृत्ति से मुक्ति प्राप्त करना ही पंचकल्याणक है। गर्भ, जन्म, दीक्षा, ज्ञान व मोक्ष मिलाकर पांच कल्याणक होते हैं। जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ का जन्म चैत्र कृष्ण नौंवी के दिन सूर्योदय के समय हुआ था। उन्हें जन्म से ही संपूर्ण शास्त्रों का ज्ञान था। आज के दिन मुनिराजों का आहार दान देने की विधि का उद्धव हुआ था। आगे इस विधि का पुन: क्षय न हो, इसलिए इस तिथि का नाम अक्षय रखा गया। चूंकि इस दिन वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि थी, इसलिए यह अक्षय तृतीय महापर्व के नाम से संपूर्ण जगत में विख्यात हुआ।
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